पूर्वांचल में चक्रवाती तूफान के साथ बारिश का कहर, वज्रपात और पेड़ की चपेट से चार की मौत
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई जिलों में चक्रवाती तूफान और बारिश ने कहर बरपाया। चक्रवाती तूफान के साथ कहीं रिमझिम तो कहीं झमाझम बारिश हुई। वज्रपात और पेड़ गिरने से चार लोगों की मौत हो गई। कई लोग घायल भी हो गए। सोनभद्र में वज्रपात से युवक और चंदौली में बालक ने दम तोड़ दिया। भदोही में पेड़ की चपेट से युवक की जान चली गई। मिर्जापुर में मड़हा पर पेड़ गिरने से महिला की मौत हो गई। कई जिलों में बारिश के साथ ओले भी गिरे। बारिश और ओले ने जहां किसानों की दिक्कत बढ़ा दी है, वहीं चक्रवाती तूफान के कारण पेड़ और बिजली के पोल धराशाई होने से बड़े इलाके में बिजली संकट भी बना रहा।
सोनभद्र में ट्रांसमिशन लाइन का टॉवर गिरने से लाखों की क्षति हुई। आजमगढ़ के कई इलाकों में चक्रवाती तूफान ने जमकर तबाही मचाई। फूलपुर तहसील के मुनौवरपुर गांव में कई लोगों के घर उजड़ गए। एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। वाराणसी के ग्रामीण इलाकों में कई बिजली पोल गिर गए हैं। इससे गुरुवार की देर शाम तक कई इलाकों में बिजली गुल रही। अधिकारी फिलहाल शुक्रवार तक आपूर्ति शुरू होने की संभावना जता रहे हैं। मौसम विभाग ने 14 मार्च तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी किया है। 13 व 14 मार्च को पूर्वी उत्तर प्रदेश में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। तेज बारिश के साथ ही ओला पड़ने की भी आशंका है।
वाराणसी में ग्रामीण इलाकों में बिजली संकट
चक्रवाती आंधी तूफान से वाराणसी के ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। पिंडरा संवाददाता के अनुसार चक्रवात और बारिश के कारण विद्युत उपकेंद्र से संबंधित बरही कला, बरही नेवादा, बंदपुरा समेत दर्जनभर गांवो में 25 खंभे और विद्युत उपकेंद्र पिंडरा से संबंधित गावों में 13 खंभे टूट गए। इससे गांवों में आपूर्ति ठप है। एसडीओ राहुल सिंह के अनुसार शुक्रवार तक आपूर्ति बहाल हो सकेगी। वहीं इलाके में ओलावृष्टि से किसानों की मुसीबतें भी बढ़ गई हैं। रवि की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा। गेहूं, चना, सरसों, मटर की फसलें जमीन पर गिर गईं। पिंडरा, असवालपुर, फुलपुर, बरहीकला, नेवादा, हरिनाथपुर के आसपास के गांवों में अधिक नुकसान पहुंचा। रामेश्वर संवाददाता के अनुसार बरनी विद्युत उपकेन्द्र के रामेश्वर फीडर से पचासों गांवों को होने वाली विद्युत आपूर्ति बुधवार की शाम से ही ठप होने से नाराज उपभक्ताओं ने गुरुवार को उपकेन्द्र पर पहुंचकर अधिकारियों व कर्मचारियों की घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुये हंगामा किया। ठप आपूर्ति 15 घण्टे बाद किसी तरह बहाल हुई। रामेश्वर, खेवली, पांडेपुर, बरेमा, पेडूका, परसीपुर, हीरमपुर, भुईली, खण्डा, तेन्दुई, लक्षीपुर, चकपतेर, गददोपुर सहित दो दर्जन गांव प्रभावित हुए।
आजमगढ़: चक्रवाती तूफान ने मचाई तबाही, कई घर उजड़े
