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ट्रेनों के कोच में लगेंगे प्‍लास्टिक के पर्दे, यात्रियों को मिलेंगे खादी के चादर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मुरादाबाद. कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ट्रेनों का संचालन बंद है। संचालन शुरू होने से पहले रेलवे ऐसे उपाय कर रहा है, जिससे वायरस किसी को अपनी चपेट में न ले सके। इसके तहत ट्रेनों के एसी कोच से कंबल को पूरी तरह से हटाने पर विचार कर रहा है। इसके स्थान पर खादी की मोटी चादर देने पर विचार किया जा रहा है। एक यात्री द्वारा प्रयोग करने इसे बाद इसे आसानी से धोया जा सकेगा। ट्रेनों के गंतव्य स्थान पर पहुंचते ही ट्रेनों के सभी कोच को सैनिटाइज भी किया जाएगा।

एसी कोच में लगे पर्दे हटा दिए गए थे 
देश में कोरोना का रोगी पाए जाने के साथ रेलवे प्रशासन ने तत्काल एसी कोच में लगे सभी पर्दे हटा दिए थे। इसके साथ अस्थायी रूप से यात्रियों को दिए जाने वाले कंबल हटाने पर मंथन चल रहा है। कंबल की धुलाई रोज-रोज नहीं हो सकती। इसकी धुलाई 15 दिन के बाद होती है। 15 दिन में एक कंबल को दर्जन भर से अधिक यात्रियों द्वारा प्रयोग किया जाता है। जिससे कोरोना वायरस फैलने का खतरा रहेगा।
सभी कोच को किया जाएगा सैनिटाइज
रेल प्रशासन ने ट्रेन संचालन शुरू करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। ट्रेनों के गंतव्य स्थान पर पहुंचने के बाद सभी कोचों को सफाई करने के साथ सैनिटाइज किया जाएगा, तभी वापसी के लिए ट्रेने को चलाया जाएगा। एसी कोच में लगे पर्दा व कंबल पर रेलवे प्रशासन विचार कर रहा है। कपड़े के स्थान पर प्लास्टिक का पर्दा लगाया जा सकता है, जिससे कोच की धुलाई के साथ आसानी से धोया जा सकेगा। एसी कोच में मिलने वाले सफेद चादर, तकिया कवर व तौलिया तो एक यात्री के प्रयोग करने के बाद धुलाई कराई जाती है। वहीं, कंबल के स्थान पर खादी या सिंथेटिक कपड़े का चादर दिया जाएगा। यात्री के प्रयोग करने के बाद उसकी भी धुलाई कराई जाएगी, तब दूसरे यात्रियों को प्रयोग के लिए दिया जाएगा।

आठ एक्‍सप्रेस ट्रेनेंं चलती हैं
मुरादाबाद रेल मंडल में आठ एक्सप्रेस ट्रेनेंं बनकर चलती हैं। इन ट्रेनों में चादर व कंबल बरेली, देहरादून व हरिद्वार से उपलब्ध कराए जाते हैं। यहां से भी कंबल हटा दिए गए हैं। प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण एसी कोच से कंबल व पर्दे हटा दिए गए हैं। इसके स्थान पर मोटी चादर उपलब्ध कराने पर विचार किया जा रहा है।
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