CoronaVirus: इजरायल और दक्षिण कोरिया की राह पर आगरा, अब इस टेस्टिंग से लड़ी जा रही जंग
गाजीपुर न्यूज़ टीम, आगरा। कोरोना की जांच के लिए मंगलवार से पूल सैंपलिंग शुरू की गई है। लखनऊ से आइ स्वास्थ्य विभाग की टीम के निर्देशन में स्थानीय टीम ने फतेहपुर सीकरी में रेेंडम किसी भी जगह से पूल सैंपल लिए। इन्हें जांच के लिए केजीएमयू, लखनऊ भेजा जाएगा। हॉट स्पॉट क्षेत्रों के आस पास हर रोज 100 पूल सैंपल लेने का लक्ष्य रखा गया है।
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने को केंद्र सरकार अब जर्मनी, इजरायल और दक्षिण कोरिया में अपनाई जा रही तकनीक रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट और पल टेस्टिंग का सहारा लेने का जा रही है। प्रदेश में आगरा सहित 15 जिलों में मंगलवार को पूल टेस्टिंग शुरु की गई। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ रही है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा सैंपल लेने के साथ ही पूल सैंपलिंग शुरू की गई है। सीएमओ डॉ मुकेश वत्स ने बताया कि पूल सैंपल में हॉट स्पॉट क्षेत्र के आस पास से पांच पांच के ग्रुप बनाकर सैंपल लिए जा रहे हैं। इन पांच लोगों के सैंपल से एक सुपर सैंपल बनेगा। सुपर सैंपल को जांच के लिए भेजा जाएगा। इसकी रिपोर्ट निगेटिव आती है तो आगे के क्षेत्र में सैंपल लिए जाएंगे। वहीं, पॉजिटिव आता है तो उसे चिन्हित कर दोबारा सैंपल लिए जाएंगे। इस तरह हर रोज पूल सैंपल लिए जाएंगे। 100 पूल सैंपल लेने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही स्थानीय टीम भी लगाई गई है।
क्या है पूल टेस्टिंग
गंलवार को आगरा में 328 और फतेहपुर सीकरी में 153 लोगों के सैंपल लिए गए हैं। इसमें नाक और गले के स्वैब के नमूने लिये जाते हैं। स्वैब सैंपल आरएनए आधारित होते है और शरीर में वायरस के आरएनए जीनोम के सबूत खोजने में मदद करते हैं। इसके बाद एक- एक नमूने को टेस्ट करने के बजाए सभी नमूनों काेे मिला लिया जाएगा और किसी एक की जांच होगी। नमूना निगेटिव आया तो सारे निगेटिव मान लिये जाएंगे। यदि पॉजिटिव आया तो फिर अलग अलग जांच होगी।
क्यों जरूरी है रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट
जब व्यक्ति किसी वायरस से संक्रमित होता है तो शरीर इसकी प्रतिक्रिया में एंटीबॉडीज बनाता है। टेस्ट में इन्हीं एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है। उंगली से एक दो बूंद खून का नमूना लिया जाता है। जिसका पहले टेस्ट न हुआ हो या वो खुद से ठीक हो गया हो उसकी पहचान इस टेस्ट से हो सकती है। इस टेस्ट से संक्रमित लोगों की संख्या का पता लगाया जा सकता है।