आजमगढ़ के कई इलाकों में बुधवार की रात लगभग आए चक्रवाती तूफान ने जमकर तबाही मचाई। फूलपुर तहसील के मुनौवरपुर गांव में कई लोगों के घर उजड़ गए। एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। तेज हवा की वजह से कई पेड़ व बिजली के खंभे उखड़ कर गिर गए। वहीं ओला वृष्टि से फूलपुर, लालगंज और मेंहनगर तहसील क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई। दीदारगंज प्रतिनिधि के अनुसार मुनौवरपुर गांव में लगभग 75 परिवार रहते हैं। गरीबी के चलते झोपड़ी, टीन शेड डाल कर ही पूरा परिवार गुजर करता है। बुधवार की रात लगभग एक बजे महिलाएं,बच्चे और बुजुर्ग आशियाने के अंदर सो रहे थे। लगभग डेढ़ बजे चक्रवाती तूफान के साथ ओलावृष्टि शुरू होते ही गांव में चीख-पुकार मच गई। छप्पर और टीनशेड की दीवार ढह गई। आधे घंटे के अंदर ही तूफान पूरे गांव को बर्बाद कर गया। आशियाने पर पेड़, बिजली के पोल गिर जाने से कई लोग घायल हो गए। गांव से निकलने वाले रास्ते पर पेड़ गिर जाने से निकलना मुश्किल रहा। गांव के लोगों का कहना है कि आसमान से एक से दो किलो तक के ओले गिर रहे थे। इससे घर में लगे टीनशेड टूट गए। कच्चा मकान का खपड़ा पूरी तरह से टूट गया। घर के ऊपर बर्फ की मोटी चादर फैल गई थी। इसके साथ ही भारी ओला के प्रभाव से मड़ई व झोपड़ी पूरी तरह से चौपट हो गई। सरसो, अरहर, मटर चना, प्याज सहित अन्य फसले बर्बाद हो गई हैं। अचानक आए तूफान से लालगंज, फूलपुर तहसील क्षेत्र में लगभग 370 हेक्टेयर फसलें बर्बाद होने का जिला प्रशासन ने अनुमान लगाया है। दो दर्जन से अधिक घरों के गिरने का अनुमान है। पल्हना ब्लाक, मेहनगर तहसील क्षेत्र में भी काफी नुकसान हुआ है।
भदोही : पेड़ से दबकर युवक की मौत
गोपीगंज थाना क्षेत्र के लालानगर टोल प्लाजा के पास आंधी से गिरे पेड़ की चपेट में आने से वाराणसी शहर के पांडेयपुर निवासी 30 वर्षीय मृतक रवि सेठ की मौत हो गई। रवि नगर पंचायत ज्ञानपुर के प्रोफेसर कालोनी में परिवार संग रहता था। पुलिस लाइन में फालोवर का काम करता था लेकिन 11 माह से वेतन न मिलने पर दस दिन पूर्व काम छोड़ दिया था। रवि सेठ शाम को किसी काम के चलते औराई गया था। रात्रि में वापस लौटते समय वह लालानगर के पास पहुंचा ही था कि तेज हवा संग बरसात शुरु हो गया। बारिश से बचाव को वह एक पेड़ के नीचे दुकान पर खड़ हो गया। इस बीच अचानक महुआ का पेड़ गिर पड़ा। पेड़ की चपेट में आकर रवि सेठ की घटना स्थल पर ही मौत हो गई जबकि दुकानदार का पैर टूट गया। वहीं, बुधवार की देर शाम व रात में हुई आफत की बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी। गेहूं की करीब 10 हजार हेक्टेयर फसल गिरने से तबाह हो गई। इसके अलावा सरसों, आम, मटर, चना व सब्जियों को भी नुकसान पहुंचा है। जिला कृषि विभाग प्रकृति की मार से हुए नुकसान का आकलन करने में जुट गया है। देर रात चक्रवाती तूफान संग भारी बारिश हुई। इस दौरान जनपद के ज्ञानपुर, औराई, सुरियावां ब्लाक क्षेत्र में सर्वाधिक ओलावृष्टि हुई। इसके कारण तैयार रबी फसलें तबाह हो गईं। गुरुवार की सुबह खेतों में पहुंचने के बाद हर अन्नदाता खून का आंसू रोया। जिला कृषि अधिकारी अशोक प्रजापति ने बताया कि जनपद में 49 हजार हेक्टेयर गेहूं की फसल बोई गई है, जिसमें बरसात व ओलावृष्टि के कारण करीब 20 फीसदी तबाह हो गई। इसी तरह 15 हजार हेक्टेयर सरसों बोई गई थी, जिसमें से अधिकांश अभी भी खेतों व खलिहान में पड़ी हुई है। इसके अलावा आम, चना, मटर व सब्जी की फसलों को नुकसान हुआ है। कहा कि विभाग बरसात के कारण हुए नुकसान का आकलन कर रहा है। शुक्रवार दोपहर बाद तक इसका आंकड़ा और सटीक मिल पाएगा। बताया कि गेहूं की जो फसल लेट (गिर) पड़ी है, उसमें दाना पड़ना संभव नहीं है।
बलिया: कई क्षेत्रों में हुई आफत की बारिश
बलिया के कई क्षेत्रों में आफत की बारिश हुई। दलपतपुर संवाददाता के अनुसार बारिश ने पिछले दिनों किसानों के मसूरी, मटर व दलहनी फसलों को बर्बाद कर दिया था। चने के फूलों को झाड़ दिया। किसान किसी तरह दवा के छिड़काव के बाद चने की फसल को थोड़ा-बहुत बचाने में सफल हो पाए थे लेकिन बुधवार की रात हुई बारिश ने एक बार फिर किसानों की चिंता बढ़ा दी है।
