उत्तर प्रदेश के हर जिले में 15 हजार प्रवासी मजदूरों को ठहराएगी योगी सरकार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ, उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को राज्य में वापस लाए जाने पर योगी सरकार उन्हें 15 दिन का मुफ्त राशन देने के साथ एक हजार रुपये की आर्थिक मदद भी देगी। हर जिले में कम से कम 15 हजार प्रवासी श्रमिकों को ठहराने की व्यवस्था होगी। आश्रय स्थलों में श्रमिकों का पंजीकरण करने के बाद यह रकम सीधे उनके खाते में भेज दी जाएगी।
दूसरे राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के तकरीबन 10 लाख मजदूरों को यहां लाने और उन्हें क्वारंटाइन करने के बारे में अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने शासनादेश जारी कर दिया है। यूं तो हर जिले में 15 हजार मजदूरों को ठहराने का इरादा है, लेकिन पूर्वांचल के कुछ जिलों के लोग बड़ी संख्या में अन्य राज्यों में काम कर रहे हैं। ऐसे जिलों में और ज्यादा मजदूरों के ठहराने की व्यवस्था होगी।
इन मजदूरों को 14 दिनों तक क्वारंटाइन करने के लिए अस्थायी आश्रय स्थल बनाने, खाने और अन्य जरूरी इंतजाम जिलाधिकारी कराएंगे। आश्रय स्थलों में रहने वालों का पंजीकरण करने के बाद उनके खाते में धनराशि भेजी जाएगी। इस बारे में श्रम विभाग जल्द ही आदेश जारी करेगा।
मजदूरों को क्वारंटाइन करने के लिए पर्याप्त संख्या में कमरे, शौचालय, स्नान घर, अस्थायी किचन और उनकी सफाई के साथ विद्युत आपूर्ति, प्रकाश व्यवस्था, चिकित्सा सुविधा व सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं। पूर्व में स्कूलों व पंचायत भवनों में बनाए गए आश्रय स्थलों के अलावा अब निजी स्कूलों, मैरिज हाल, मोटल, लॉज, धर्मशाला आदि में इन्हें बनाया जाएगा। जहां ज्यादा प्रवासी श्रमिक व बेघर रह रहे हैं वहां, पास में कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की जाएगी।
लॉकडाउन: अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों को एक-एक हजार रुपये और 15 दिन का मुफ्त राशन देगी योगी सरकार
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हरियाणा और उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश के लोगों को लाने का कार्य शुरू हो गया है। शनिवार को 2200 और अब तक 9800 लोगों को वापस लाया गया है। कुछ लोग रास्ते में भी हैं।
भागने न पाएं मजदूर
इस बात का भी ख्याल रखा जाएगा कि क्वारंटाइन किए गए मजदूर भागने न पाएं। लाउडस्पीकर के जरिये उन्हें यह समझाया जाएगा कि यदि वे 14 दिन से पहले जाते हैं तो अन्य लोगों को खतरे में डालेंगे।