प्रयागराज से छात्र-छात्राएं घरों को हो रहे रवाना, फोटोयुक्त पहचान पत्र जरूरी है
गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज, लॉकडाउन में जहां-तहां फंसे प्रदेशवासियों को उनके घर पहुंचाने का सीएम आदित्यनाथ योगी ने लिया है। इससे प्रयागराज में भी फंसे छात्र और छात्राओं के चेहरे खिल उठे हैं। इस निर्णय के बाद प्रयागराज की सुनसान सड़कों पर सोमवार की रात से आवाजाही बढ़ गई है। सड़कों पर छात्र-छात्राओं की भीड़ नजर आने लगी है। रात में डीएम समेत अन्य प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में विद्यार्थियों को बसों से विभिन्न जिलों के लिए रवाना किया गया। वहीं मंगलवार की सुबह भी सिविल लाइंस की सड़कों पर छात्र-छात्राओं की भीड़ रही। सभी को बसों से गंतव्य तक भेजा जा रहा है।
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शहर में करीब 20 हजार छात्र-छात्राएं लॉकडाउन में फंसे रहे
शहर में लगभग 20 हजार छात्र-छात्राएं लॉकडाउन के चलते फंसे हैैं। वे लॉज, हास्टल, किराए के कमरे में हैैं। उन्हें काफी दिक्कत हो रही है। इसकी जानकारी होने पर सीएम योगी ने जिला प्रशासन को छात्र-छात्राओं को उनके घर पहुंचाने के निर्देश दिए। डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने बताया कि दो चरणों में विद्यार्थियों को उनके गृह जनपद भेजा जाएगा। प्रथम चरण के तहत सोमवार और मंगलवार को सोनभद्र, मीरजापुर, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, कौशांबी, फतेहपुर एवं चित्रकूट के छात्र-छात्राओं को रोडवेज की बसों से भेजा जा रहा है। दूसरे चरण के तहत प्रदेश के अन्य जिलों के छात्रों को लेकर बसें बुधवार सुबह 10 बजे से रवाना होंगी। डीएम ने बताया कि इसके लिए सभी प्रबंध कर लिए गए हैैं।
हर जिले के लिए अलग मजिस्ट्रेट
छात्रों को पहुंचाने के दौरान उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए हर जनपद के लिए अलग मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैैं। एडीएम सिटी अशोक कुमार कनौजिया को नोडल अधिकारी बनाया गया है। साथ ही सीडीओ, तीन एडीएम, सीआरओ को भी लगाया गया है।
इन स्थानों से रवाना हुईं बसें
प्रतापगढ़ के लिए लोकसेवा आयोग चौराहे से बसें सोमवार रात को रवाना की गईं। सिटी मजिस्टे्रट रजनीश कुमार मिश्र ने बताया कि मंगलवार को भी यहीं से बसें जाएंगी।
-जौनपुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली जिले को जाने वाली बसें सिविल लाइंस हनुमान मंदिर से ङ्क्षहदू हास्टल चौराहे के बीच से भेजी गईं।
-सोनभद्र, मीरजापुर एवं चित्रकूट के लिए बसें सिविल लाइंस हनुमान मंदिर चौराहा से मेडिकल चौराहा के बीच एमजी मार्ग से रवाना की गईं।
-यहां प्रशासनिक अफसर, पुलिस और रोडवेज के अधिकारी मौजूद रहें। इसके अलावा मेडिकल टीमें भी मौजूद थीं। हालांकि जांच इन छात्रों के जिले में ही होगी।
फोटोयुक्त पहचान पत्र जरूरी
सरकार की ओर से इन बसों का संचालन प्रयागराज में अध्ययनरत प्रदेश के विभिन्न जिलों के छात्र-छात्राओं की सहूलियत के लिए किया जा रहा है। छात्र-छात्राओं को अपने विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, शिक्षण संस्थानों आदि द्वारा निर्गत फोटोयुक्त पहचान पत्र एवं कोचिंग संस्थानों द्वारा जारी फोटोयुक्त पहचान पत्र दिखाकर ही बसों में बैठाया गया। इसके अलावा वे प्रतियोगी छात्र भी इन बसों से अपने घरों से जा सकेंगे, जो शहर में फंसे हैैं। उन्हें दो वर्षों में किसी प्रतियोगी परीक्षा में प्रतिभाग करने संबंधी प्रवेश पत्र दिखाने पर भी भेजा गया।
वाट्सएप से भेजी गई छात्रों की सूची
प्रत्येक बस में बैठाए गए छात्र-छात्राओं के नाम-पते के साथ ही मोबाइल नंबर भी नोट किया गया। लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष राजकुमार सागर ने बताया कि इसके लिए सौ से ज्यादा लेखपाल लगाए गए हैैं। बताया कि परिवार के लोगों का मोबाइल नंबर लिया गया। इन नंबरों को चेक भी किया गया। इसी सूची को संबंधित जिले के अफसरों को भेजी गई जिससे छात्र वहां पहुंचे तो वहां का प्रशासन उन्हें घर तक छोडऩे का इंतजाम कर सके।
बोले डीएम भानुचंद्र गोस्वामी
डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने कहा कि शहर में अध्ययनरत विभिन्न जनपदों के छात्र-छात्राओं की बड़ी तादाद है। काफी विद्यार्थी घर जा चुके हैैं मगर जो फंस गए थे, उनके लिए रोडवेज की बसें लगाई गई हैैं। सोमवार देर रात छात्र-छात्राओं को उनके जिलों को रवाना किया गया। मंगलवार और बुधवार को भी छात्र-छात्राएं अपने जिले को भेजे जाएंगे।
