'छोटे दिल की निकली दिल्ली' UP की सरहद पर पलायन करने वालों की भीड़ और सिर पटकती संवेदनाएं
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर देशवासियों ने कोरोना योद्धाओं के लिए एक लय में ताली-थाली तो बजा दी, लेकिन कोरोना से जंग में देश सरहदों में बंटा नजर आ रहा है। सिर्फ अपने प्रदेशवासियों की चिंता के राज्य सरकारों के भाव ने हजारों कामगारों पर भूखे पेट सड़कों पर दौड़ा दिया है। जिस तरह से उत्तर प्रदेश के बॉर्डर से शुक्रवार और शनिवार की रात यूपी और बिहारी वालों को बसों से ढोया गया है, उससे स्थिति काफी हद तक समझी जा सकती है। यूपी सरकार की ओर से उठाए गए सवालों से दिल्ली छोटे दिल की नजर आती है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार की व्यवस्था कठघरे में है। हालांकि, पलायन करने वालों को जहां का तहां सुरक्षित ठहराने के उत्तर प्रदेश सरकार के प्रबंधों का भी अब इम्तिहान है।
विभिन्न प्रदेशों में मेहनत-मजदूरी करने वालों को लॉकडाउन के दौरान मदद के लिए प्रदेश सरकार ने अलग-अलग नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। इसके बावजूद शनिवार सुबह योगी को महाराष्ट्र, उत्तराखंड और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से अनुरोध करना पड़ा कि उनके राज्यों में उत्तर प्रदेश के जो लोग रह रहे हैं, उनके ठहरने-खाने की व्यवस्थाएं कराएं। सारी व्यवस्थाओं का खर्च उप्र सरकार वहन करेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह चिंता बेजा नहीं थी, क्योंकि व्यावहारिक परेशानी से वह रात भर रूबरू हुए थे। यूपी बॉर्डर पर लोगों की भीड़ जमा थी, जिन्हें रात में ही एक हजार बसें लगाकर अलग-अलग स्थानों पर पहुंचाया गया। बड़ी संख्या बिहारी के लोगों की थी, जिन्हें बिहार सरकार के साथ समन्वय कर वहां पहुंचाया गया। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा कि दिल्ली से पलायन कर आने वालों ने तमाम परेशानियां बताईं, उसके बाद दिल्ली सरकार से बात की गई है।
दिल्ली परिवहन की बसों में भरकर यूपी सीमा पर लोगों को छोड़ा
परिवहन मंत्री स्वतंत्र प्रभार अशोक कटारिया का कहना है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने यूपी के मजदूरों को दिल्ली परिवहन निगम की बसों में भरकर उत्तर प्रदेश की सीमा पर छोड़ दिया है। इससे हजारों की संख्या में भूखी-प्यासी भीड़ वहां जमा हो गई है। इस समस्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इन्हें सुरक्षित घरों तक पहुंचाने का निर्णय लिया है।
राहत केंद्रों में लॉकडाउन अवधि तक लोगों को ठहराया जाए
मुख्य सचिव आरके तिवारी ने बताया कि अन्य राज्यों से भी कहा गया है कि यदि उत्तर प्रदेश के नागरिकों की व्यवस्था करने में वित्तीय समस्या हो तो उसे सरकार वहन करेगी। प्रयास यही है कि इन लोगों को सरकार द्वारा बनाए गए राहत केंद्रों में लॉकडाउन अवधि तक के लिए ठहराया जाए। उप्र सरकार के प्रबंध पूरे हैं।
अरविंद केजरीवाल लोगों को मन में भरोसा नहीं जगा पाए
यूपी सरकार के प्रवक्ता व लघु उद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह का कहना है कि उतर प्रदेश और बिहार के कामगार दिल्ली से इस तरह अपने घरों के लिए चल पड़े, इसका मतलब यही है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उनमें मन में भरोसा नहीं जगा पाए कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें कोई समस्या नहीं होगी। इस तरह के पलायन से सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था भंग हुई, जो चिंताजनक है।