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कोरोना के तीसरे स्टेज से निबटने की तैयारियों में जुटा ‌BHU, जानिये क्या है थर्ड स्टेज और क्या हुई हैं तैयारियां

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बीएचयू का सरसुन्दरलाल अस्पताल कोविड-19 यानी कोरोना के तीसरे स्टेज के निबटने की तैयारियों में जुट गया है। माहमारी से निपटने के लिए बीएचयू में दो सौ आइसोलेशन कमरों के साथ चालीस वेंटीलेटरों वाला आईसीयू तैयार है। शनिवार को कमिश्नर दीपक अग्रवाल व जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सुपर स्पेशियालिटी की तैयारियों का जायजा खुद लिया।  उन्हें बताया गया कि अस्पताल किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। 

अगर कोरोना के तीसरे स्टेज में हम पहुंचते हैं तो संक्रमितों की टेस्टिंग और इलाज समेत हर तरह की सुविधा सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में मुहैया कराई जाएगी। आपातकालीन सेवाओं के लिए भी सर सुन्दरलाल अस्पताल में पूरी तैयारी है। संक्रमितों के इलाज और देखभाल में लगे स्वास्थ्यकर्मियों, डॉक्टर हों या नर्स या अन्य सहायक स्टाफ को क्वारंटीन करने के लिए 200 कमरों की अलग व्यवस्था की गई है। ये कमरे न्यू नर्सिंग हॉस्टल, एलडी गेस्ट हाउस और मनोचिकित्सा विभाग की इमारत में तैयार किये गए हैं। कमिश्नर और जिलाधिकारी ने कुलसचिव और डाक्टरों की टीम से इलाज से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी ली। इस दौरान वाराणसी के मुख्य चिकित्साधिकारी डॅा.वीबी सिंह भी मौजूद रहे।


क्या होता स्टेज
स्टेज का मतलब चरण होता है। तीसरा स्टेज यानी तीसरा चरण। बताया जा रहा है कि भारत इस वक़्त दूसरे स्टेज पर है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च भी इस बात की जांच कर रही है कि भारत में कहीं तीसरा स्टेज तो शुरू नहीं हुआ। किसी भी देश में इस चरण का क्या मतलब है और यह चरण कैसे तय किए जाते हैं? कौन बताता है कि बीमारी किस लेवल तक फैली है? आइये जानें।

पहला स्टेज: विदेश से आए लोगों में ही केवल संक्रमण
इस स्टेज में यह मालूम होता है कि वायरस से संक्रमित होने वाले लोग कौन हैं। उनकी पहचान करके उन्हें क्वारंटीन किया जाना और ट्रीटमेंट देना आसान होता है। माना जा रहा है कि कोरोना चीन के वुहान शहर से अलग अलग देशों में गया। यानी चाइना से यहां भी आया। वहां से इस वायरस से संक्रमित होकर आने वालों तक अगर यह सीमित रहता तो उसे पहला स्टेज कहते। जैसे केरल में हुआ। वहां के स्टूडेंट चीन के वुहान में पढ़ रहे थे। वहां से लौटे तो इन्फेक्शन की आशंका हुई। लक्षण दिखते ही उन्होंने डॉक्टर से सम्पर्क किया। जांच-पड़ताल के बाद उनमें से कुछ पॉजिटिव निकले। उन्हें क्वारंटीन किया गया। तीनों ठीक हो गए। इस चरण में अगर संक्रमित लोगों यानी बाहर से आए लोगों की पहचान हो जाती और उन्हें अलग कर दिया जाता तो संक्रमण इस स्टेज से आगे नहीं जा पाता।


दूसरा स्टेज: विदेश से लौटे लोगों के संपर्क से संक्रमण 
विदेश से लौटे और संक्रमण की आशंका वाले लोगों के संपर्क में आने से स्थानीय लोगों में संक्रमण के बढ़ने को दूसरा स्टेज कहते हैं। जो लोग विदेशों से लौटे और अपनी जांच कराई। जो पॉजिटिव निकले वो तो ठीक हो गए. लेकिन इनके अलावा कई ऐसे लोग थे, जिन्होंने अपनी जांच नहीं कराई। उन्हें ये भी नहीं पता था कि वो संक्रमित हैं। वह लोगों से मिलते जुलते रहे, घूमते-फिरते रहे। इनके संपर्क में आने वाले भी संक्रमित होते गए। कुछ में लक्षण दिखे और कुछ में नहीं दिखे। इस तरह ये वायरस लोकल स्तर पर फ़ैल गया और इसने संक्रमण को दूसरे स्टेज में पहुंचा दिया। इस स्टेज में वो लोग संक्रमित होते हैं या पॉजिटिव पाए जाते हैं, जो संक्रमित स्थानों से लौटे व्यक्ति के संपर्क में आए हों। जैसे सिंगर कनिका कपूर ख़बरों में आई थीं। लंदन से लौटीं, फिर पार्टी करने चली गईं। फिर पता चला कि वो कोरोना पॉजिटिव हैं। 

तीसरा स्टेज: संक्रमित लोगों के द्वारा स्थानीय लोगों में संक्रमण
संक्रमित लोग जब लोकल स्तर पर बड़े समूहों को संक्रमित करने लगते हैं तो इसे तीसरा स्टेज कहा जाता है। इसमें संक्रमण ऐसे लोगों तक पहुंच जाता है जो कभी विदेश नहीं गए या उनकी जान पहचान का कोई व्यक्ति विदेश नहीं गया। उन्हें पता भी नहीं होता कि वह कैसे संक्रमित हो गए। इस स्तर पर बीमारी के फैलने पर इसे नियंत्रित करना बेहद मुश्किल हो जाता है। इस स्टेज में वह लोग भी पॉजिटिव निकलने शुरू हो जाते हैं, जिनका विदेशियों या विदेश से लौटे लोगों से दूर दूर तक कोई संबंध नहीं होता है। इस स्टेज को कम्युनिटी स्प्रेड भी कहते हैं। यानी पूरे समुदाय में बीमारी का फैलना शुरू हो जाता है। किसी को पता नहीं होता कि वह संक्रमित कैसे हो गया। ताबड़तोड़ बड़े इलाके एकसाथ संक्रमित होने लगते हैं।
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