यूपी में स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की नई व्यवस्था, नहीं लगानी पड़ेगी लाइन अब रजिस्ट्री होगी ऑनलाइन
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ । कोरोना संक्रमण से बचाव में मजबूरन अपनाई गई शारीरिक दूरी उत्तर प्रदेश के लोगों को एक नई सुविधा भी देने जा रही है। इन दिनों जनता के कामकाज न रुकें और संक्रमण का भी खतरा न हो, इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत ही स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ऑनलाइन रजिस्ट्री शुरू करने जा रहा है। वेबसाइट आदि बनकर तैयार है। प्रक्रिया शुरू होते ही रजिस्ट्री की सारी औपचारिकताएं एक क्लिक से घर बैठे पूरी होंगी। सिर्फ हस्ताक्षर व गवाही के लिए वक्त लेकर उपनिबंधक के पास निबंधन कार्यालय जाना होगा।
जनता की सहूलियत के लिए ही सरकारों का ई-गवर्नेंस पर जोर है। अब अधिकांश विभागों से संबंधित कार्य ऑनलाइन ही हो रहे हैं लेकिन, तमाम पेंचीदगियों के चलते अब तक संपत्ति की रजिस्ट्री का काम ऑनलाइन शुरू नहीं हो सका था। इसमें बाधा यही थी कि दस्तावेजों में किसी प्रकार के हेरफेर की कोई आशंका न रहे। मगर, कोरोना की वजह से लॉकडाउन हुआ तो अन्य गतिविधियों के साथ रजिस्ट्री पर भी रोक लग गई। अब जब सरकार इस मंथन में जुटी है कि सावधानी बरतते हुए राजस्व के कौन-कौन से रास्ते खोले जाएं तो इसमें रजिस्ट्री शुल्क के रूप में भी बड़ा जरिया दिखा है।
स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के मंत्री रविंद्र जायसवाल ने बताया कि लॉकडाउन में भी प्रदेशवासियों को ऑनलाइन रजिस्ट्री की सुविधा दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पहले प्रयास यही था कि 15 अप्रैल से इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाए, लेकिन अब 20 अप्रैल से ऑनलाइन रजिस्ट्री शुरू करने की तैयारी है। इसमें खास बात है कि सारी औपचारिकताएं संबंधित वेबसाइट पर जाकर घर बैठे ही पूरी की जा सकेंगी। सिर्फ पक्षकारों को हस्ताक्षर, गवाही आदि के लिए एक बार निबंधक के सामने कार्यालय में उपस्थित होना होगा। उसके लिए भी ऑनलाइन ही समय लिया जा सकेगा।
अपॉइंटमेंट का विकल्प भी वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ पर ही दिया गया है। ऐसे में रजिस्ट्री कार्यालय में इंतजार या लाइन लगने का झंझट नहीं रहेगा। मंत्री के मुताबिक इस व्यवस्था में कायार्लय के अंदर भीड़ न जुटने के कारण कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा भी नहीं रहेगा। फिर भी, शारीरिक दूरी बनाए रखने के साथ ही कार्यालय में सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।
कैशलेस रहेंगे निबंधन कार्यालय
मंत्री रविंद्र जायसवाल का कहना है चूंकि रुपये के लेन-देन से भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा रहता है इसलिए निबंधन कार्यालय पूरी तरह से कैशलेस रहेंगे। यानी, ऑनलाइन रजिस्ट्री कराने के लिए ऑनलाइन ही स्टाम्प ड्यूटी जमा होगी। निबंधन शुल्क भी ऑनलाइन ही जमा करने की सुविधा रहेगी। मंत्री का स्पष्ट तौर पर कहना है कि निबंधन कार्यालय में सिर्फ हस्ताक्षर आदि करने के लिए पहुंचना होगा। जायसवाल का मानना है कि नई व्यवस्था में रजिस्ट्री कराने वालों को मात्र कुछ मिनट ही कार्यालय में रहना होगा।
यह है वेबसाइट
https://igrsup.gov.in
ये है प्रक्रिया
- वेबसाइट पर उपलब्ध प्रोफार्मा में सबसे पहले संबंधित जिले, तहसील और उपनिबंधक का चयन करें।
- वर्तमान में काम कर रहा 10 अंक का मोबाइल नंबर दर्ज करें। लेखपत्र पंजीकरण से संबंधित महत्वपूर्ण सूचनाएं भेजने के लिए इस मोबाइल नंबर का उपयोग किया जा सकता है।
- पासवर्ड कम से कम आठ डिजिट और अधिकतम 12 डिजिट का होना चाहिए। इनमें से एक अंग्रेजी का कैपटिल अक्षर, एक अंग्रेजी का स्माल अक्षर, एक स्पेशल कैरेक्टर तथा एक अंक का होना अनिवार्य है। स्पेशल कैरेक्टर के लिए @, #, * या $ में से किसी एक को चुना जा सकता है।
- जो पासवर्ड भरा जाए, उसे भविष्य के लिए नोट करके रख लें। आगे की कार्यवाही/प्रविष्टि में इसकी जरूरत पड़ेगी।
- आवेदन पत्र हिंदी भाषा में ही भरा जाएगा। इसके लिए संरचना हिंदी टाइपिंग टूल , गूगल इन्डिक टूल या किसी अन्य यूनीकोड इनबिल्ड हिंदी टाइपिंग टूल का उपयोग करें।
- आवेदन करने से पहले विलेख को दस्तावेज लेखक, विधि वेत्ता और स्वयं के द्वारा तैयार किया जाएगा।
- सभी पक्षकारों व हसिया गवाहों के हस्ताक्षर नियमानुसार पहले की तरह ही किए जाएंगे ।
- लेखपत्र व ऑनलाइन आवेदन पूरा करने के बाद सभी पक्षकारों व हसिया गवाहों के पहचान पत्र, निवास के मूल प्रपत्रों के साथ संबंधित उपनिबंधक के सामने प्रस्तुत किया जाएगा ।
- निबंधन विभाग के मुख पृष्ठ पर संपत्ति पंजीकरण के लिए अपॉइंटमेंट विकल्प चुनकर पक्षकार समय और तिथि का चयन कर सकते हैं।