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भाजपा की किसान विरोधी नीति के कारण अन्नदाता बदहाल - अखिलेश यादव

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीति के कारण अन्नदाता बदहाल है। भाजपा शुरू से ही कभी भी किसानों की हितैषी नहीं रही। कोरोना के प्रकोप के कारण लगे लॉकडाउन में भी किसानों की आत्महत्याएं थम नहीं रही हैं।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि से किसान उबर भी नहीं पाए थे कि फिर से बे-मौसम बारिश एवं ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। इससे कई जिलों में गेहूं की फसल चौपट हो गई है। आम के पेड़ों के बौर भी झड़ गए। आकाशीय बिजली गिरने से लगभग एक दर्जन किसानों की मौत हुई है। अखिलेश यादव ने यूपी सरकार से इनके आश्रितों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अधिकतर किसान पशुपालन भी करते हैं। लॉकडाउन के कारण पूरे प्रदेश में दूध की मांग में 50 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। इससे दूध के कारोबारियों, पशुपालकों और किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। उनके लिए भी राहत पैकेज घोषित होना चाहिए। किसानों को फसल बीमा, सम्मान राशि आदि तमाम घोषणाओं का कोई लाभ नहीं मिल रहा है।

अखिलेश यादव ने कहा कि दो माह पहले हुए नुकसान का भी पर्याप्त मुआवजा किसानों को नहीं दिया गया है। इधर जो फसलों का नुकसान हुआ है और इसके पहले जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई करने हेतु राज्य सरकार को फसलों के नुकसान का पर्याप्त मुआवजा देने की व्यवस्था करनी चाहिए। किसानों ने आय दोगुनी होने की उम्मीद तो भाजपा सरकार में छोड़ ही दी है। उसकी बची-खुची पूंजी भी लुट जाने से वह अब अन्नदाता के बजाय स्वयं अन्न के लिए तरसने वाला बन जाएगा। किसान को समर्थन मूल्य मिलने और लागत का ड्योढ़ा मूल्य मिलने की ऐसे में कैसे आशा की जा सकती है।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसान की चिंता छोड़कर कारपोरेट घरानों को मदद देने का एलान कर दिया है। आरबीआई उद्योगपतियों को राहत देने में लगी है, जबकि किसान बैंकों से सस्ते ब्याज पर कर्ज नहीं पा रहा है। गन्ना किसान का बकाया भुगतान भी नहीं हुआ, उल्टे कई जगहों पर तो उसे कर्ज वसूली की नोटिसें दी जा रही है।
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