प्रयागराज प्रशासन ने इसकी व्यवस्था की है
सरकार ने कोटा की तरह ही प्रयागराज में पढ़ाई कर रहे 10 हजार छात्र-छात्राओं को उनके गृह जनपदों में पहुंचाने का निर्णय लिया है। सीएम के निर्देश पर प्रयागराज प्रशासन ने इसकी व्यवस्था की है। सोमवार की रात से विभिन्न जिलों के लिए बसों से छात्रों को भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है। स्वास्थ्य मानकों के पालन के लिए सीएम ने हर जिले में 15 से 25 हजार क्षमता वाले क्वारंटाइन सेंटर बनाने का निर्देश दिया है।
300 बसों से भेजे जा रहे छात्र और छात्राएं
लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा सोमवार को मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर टीम-11 के अधिकारियों के साथ की थी। इसमें सीएम योगी ने प्रयागराज में प्रदेश के अन्य जिलों के रहने वाले छात्र-छात्राओं को उनके गृह जनपद में पहुंचाने का निर्देश दिया है। प्रयागराज के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को आदेश दिया गया है कि 300 बसों को तैनात कर सभी 10 हजार छात्रों को उनके गृह जनपद पहुंचा दिया जाए। ये बसें प्रयागराज में तीन स्थानों से चलेंगी। पहले चरण में सोनभद्र, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर और चित्रकूट के छात्रों को भेजा जा रहा है। फिर दूसरे चरण में इन्हीं बसों से अन्य जिलों में छात्रों को भेजा जाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिया है कि हर छात्र का पूरा ब्योरा रखा जाए।
खास बातें
-03 सौ के करीब रोडवेज की बसें लगाई गई हैैं छात्रों को पहुंचाने के लिए
-02 चरणों में छात्र-छात्राओं को उनके घर पहुंचाने की हुई है व्यवस्था
-09 जिलों के छात्र-छात्राएं पहले चरण में भेजे जा रहे घर
-1.5 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैैं प्रयागराज में
-20 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं लॉकडाउन के चलते फंसे हैैं शहर में।
प्रतापगढ़ डिपो से मांगी गई 40 बसें प्रयागराज रवाना
प्रयागराज से छात्र-छात्राओं को विभिन्न जिलों में स्थित उनके घर पहुंचाने के लिए प्रतापगढ़ डिपो से भी 40 बसें मांगी गई हैं। प्रतापगढ़ के एआरटीओ सुशील कुमार मिश्रा और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक एमआर भारती की देखरेख में मंगलवार कि सुबह बसों को प्रयागराज के लिए रवाना किया गया।
हरियाणा से प्रयागराज मंडल लाए गए 169 श्रमिक
हरियाणा से उप्र के निवासी श्रमिकों को लेकर रोडवेज की बसें प्रयागराज मंडल के तीनों जिलों कौशांबी, प्रयागराज और प्रतापगढ़ पहुंचीं। प्रयागराज के रहने वाले 57 श्रमिकों को दो बसें लेकर धूमनगंज स्थित हनुमान वाटिका पहुंची। श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें वहीं क्वारंटाइन कर दिया गया। तीनों जिलों के लिए कुल छह बसों से 169 लोग लाए गए हैं। कौशांबी और प्रतापगढ़ के लोगों को लेकर बसें उन्हीं जिलों में गईं। इन सभी को स्वास्थ्य विभाग की झंडी और जिला प्रशासन का निर्देश मिलने पर स्थानीय रोडवेज की बसें उनके तहसील क्षेत्र ले जाएंगी।
धूमनगंज में दो बसें दोपहर करीब दो बजे पहुंचीं
शासन के निर्देश और व्यवस्था के अंतर्गत बसों से श्रमिकों को हरियाणा से बार्डर पार कर उप्र के विभिन्न जिलों में पहुंचाया गया। उप्र रोडवेज की बसें इन्हें लेकर विभिन्न जनपदों के लिए रवाना हुईं। धूमनगंज में दो बसें दोपहर करीब दो बजे पहुंचीं। वहां रोडवेज प्रयागराज के अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस अधिकारी पहुंचे। श्रमिकों को हनुमान वाटिका में उतारा गया। उन्हें वहीं क्वारंटाइन किया गया। डाक्टरों के दल ने पहुंचकर उनमें कोरोना संक्रमण होने या न होने की जांच की। मंडल के जिलों में लाए गए लोगों में प्रयागराज के 57 श्रमिकों के अलावा कौशांबी के 50 और प्रतापगढ़ के 62 श्रमिक हैं।
बोले सिविल लाइंस बस अड्डे के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक
सिविल लाइंस बस अड्डे के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक सीबी राम ने बताया कि इन श्रमिकों को उनके तहसील क्षेत्र में भेजने की व्यवस्था प्रशासन से निर्देश मिलने पर की जाएगी। बसों को सैनिटाइज कर तैयार कर लिया गया है। बताया कि कौशांबी और प्रतापगढ़ के श्रमिकों को बसें उन्हीं जिलों में ले गई हैं।