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Coronavirus Guideline : सावधानी के 150 कदम उठाएं, अस्पताल से इंफेक्शन दूर भगाएं

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. प्रदेश में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। लापरवाही के कारण अस्पतालों में भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। इसके चलते डॉक्टर और कर्मचारी वायरस की चपेट में आ रहे हैं। लिहाजा, शासन ने हर जनपद में कोविड-19 इंफेक्शन कंट्रोल कमेटी बनाने का फैसला किया है। संक्रमण नियंत्रण के लिए केजीएमयू इन कमेटियों को डेढ़ सौ बिंदुओं का प्रोटोकॉल जल्द जारी करेगा। इन्हें हर कोविड अस्पताल में लागू किया जाएगा।

सरकार ने कोविड-19 के इलाज के लिए तीन श्रेणी के अस्पताल बनाए हैं। इनमें लेवल वन में सीएचसी, लेवल टू में जनपद अस्पताल और मेडिकल कॉलेज तथा लेवल थ्री में सुपर स्पेशियलिटी इंस्टीट्यूट को शामिल किया गया है। इन्हेंं कोरोना मरीजों का रेफरल सेंटर भी घोषित किया गया है। 

लखनऊ में पीजीआइ के ट्रॉमा सेंटर और लोहिया संस्थान के मातृ-शिशु रेफरल अस्पताल को लेवल-थ्री का दर्जा दिया गया है। कोविड अस्पतालों में मरीजों को कोरोना का इलाज तो बेहतर मिल रहा है, मगर वहां कार्यरत कर्मचारी और डॉक्टर संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। इसका प्रमुख कारण इंफेक्शन कंट्रोल प्रोटोकॉल की ठोस गाइडलाइन लागू न होना है। लिहाजा, डीजी हेल्थ रुकुमकेश ने सभी जिलों में कोविड-19 इंफेक्शन कंट्रोल कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं। 

लखनऊ में निगरानी के लिए बनी कमेटी
निर्देश के बाद राजधानी में कोविड-19 जनपदस्तरीय दस सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है। मंगलवार को सीएमओ दफ्तर में डॉ. शीतल वर्मा केजीएमयू, डॉ. आरवी सिंह एसीएमओ, डॉ. कमल कुमार एसीएमओ, डॉ. रामकरन क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, डॉ. आशुतोष प्रताप सिंह सिविल अस्पताल, डॉ. सुनील अग्रवाल बलरामपुर अस्पताल, डॉ. अमित मिश्रा एईई प्रदूषण नियंत्रण, डॉ. राधादास यूनीसेफ, डॉ. गौरव यूनीसेफ, डॉ. सुरभि डब्लूएचओ को कमेटी में शामिल किया गया है।

हर अस्पताल को मिलेगी चेकलिस्ट
केजीएमयू के माइक्रो बायोलॉजी विभाग द्वारा इंफेक्शन कंट्रोल करने के लिए प्रोटोकॉल जारी किया जाएगा। इसमें संक्रमण से बचने के लिए 150 प्वाइंट की एक चेक लिस्ट अस्पतालों को दी जाएगी। हर रोज इनमें टिक कर संक्रमण बचाव संबंधी गाइड लाइन की मॉनीटरिंग करनी होगी। इसमें एनवायरमेंटल क्लीनिंग, बायो मेडिकल वेस्ट, कोरोना मरीजों की लांड्री, डेड बॉडी पैकिंग व हैंडलिंग, हैंड हाईजीन, रेस्पिरेटरी हाईजीन के अलावा लिफ्ट से लेकर एंबुलेंस तक को संक्रमण मुक्त करने की व्यवस्था करनी होगी।
 
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