गाजीपुर: मौसम के बिगड़े मिजाज ने किसानों पर ढाया कहर
गाजीपुर में तेज हवा के साथ बुधवार की रात से गुरुवार की भोर में हुई बारिश ने कई स्थानों पर खड़े गेहूं की फसल गिरा दी। आम के बौर भी कई जगह झड़ गये। पहले बारिश और उसके बाद चली तेज हवा गेहूं की फसल के लिए खतरा बन गयी। गिरी गेहूं की फसल से किसान परेशान हैं। फसल गिरने से गेहूं का दाना काला और कमजोर पड़ सकता है। इस कारण उपज भी कम होने की आशंका जतायी जाने लगी है। मार्च में कई बार की बारिश होने से गेहूं की पैदावार बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन दो दिन पहले व बुधवार की देरशाम व गुरुवार की भोर में हुई बारिश ने किसानों की उम्मीद पर पानी फेर दिया। बारिश के बाद चली तेज हवा ने गेहूं की फसल गिरा दी। भांवरकोल में बारिश से जीवन अस्त-व्यस्त बना रहा। सेवराई में गेहूं, खरबूज, तरबूज, लौकी, नेनुआ आदि फसलों के अलावा आम के बौर पर भी बुरा असर पड़ा। करंडा, मतसा में भी ऐसी ही हालत है।
जौनपुर: तेज हवा के साथ हुई बारिश, ओले भी पड़े
जौनपुर में मौसम के बार बार बिगड़ने से फसलों पर शामत आ गई है। रबी की अधिकांश फसल तैयार होने के कगार पर हैं। ऐसे में तेज हवा के साथ बारिश और ओला फसलों को तबाह कर दे रह है। बुधवार की देर रात कई क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई और ओले भी पड़े। इससे सैकड़ों एकड़ गेहूं, सरसों, आम तथा सब्जी की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। खेतासराय संवाददाता के अनुसार अर्द्ध रात्रि के बाद गरज के साथ तेज हवा के बीच बारिश होने लगी। लोगों की नींद खुली तो देखा कि बारिश के साथ ओले भी गिर रहे थे। बिसवां गांव में बड़े बड़े ओले पड़े। यहां भारी मात्रा में ओले पड़ने से गेहूं की काफी फसल नष्ट हो गयी। आम के बौर झर गये। महराजगंज संवाददाता के अनुसार जनौर, कंधी कला, कलिजरा, बसरा, करछुली, ओका, खैरपारा आदि गांव में रात तेज तूफान के साथ बारिश होने से खेतों में पानी लग गया। फसल गिर गयी। नौपेड़वा संवाददाता के अनुसार बक्शा ब्लाक के हैदरपुर धनियामऊ क्षेत्र के दर्जनों गांवों में जगह-जगह पेड़ की डलिया टूट गई। आम के बौर नष्ट हो गए। जगह-जगह घरों के टिन शेड उड़ गए। मछलीशहर संवाददाता के अनुसार जो सरसो कटने के बाद खेतों में पड़ी थी और मड़ाई के लिये खलिहान में रखी थी, उन्हें पानी लगने से काफी नुकसान हुआ।
मिर्जापुर: मड़हा पर पेड़ गिरने से महिला की जान गई
मिर्जापुर में बुधवार की रात आंधी के साथ हुई बरसात और ओला गिरने से फसलों को भारी क्षति पहुंची है। जिले के छानबे और हलिया ब्लाकों में लगभग 70 फीसदी गेहूं की फसलें ओले से जमीदोंज हो गई। वहीं अन्य स्थानों पर मामूली क्षति हुई है। जिगना के गोसीपुर गांव में घर के बाहर मड़ई के पास लगे बबूल का पेड़ मड़ई पर गिर जाने से उसके अंदर सो रही सेवानिवृत्त रेल कर्मचारी अमरनाथ बिंद की पत्नी कोतला देवी(56) की मलबे में दब जाने से मौत हो गयी। वहीं कई स्थानों पर बिजली के पोल गिर गए। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति भी बाधित है। वहीं सड़क पर पेड़ों के गिरने से आवागमन भी प्रभावित हो गया। मौसम के बिगड़े मिजाज से किसानों को भारी क्षति हुई है। ओले गिरने से गेहूं के पौधे टूट कर जमीन पर गिर गए। सरसों और चना-मटर की फसलों की डालियां भी टूट गईं। आम के पेड़ों पर लगे बौर गिर गए। लालगंज, हलिया, पटेहरा और राजगढ़ इलाके में भी ओला गिरने से फसलों को भारी क्षति पहुंची है। किसानों की मानें तो लगभग 70 फीसदी फसल नष्ट हो गयी।
