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कोरोना मरीज बढ़ने पर मेयर ने CM योगी को लिखा पत्र, योगी जी- स्‍थानीय प्रशासन नकारा, आप आगरा को बचाएं

गाजीपुर न्यूज़ टीम, आगरा, आगरा देश का वुहान बन सकता है। स्थानीय प्रशासन नाकारा साबित हुआ है। ...हॉट स्पाट एरिया में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों में कई-कई दिनों तक जांच नहीं हो पा रही। न ही मरीजों के लिए भोजन पानी का उचित प्रबंध हो पा रहा। ...स्थिति विस्फोटक है। मेरे आगरा को बचा लीजिए, प्लीज। यह अंश उस पत्र के हैं जो मेयर नवीन जैन ने 21 अप्रैल को जिले के प्रभारी मंत्री डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा और मुख्यमंत्री को लिखा। चार दिन बाद शनिवार को यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। मेयर पत्र को सही बता रहे हैं।

वायरल पत्र में मेयर ने आगरा मॉडल के नाम पर वाहवाही लूट रहे स्थानीय प्रशासन के साथ सीएमओ को भी कठघरे में खड़ा किया है। लिखा है कि सीएमओ जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं संभाल नहीं पा रहे हैं। पत्र में उन्होंने पिछले दिनों डायलिसिस न हो पाने के कारण आरवी सिंह पुंढीर की मौत का हवाला भी दिया है। उन्होंने सीएम व डिप्टी सीएम से भावुक अपील की है कि आगरा संकट में है, मेरे आगरा को बचा लीजिए। 'जागरणÓ से बातचीत में मेयर ने कहा कि उन्होंने चार दिन पहले पत्र लिखा था। दूध, सब्जी, फल आदि की व्यवस्थाओं में सुधार हुआ है। पत्र किसी ने लीक किया है।


ये भी लगाए आरोप

- सरकारी अस्पतालों में कोरोना के अलावा अन्य मरीजों का नहीं हो रहा इलाज।

- डायलिसिस, अन्य जांचें व समुचित उपचार न होने के कारण मरीज मर रहे हैं। दवाइयां भी नहीं मिल रहीं।

-प्राइवेट अस्पताल के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूरी हो रही, धरातल पर कुछ नहीं।

- आवश्यक वस्तुएं (सब्जी, फल, दूध) की डोर स्टेप डिलीवरी के दावे तो किए जा रहे पर जनसामान्य तक नहीं पहुंच पा रहीं।

- वरिष्ठ अधिकारी घरों से नहीं निकल रहे, सिर्फ 15-20 मिनट के लिए फोटो खिंचाने निकल रहे।

- इनके क्रियाकलापों से आम जनमानस में आक्रोश है, जनता जनप्रतिनिधियों, भाजपा सरकार को कोस रही है।


मेयर ने अपने पत्र में लिखा है कि 'सेवा में, मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ जी, मान्‍यवर सादर प्रणाम, अवगत कराना है कि आगरा शहर में वैश्विक महामारी कोरोना के मरीजों की संख्‍या 313 तक पहुंच चुकी है। आशंका है कि यदि उचित प्रबंधन नहीं हुआ तो इस संख्‍या में काफी बढ़ोत्‍तरी हो सकती है और आगरा देश का वुहान बन सकता है। स्थिति को नियंत्रित करने में स्‍थानीय प्रशासन नकारा साबित हुआ है। स्‍थानीय प्रशासन द्वारा हॉट स्‍पॉट क्षेत्र में बनाए गए क्‍वारंटाइन सेंटर्स में कई कई दिनों तक जांच नहीं हो पा रही है। और न ही वहां मरीजों के लिए भोजन एवं पानी का उचित प्रबंधन किया जा रहा है। सरकारी अस्‍पताल में कोरोना मरीजों को छोड़कर अन्‍य मरीजों को भी नहीं देखा जा रहा है। स्थिति विस्‍फोटक हो चुकी है। डायलिसिस, अन्‍य जांचेंं व समुचित उपचार न होने के कारण मरीज मर रहे हैं। जिसका उदाहरण सिकंदरा निवासी आरबी सिंह पुंढीर हैं। 

दवाएं न मिलने के कारण लोग परेशान हैं। प्राइवेट हॉस्पिटल बंद हैंं और जो मरीज गंभीर बीमारियों से ग्रस्‍त हैं उनका उपचार भी नहीं हो पा रहा है। प्राइवेट हॉस्पिटलों के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति की जा रही है। धरातल पर कोई कार्य नहीं हो रहा है। लॉकडाउन में आवश्‍यक सेवाएं, खाद्य एवं रसद सामग्री के डोर स्‍टेप डिलीवरी के दावे तो किये गए किंतु ये सभी आवश्‍यक वस्‍तुएं जन सामान्‍य तक समुचित ढंग से नहीं पहुंच पा रही हैं। जहां कहीं उपलब्‍ध हैं तो वहां जमकर काला बाजारी हो रही है। आगरा के मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी भी जिला अस्‍पताल की व्‍यवसथाओं को नहीं संभाल पा रहे हैं। वरिष्‍ठ अधिकारी अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। केवल 15- 20 मिनट के लिए फोटोग्राफी कराने के उद्देश्य से बाहर निकलते हैं। जिससे रिकॉर्ड रखा जा सके। इन क्रिया कलापों की वजह से आम जनमानस भाजपा की सरकार एवं जनपव्रतिनिधियों को कोस रही है। तथा आम जनमानस में काफी आक्रोश व्‍याप्‍त है। स्‍थानीय प्रशासन पंगु बना हुआ है, जिसके कारण सरकार की छवि धूमिल हो रही है। 


मैं बहुत दुखी मन से आपको पत्र लिख रहा हूं। मेरा आगरा अत्‍याधिक संकट के दौर से गुजर रहा है। आगरा को बचाने के लिए कड़े निर्णय लेने की आवश्‍यकता है। स्थिति अत्‍याधिक गंभीर हो चुकी है, इसलिए मैं आपसे हाथ जोड़कर प्रर्थना कर रहा हूं कि मेरे आगरा को बचा लीजिए, बचा लीजिए। 

अत: महोदय से अनुरोध है कि उपरोक्‍त तथ्‍यों को ध्‍यान में रखते हुए आवश्‍यक कार्रवाई कराने की कृपा करें। जिससे आगरा शहर की जनता राहत की सांस ले सके।

सादर 
भवदीय 
नवीन जैन, महापौर आगरा'
पत्र भेजने के बाद बैकफुट पर मेयर 

मैंने 21 अप्रैल को सीएम व डिप्टी सीएम को पत्र भेजा था। वहां से तो कोई जवाब नहीं आया पर यहां दवाई, सब्जी, दूध व किराना की आपूर्ति में सुधार हुआ है। अभी कोरोना जांच की संख्या से संतुष्ट नहीं हूं। अन्य मरीज भी परेशान है। डायलिसिस व अन्य जांच की समुचित व्यवस्था नहीं हुई है। लॉकडाउन में सीएम के आदेश पर घर पर हूं। नगर निगम रोज 15 वार्डों में फॉगिंग, एंटी लार्वा का छिड़काव करवा रहा है। सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त है।-नवीन जैन मेयर

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