लखनऊ में 89 कोरोना संक्रमित, कब्रिस्तान में शव दफनाने का विरोध करने वालों पर एफआइआर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। गुरुवार को केजीएमयू में 929 सैम्पल की जांच रिपोर्ट में लख़नऊ के दो मरीजों में वायरस की पुष्टि हुई है। मरीज़ों की कुल संख्या अब 89 पहुंच गई है। इसमें लख़नऊ निवासी 67 मरीज हैं। शेष दूसरे जनपद के तबलीगी जमात के हैं। शहर में 15 मार्च को कोरोना वायरस से संक्रमण का पहला केस मिला था। एक महीने बाद बुधवार को पहली मौत हुई। नए मरीजों में आठ महिलाएं और तीन बच्चियां मंगलवार को सीएमओ की टीम ने 160 सैंपल जांच के लिए केजीएमयू भेजे थे। वहीं, बुधवार को लैब की रिपोर्ट में 31 शहरवासियों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इनमें से 28 सदर के हैं। शेष नजीराबाद के नयागांव के हैं। नए मिले 31 नए मरीजों में से 23 पुरुष हैं, वहीं आठ महिलाएं वायरस की चपेट में आई हैं। इनमें से तीन बच्चियां भी हैं। वहीं बुधवार को शव को दफनाने का विरोध करने वाले 150 अज्ञात लोगों पर पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर ली है।
मामला छिपाने से बढ़ती गई समस्या
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में भर्ती कोरोना संक्रमित लखनऊ के एक बुजुर्ग की बुधवार को मौत हो गई। लखनऊ में कोरोना से मौत का यह पहला मामला है। इसके अलावा शहर में 31 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। राजधानी में एक दिन में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में मरीज मिले हैं। नजीराबाद के नयागांव निवासी 64 वर्षीय बुजुर्ग डायबिटीज से पीडि़त थे। वह सऊदी से लौटे थे। उनके तब्लीगी जमात के संपर्क में आने की चर्चा रही। वह पिछले कई दिनों से तेज बुखार और जुकाम से पीडि़त रहे। मगर, सरकारी महकमे से छिपाए रहे। निजी अस्पतालों में इलाज कराया। उनकी हालत गंभीर हो गई। सांस लेने में तकलीफ होने लगी। ऐसे में शनिवार को शाम पांच बजे ट्रॉमा सेंटर में उन्हें भर्ती कराया गया।
जांच में सोमवार को वे कोरोना पॉजिटिव निकले, जिस पर उनका इलाज करने वाले केजीएमयू के करीब 65 डॉक्टरों और कर्मचारियों को क्वारंटाइन करना पड़ा। इस दौरान मरीज की हालत बिगड़ती चली गई। संक्रामक रोग विभाग में करीब चार दिन वेंटिलेटर पर उनका इलाज चला। डायबिटीज के चलते मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम थी। वहीं, किडनी में भी दिक्कत आ गई। कोरोना का वायरस शरीर पर हमला करता चला गया। वायरस स्वस्थ कोशिकाओं में फैलता चला गया। ऐसे में बुजुर्ग का शरीर वायरस से उबरने में नाकाम रहा। उनकी किडनियां फेल हो गईं। बुधवार दोपहर सवा दो बजे उनकी मौत हो गई। केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बुजुर्ग की मौत की पुष्टि की है।
संक्रमित बुजुर्ग का शव दफनाने काे लेकर विरोध
राजधानी में कोरोना से संक्रमित बुजुर्ग की मौत होने के बाद बुधवार रात शव के दफन को लेकर ऐशबाग कब्रिस्तान के मुतवल्ली व अन्य लोगों ने विरोध कर दिया। शव दफनाने से इलाके में संक्रमण फैलने की बात बोलकर स्थानीय लोगों ने भी विरोध शुरू कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और लोगों को समझाने की कोशिश की। हालांकि देर रात तक शव कहां दफनाया जाए, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। एडीसीपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक म्रतक के परिवारजन और कब्रिस्तान के मुतवल्ली व अन्य लोगों से बातचीत की जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं गुरुवार को कोरोना संक्रमित बुजुर्ग के शव को दफनाने को लेकर विरोध करने वाले लोगों पर पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर दी है। इसमें बाजार खाला थाने में सात नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई है।