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कोटा से आ रहे बच्चों का रैपिड किट से होगा टेस्ट, रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही घर जा पाएंगे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. कोटा में फंसे बच्चों को जिलों की सीमा पर जांच के बाद ही घर जाने की इजाजत मिल सकेगी। जिला प्रशासन ने बच्चों की जांच की तैयारी शुरू कर दी है। सभी बच्चों का रैपिड किट से टेस्ट कराया जाएगा।जो बच्चे निगेटिव होंगे उन्हें ही घर जाने की इजाजत मिलेगी। रैपिड किट शासन से जिलों को उपलब्ध करा दिया गया है। जांच के लिए जहां बच्चों को रोका जाएगा वहां पहले से खाने पीने की भी व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए नोडल अधिकारियों की भी तैनाती कर दी गई है। बच्चों को लेने के लिए बनारस, आगरा और झांसी रीजन से बसें भेजी गई हैं। बच्चों के लिए स्कूलों और होटलों में इंतजाम किये जा रहे हैं। उम्मीद है कि शनिवार की रात से बच्चे अपने जिलों में आने लगेंगे।

कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे यूपी के आठ हजार छात्रों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार को परिवहन निगम की बसें आगरा मंडल से भेजी गई थीं। सभी बसों को पहले सेनेटाइज किया गया। चालकों के स्वास्थ्य की जांच की गई। इसके बाद बसों को रवाना किया गया।

पूरे देश के हजारों छात्र कोटा में इंजीनियर और डॉक्टर बनने के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। 22 मार्च को लॉकडाउन हुआ तो इन बच्चों ने किसी तरह अपना समय गुजार लिया। बाद में लॉकडाउन के दूसरे चरण में 19 दिन बढ़ने के बाद यह छात्र परेशान हो उठे। कई छात्रों ने अभियान चलाया तो किसी ने भाजपा के स्थानीय सांसद-विधायकों से गुहार लगाई।


बच्चों का अभियान रंग लाया और सीएम योगी तक बात पहुंची। योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार रात प्रदेश की तीन सौ बसें कोटा भेजने का निर्णय लिया। इसमें झांसी रीजन, बनारस रीजन के साथ सबसे ज्यादा 200 बसें आगरा रीजन से भेजी गईं। एक बस में 25 से 30 बच्चों को ही बैठाने का निर्देश दिया गया है। एक पुलिसकर्मी और एक होमगार्ड हर बस में रहेंगे। शनिवार रात या रविवार सुबह तक ये बसें बच्चों को घर तक छोड़कर आएंगी। लंबी दूरी पर जाने वाली बसों में दो चालक भेजे गए।

जौनपुर के डीएम दिनेश कुमार सिंह के अनुसार वाराणसी के कमिश्नर ने बताया कि आठ बसें उनके जिले में आ रही हैं। इसमें 193 बच्चे हैं। कोटा से झांसी होते हुए बसें जौनपुर आ रही हैं। इन सभी बच्चों को जिले की सीमा पर रोककर खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है। बसों के नम्बर भी झांसी से मिल गए हैं। बस से बच्चों के आने के बाद मुख्य चिकत्सिाधिकारी शासन से मिली रैपिड किट से सभी की जांच कराएंगे। टेस्ट निगेटिव आता है तो बच्चों को घर भेजा जाएगा। इन्हें 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन भी रहने का निर्देश दिया जाएगा। डीएम ने मुख्य राजस्व अधिकारी सुनील कुमार वर्मा को नोडल अधिकारी बनाया है। वह इस कार्य को अपनी देख-रेख में करायेंगे। फिलहाल जिले की सीमा पर 193 बच्चों को रोकने, जांच और खाने पीने की व्यवस्था स्कूल में कराने की कवायद की गई है। अपने बच्चों को लेकर अभिभावकों में जबरदस्त उत्साह है। लोग बसों की लोकेशन लगातार फोन से पता भी कर रहे हैं। वहीं, बलिया के 192 बच्चे आ रहे हैं। उनके देर रात तक यहां पहुंचने की उम्मीद है। उन्हें रखने के लिए 3 स्कूल व एक होटल में इंतजाम किया गया है।

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