सोनभद्र: बिजली टावर गिरा, वज्रपात से युवक की मौत
सोनभद्र में घोरावल तहसील क्षेत्र में बुधवार की रात आए चक्रवाती तूफान ने खूब तबाही मचाई। चक्रवाती तूफान के कारण जहां दर्जनों पेड़, बिजली के खंभे व घर धराशायी हो गई, वहीं दर्जन भर लोग घर गिरने से घायल हो गए। वहीं घोरावल के पेढ़ गांव में ट्रांसमिशन लाइन का टॉवर गिरने से लाखों की क्षति हुई। चक्रवाती तूफान से किसानों की फसलों को भी भारी क्षति पहुंची है।दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के बीडर गांव के चेरो बस्ती में गुरुवार की शाम चार बजे आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 40 वर्षीय सुरेन्द्र चेरो पुत्र स्व. सुरजन की मौत हो गई। वह अपने घर के बाहर बंधे मवेशियों को घर के अंदर बांधने के लिए अपने घर के बाहर गया था। इसी दौरान तेज आकाशीय बिजली गिरी, जिससे वह उसकी चपेट में आ गया और गंभीर रूप से झुलस कर अचेत हो गया। आनन फानन में परिजनों ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दुद्धी में भर्ती कराया, जहां डॉक्टर शाह आलम ने युवक को देखते ही मृत घोषित कर दिया। घोरावल तहसील क्षेत्र के पेढ़ में दर्जनों घर गिर गए हैं। विसुन्धरी गांवों में भी दर्जनों पेड़, बिजली खंभे व घर गिर गए। घरों पर पेड़ गिरने के कारण पेढ़ निवासी 65 वर्षीय गुलाब उनकी पत्नी 60 वर्षीय कुरवंती तथा पुत्र 35 वर्षीय संजय घायल हो गए। उसी गांव के 25 वर्षीय उषा, 30 वर्षीय मुश्ताक, आठ वर्षीय किशन भी घर गिरने से घायल हो गए। इसके साथ ही विसुन्धरी गांव निवासी 65 वर्षीय गंगा पाण्डेय, 20 वर्षीय प्रदीप, 55 वर्षीय हीरा यादव, संतोष कुमार का 10 वर्षीय पुत्र घर पर पेड़ गिरने से घायल हो गए।
चंदौलीः आकाशीय बिजली से युवक की मौत, कई इलाकों में गिरे ओले
चंदौली में बारिश के साथ गिरी आकाशीय बिजली ने कहर ढाया। नौगढ़ इलाके में अलग-अलग गांव में गिरी बिजली की चपेट से आधा दर्जन लोग झुलस गए। इनमें एक की मौत हो गई और कई गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं। वज्रपात से झुलसे भैसोड़ा की रूकशाना (28), टिकुरिया की खुशबू (7) व नीरज (9), मंगरही की अंजली (22), पुरैनी गांव में संजय पटेल (21) व झरियवा गांव के चिरंजीवी (45) को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां नीरज (9) की जिला संयुक्त अस्पताल चकिया में मौत हो गई। खुशबू की हालत भी गंभीर बताई जा रही है।
मऊ: एक माह में दूसरी बार गेहूं पर मौसम का कहर
मऊ में गुरुवार की सुबह तेज हवा बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। हवा का रुख देख किसानों के होश उड़ गये। एक माह में दूसरी बार मौसम ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है। किसान फसलों के बर्बाद होने की आशंका से आशंकित दिखे। तेज हवा के कारण गेहूं, जौ और दलहनी फसलों पर खासा असर पड़ा है। इसके साथ ही जनपद में कई इलाकों में जल-जमाव होने के कारण लोगों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। नगर के मुंशीपुरा से रेलवे स्टेशन की तरफ जाने वाले रास्ते पर लोगों को आवागमन में काफी परेशानी उठानी पड़ी। रतनपुरा, दोहरीघाट, मधुबन, कोपागंज, चिरैयाकोट, मुहम्मदाबाद गोहना में भोर में शुरू हुई तेज हवा और बारिश के लेकर किसान परेशान हो उठे। किसान कैलाश राजभर का कहना है कि तेज हवा के कारण गेंहू की फसल जमीन पर गिर गई है। कहा कि उन्हें हजारों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। कोइरियापार संवाददाता के अनुसार बारिश के कारण गेंहू की फसल को काफी नुकसान हुआ है।