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हाई कोर्ट ने सभी अंतरिम आदेशों को एक बार फिर बढ़ा दिया, अब सभी कोर्ट के आदेश 10 मई तक रहेंगे प्रभावी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज, कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की सभी अदालतों, कामर्शियल कोर्ट, दुर्घटना दावा अधिकरण, भूमि अधिग्रहण व पुनर्वास अधिकरण पारिवारिक अदालतों, श्रम अदालतों, औद्योगिक अधिकरणों व अन्य अधिकरणों द्वारा जारी अंतरिम आदेशों को एक बार फिर बढ़ा दिया है। अब पूर्व में पारित अंतरिम आदेश 10 मई तक प्रभावी रहेंगे। जमानत के आदेश 15 मई तक जारी रहेंगे। बेदखली, कब्जा हटाने या ध्वस्तीकरण आदेशों पर रोक 15 मई तक जारी रहेगी।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर दिया है। इससे पहले खंडपीठ ने जनहित याचिका कायम कर 19 मार्च से अगले एक माह के दौरान समाप्त होने वाले सभी अंतरिम आदेशों की अवधि 26 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी थी, लेकिन लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ने के कारण हाई कोर्ट ने एक बार फिर अंतरिम आदेशों को बढ़ा दिया है।

हाई कोर्ट ने कहा है कि जो आदेश अगले आदेश पर निर्भर हैं, उन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। कोर्ट ने यह भी कहा है कि आपराधिक मामले में अग्रिम जमानत या नियमित जमानत दी गई है और एक माह में उसकी अवधि पूरी हो रही है तो वह अगले 10 मई तक जारी रहेगी।

हाई कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट या जिला अदालतों द्वारा यदि कोई ध्वस्तीकरण या बेदखली आदेश जारी किया गया है तो वह भी 10 मई तक निष्प्रभावी रहेगा। कोर्ट ने आदेश की प्रति प्रदेश के महाधिवक्ता, अपर सालीसिटर जनरल ऑफ इंडिया, सहायक सालिसीटर जनरल ऑफ इंडिया, राज्य लोक अभियोजक व यूपी बार काउंसिल के चेयरमैन को भेजने का आदेश दिया है।

हाई कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 226 एवं 227 के अंतर्गत मिली शक्तियों का प्रयोग कर वादकारियों के हित में यह सामान्य समादेश जारी किए हैं। यह आदेश हाईकोर्ट के अलावा सभी जिला अदालतों, हाईकोर्ट क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाले सभी अधिकरणों व न्यायिक संस्थाओं पर लागू होगा।

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