लॉकडाउन में घरों के लिए निकले फंसे लोग उत्तर प्रदेश में ऐसे ले सकते हैं मदद, इस नंबर को करें डायल
Lockdown: यूपी में जहां कहीं भी ऐसे लोग पकड़े जा रहे हैं पुलिस और जिला प्रशासन इनके खाने-पीने से लेकर गन्तव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था कर है है.
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. कोरोनावायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में 21 दिनों के लिए पूरी तरह से लॉकडाउन (Lockdown) किया गया है. इस बीच अन्य राज्यों से अपने घरों के लिए लोगों का पलायन भी शुरू हो गया है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से बंद है और राज्यों व जिलो की सीमाएं भी सील हैं, ऐसे में लोग भूखे-प्यासे ही पैदल चलने को मजबूर हैं. हालांकि यूपी में जहां कहीं भी ऐसे लोग पकड़े जा रहे हैं पुलिस और जिला प्रशासन इनके खाने-पीने से लेकर गन्तव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था कर है है.
दरअसल, लॉकडाउन के दो दिनों में ऐसे कई मामले देखने को मिले जहां लोग दूध के तानकर, मालगाड़ी और रेलवे तर्कक के किनारे पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े. ऐसे में जहां ये लोग अपने जान को जोखिम में डाल रहे हैं, वहीं सरकार और प्रशासन के लिए भी समस्या बन गए है. वैसे तो लॉकडाउन का मतलब ही है कि लोग जहां हैं वहीँ रहें, लेकिन मजदूर वर्ग के लिए यह इतना आसन नहीं है. फैक्ट्रियों में काम करने वाले, दुसरे राज्यों में औत और टैक्सी चलाने और अन्य मजदूरों के सामने खाने-पीने की समस्या उत्पन्न हो गई है. लिहाजा ये लोग किसी भी तरह अपने घर पहुंचने के लिए पैदल या फिर छिपकर सफ़र कर रहे हैं.
यूपी पुलिस ने की है ये व्यवस्था
अगर ऐसे कोई भी लोग जो लॉकडाउन की वजह से रास्ते में फंसे हैं उनके लिए पुलिस और प्रशासन मदद के लिए तैयार है. यूपी पुलिस के डीजीपी एचसी अवस्थी डीजीपी एचसी अवस्थी ने न्यूज़18 से बातचीत में बताया गए कि दुसरे राज्यों से पलायन कर आ आ रहे पकड़े गए लोगों को घर पहुंचाने या उसी शहर में रुकने की व्यवस्था जिला प्रशासन करा रहा है. जिस राज्य से कामगार आ रहे हैं उस राज्य से संपर्क किया जा रहा है. उन्होंने संबंधित राज्यों की सरकारों से यह अपील भी की है कि यूपी के कामगारों को उनके काम करने के स्थान पर ही रोककर खाने पीने की व्यवस्था की जाए.
लोग ऐसे कर रहे सफ़र
डीजीपी ने बताया कि ऐसे कुछ मामले देखने को मिले हैं, जहां पुलिस ऐसे लोगों को जिला प्रशासन के सुपुर्द करती है. जिला प्रशासन उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने या फिर वहीँ रुकने व खाने पीने की व्यवस्था कर रही है. उन्होंने बताया कि लखीमपुर में कुछ नेपाली मजदूरों को नेपाल वापस भेजा गया है. वे गौरीफंटा के पास पकडे गए थे. विदेश मंत्रालय से संपर्क कर उन्हें नेपाल भिजवाया गया. इसी तरह उत्तराखंड से दूध के टैंकर में बैठकर बिजनौर आए लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया गया. डीजीपी ने उत्तराखंड सरकार से लोगों को वहीं रोकने की अपील भी की है. बता दें यूपी बिहार के तमाम लोग दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड में काम करते हैं. वे लोग पलायन कर अपने-अपने घरों को निकल पड़े हैं और रास्ते में फंस गए हैं.
इसी तरह बुलंदशहर में भी पुलिस ने ऐसे लोगों की मदद की. जिला प्रशसन को सूचना देकर इन मजदूरों को रोडवेज़ की बस से उनके घर भेजा गया. चंदौली में रेलवे ट्रैक के सहारे पैदल ही बिहार के समस्तीपुर जा रहे लोगों को भी खाना-खिलाकर निजी वाहनों की व्यस्था कर गंतव्य तक भेजा गया.
फंसने पर डायल करें यूपी 112
बता दें यूपी पुलिस की इमरजेंसी सेवा 112 लगातार लोगों की मदद कर रही है. अगर आप कहीं भी फंसे हैं या इमरजेंसी की स्थिति है तो बेहिचक यूपी112 डायल करें. कुछ ही मिनटों में पीआरवी आपकी मदद के लिए पहुंचेगी. न्यूज18 लोगों से अपील करता है कि अगर आप लॉकडाउन में निकलने की सोच रहे हैं तो ऐसा न करें. वे जहां हैं वहीँ रहे. स्थानीय प्रशासन से सम्पर्क कर मदद लें.