पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगे CM योगी आदित्यनाथ, कोरोना वायरस से जंग के लिए प्रतिबद्धता
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ पौड़ी में अपने पिता आनंद सिंह बिष्ट के अंतिम संस्कार में शामिल नही होंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस बाबत अपने परिवार को एक पत्र भी लिखकर अपील की है।
उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण से जंग के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताने के साथ ही माँ से भावुक अपील की। उन्होंने लिखा है कि लॉकडाउन का पालन करते हुए पिता जी के अंतिम संस्कार में कम से कम लोग शामिल हों।मां को सम्बोधित पत्र में उन्होंने लिखा है कि पिता को श्रद्धांजलि। हम अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने लिखा है कि पिताजी के कैलाशवाली होने पर मुझे भारी दुख और शोक है।
वे मेरे पूर्वाश्रम के जन्मदाता हैं। जीवन में ईमानदारी, कठोर परिश्रम और निस्वार्थ भाव से लोक मंगल के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य करने का संस्कार बचपन में उन्होंने मुझे दिया। अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने का कर्तव्यबोध के कारण मैं अंतिम दर्शन न कर सका। कल 21 अप्रैल को लॉकडाउन के कारण अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले पाऊंगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए परिवार से अपील की लॉकडाऊन का पालन में कम से कम अंतिम संस्कार में लोग शामिल हो। मैं लॉकडाउन समाप्त होने के बाद उनके दर्शनार्थ के लिए आऊंगा। उन्होंने कहा है कि वह कल पौड़ी में पिता के अंतिम संस्कार में नहीं जा रहे हैं। उनकी भी पिता के अंतिम दर्शन की इच्छा थी पर कोरोना की लड़ाई की वजह से वह ऐसा नहीं कर पा रहे। पूज्य पिताजी की स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं। लॉकडाउन के बाद दर्शनार्थ आऊंगा।
एम्स दिल्ली में आज निधन होने के बाद उनके पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पंचूर यमकेश्वर जनपद पौड़ी लाया जाएगा। दिल्ली से उनके सीएम योगी आदित्यनाथ के छोटे भाई महेंद्र सिंह बिष्ट व अन्य स्वजन साथ में है। उनका पार्थिव शरीर सड़क मार्ग के जरिये लाया जाएगा। इसके साथ ही पंचूर (पौड़ी) के समीप थल नदी में दो हेलीपैड बनाए गए हैं।
संत बनने के बाद परिवार के नाम पर कोई नहीं होता
हमारी सनातन संस्कृति में संत बनने के बाद परिवार के नाम पर कोई नहीं होता। अगर लोक बंधन के संबंध रिश्ते जीवित हैं तो वह संत कदापि नहीं हो सकता! इन्हीं मर्यादाओं का पालन करते हुए जिन्होंने सन्यास जीवन को धारण किया है उनके लिए संसार में सभी सगे हो सकते हैं! लेकिन परिवार के रिश्ते नाते नहीं। भगवान राम भी अपने 14 साल के सन्यासी वनवास काल में अपने पिता दशरथ की मृत्यु की खबर मिलने के बाद भी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए थे।
निधन की सूचना मिलते ही सीएम योगी आदित्यनाथ की आंखें नम हो गईं
इससे पहले आज पिता के निधन की सूचना मिलते ही सीएम योगी आदित्यनाथ की आंखें नम हो गईं, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर अपनी कोर टीम की बैठक उन्होंने जारी रखी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोर टीम के साथ बैठक करते रहे। बैठक में उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोटा से उत्तर प्रदेश लौटे सभी बच्चों का का होम क्वारंटाइन कराना सुनिश्चित कराएं। इसके साथ ही सभी बच्चों के मोबाइल में आरोग्य सेतु डाउनलोड कराने के बाद उनको घर भेजा जाए।