कर्मचारियों के भत्ते नहीं अपनी फिजूलखर्ची रोके सरकार - सपा प्रमुख अखिलेश यादव
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों के भत्तों और डीए वृद्धि पर रोक लगाने पर एतराज जताते हुए समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इससे कर्मचारियों की घरेलू अर्थव्यवस्था बिगड़ जाएगी और उनका जीना मुश्किल होगा। अच्छा होता सरकार अपनी फिजूलखर्ची रोककर नेकनामी दिखाने वाले बड़े बड़े विज्ञापनों पर रोक लगाती। भाजपा नेतृत्व इसमें क्यूं हिचक रहा है?
रविवार को जारी बयान में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि दूसरे राज्यों से प्रदेश में लाखों श्रमिक रोजगार की तलाश में आए हैं। इससे भी अधिक अलग- अलग राज्यों में फंसे हैं। ऐसी स्थिति में जब सब जगह से आवाज उठने लगी और समाजवादी पार्टी ने भी बार बार मांग उठायी तो सरकार उन्हें लाने के लिए तैयार हुई लेकिन उनके खान-पान, आवास व इलाज आदि की पुख्ता व्यवस्था नहीं दिख रही है। सरकार को प्राथमिकता के आधार पर यह बंदोबस्त कराने होंगे।
सरकारी सेवकों के DA पर पाबंदी का फैसला सरकार तुरंत वापस ले. एक तरफ़ बिना अवकाश लिए अधिकारी-कर्मचारी लोग अपनी जान पर खेलकर सामान्य दिनों से कई गुना काम कर रहे हैं, दूसरी तरफ़ सरकार उन्हें हतोत्साहित कर रही है. पेंशन पर निर्भर रहनेवाले बुजुर्गों के लिए तो ये और भी घातक निर्णय है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 25, 2020
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि प्रदेश में लॉकडाउन होने के बावजूद अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। दुष्कर्म के बारे में टीम इलेवन बताए कि बच्चियों का जीवन व सम्मान सुरक्षित क्यों नहीं है? प्रतापगढ़ में 16 वर्ष की नाबालिग युवती की हत्या, अलीगढ़ में किशोरी द्वारा आत्महत्या करने जैसी घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सवाल किया कि सरकार बताए कि क्या प्रदेश की अराजक स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कोई दूसरी टीम इलेवन बनेगी? उन्होंने गरीबों की मदद के लिए सरकार को गंभीर होने पर बल दिया।