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मुरादाबाद में स्वास्थ्य व पुलिस टीम पर हमला करने वाले 17 भेजे गए जेल, रात में तीन बजे लगी कोर्ट

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मुरादाबाद। कोरोना वायरस के संक्रमण में बुरी तरह से घिरे मुरादाबाद में बुधवार को पुलिस तथा स्वास्थ्यकर्मियों पर जानलेवा हमला करने वाले 17 लोगों को जेल भेजा गया है। पीतलनगरी में इस मामले में रिमांड मजिस्ट्रेट ने रात तीन बजे कोर्ट लगाई। इन सभी को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है। इस प्रकरण में सुरक्षा के मद्देनजर रिमांड मजिस्ट्रेट के आवास पर कोर्ट लगाई गई थी।

पीतलनगरी मुरादाबाद के नवाबपुरा में हाजी नेब की मस्जिद के चौराहे के पास कोरोना के योद्धाओं की टीम पर हमला और पथराव करने वालों की तलाश में रात भर पुलिस दबिश देती रही। गुरुवार सुबह पांच बजे मां-बेटी समेत 17 उपद्रवियों को कोर्ट में पेश किया गया। वहां से सभी को जेल भिजवा दिया गया। मामले में पुलिस ने 12 और लोगों को हिरासत में लिया है। उनकी निशानदेही पर दबिश दी जा रही है। सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के आधार पर पुलिस ने 40 उपद्रवियों की पहचान की है। हमलावरों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत भी कार्रवाई होगी।

मुरादाबाद के थाना नागफनी क्षेत्र के नवाबपुरा में हाजी नेब वाली मस्जिद निवासी कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति की दो दिन पहले मौत हुई थी। इससे पहले उस व्यक्ति के बड़े भाई की पांच अप्रैल को मौत हो गई थी। उसकी कोरोना जांच नहीं हुई थी लेकिन, दोनों ही चेन्नई से लौटकर आए थे। बुधवार को डॉ. सुधीश चंद्र अग्रवाल की अगुआई में स्वास्थ्य विभाग की टीम मृतक के परिवार वालों को क्वारंटाइन कराने गई थी। तब टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया था। पथराव करके भीड़ ने टीम के तीन वाहनों को तोड़ दिया था।
घटना के बाद पुलिस ने 21 को नमजद करते हुए 221 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मातहतों द्वारा बनाई गई वीडियो से पहचान कर मां-बेटी सहित 17 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। गुरुवार सुबह छह बजे ही सभी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि आरोपितों की पहचान कराई जा रही है। अन्य आरोपितों की तलाश में दबिश दी जा रही है।

चल रही है चिह्नित करने की कार्रवाई 
मुरादाबाद रेंज के आइजी रमित शर्मा ने बताया कि अभी भी नवाबपुरा बवाल में शामिल लोगों को चिह्नित करने की कार्रवाई चल रही है। स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस पर हमला करने वाले किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। कोई बेगुनाह जेल नहीं जाएगा। गुनाहगारों में महिलाओं समेत सभी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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