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गाजीपुर: लॉकडाउन में अस्पतालों से ज्यादा घरों में हुआ प्रसव

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में लाक डाउन किया गया है। जिला महिला अस्पताल में लाक डाउन के बाद पहले के अपेक्षा औसतन कम बच्चें पैदा हुए है। बीते 23 फरवरी 2020 से 20 मार्च 2020 तक 309 बच्चें पैदा हुए थे। वहीं 23 मार्च से 23 अप्रैल तक 130 बच्चें पैदा हुए है। महिला अस्पताल प्रशासन की ओर से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सेनेटाइजर व मास्क की व्यवस्था की गयी है। निजी अस्पतालों के बंद होने के कारण सरकारी अस्पताल में महिलाओं का प्रसव हो रहा है। वहीं गांवों की महिलाएं का प्रसव अधिकत्तर सीएससी व पीएससी पर ही करायी जा रही है। वहीं गांवों में घरों पर भी महिलाओं प्रसव कराया जाता है।

जिला महिला अस्पताल में लाक डाउन होने के बाद महिला प्रसव में कमी आयी है। क्षेत्रों में स्थित सीएससी व पीएससी मे महिलाओं का प्रसव अधिक कराया जा रहा है। वहीं अस्पताल प्रशासन को सूचना मिलने के बाद एंबेलेंस भेजकर महिला को अस्पताल लाया जाता है। पिछले वर्ष एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 तक 3499 बच्चें पैदा हुए थे। दस बच्चें रोजना पैदा हुए थे। वहीं 23 फरवरी 2020 से 23 मार्च 2020 तक 284 नार्मल व 25 बच्चें ऑपरेशन से कराएं गए। वहीं लाक डाउन होने के बाद 23 मार्च 2020 से 23 अप्रैल 2020 तक 107 बच्चें नार्मल व 23 बच्चें ऑपरेशन से पैदा हुए। निजी अस्पतालों के बंद होने के कारण घरों में भी डिलवरी करायी जा रही है। बच्चों के आकड़े कम होने पर जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डा. तारकेश्वर ने बताया कि डिलवरी घरों पर भी कराने का प्रयास हुआ है। कुछ जगह एंबुलेंस भेजकर लोगों को आसपास के स्वास्थ्य केंद्रों पर भी भेजकर डिलीवरी करायी गयी।

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