उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन का दूसरा दिन, मंडियों में उमड़ी भीड़, बेवजह घर से निकले लोगों पर पुलिस ने बरसाई लाठियां
गाजीपुर न्यूज़ टीम, कोरोना वायरस के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में 25 मार्च तक लॉकडाउन है। इसके चलते लॉकडाउन के दूसरे दिन मंगलवार को लोग सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले और जरुरतमंद की चीजें खरीद लाएं। वहीं, बरेली में पुलिस ने कड़ा रुक अपानाया और बेवजह घर से बाहर निकले लोगों पर लाठियां बरसाई। धर्मनगरी चित्रकूट में आज अमावस्या मेला के दिन सन्नाटा छाया रहा।
मेरठ में लॉकडाउन के दूसरे दिन भी दिल्ली रोड और लोहिया नगर मंडी में खरीदारी को भीड़ उमड़ी। कुछ लोग सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले तो खरीदारी कर लाए। मंडियों को 12 बजे तक खोलने के प्रशासन ने व्यापारियों की सहमति से निर्देश जारी कर दिए थे। मंडियों में लोगों की भीड रही। हालांकि शहर के बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग व्रत के लिए भी खरीदारी करते नजर आए। फल और पूजा आदि का सामान खरीदा। काँलोनियों में पार्कों में सुबह सावधानी बरतते हुए चहलकदमी की। कुछ दुकानों को पुलिस कर्मियों ने बंद कराया। पेट्रोल पंप खुले। दूध और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति रही।
राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में पार्कों में टहलने आने वालों पर रोक लगा दी गई और कई जगह पर ताला लगा दिया गया। गाजियाबाद की सीमाओं पर पुलिस ने सख्त दिखाई। सुबह के वक्त थोड़ी ढील रही तो फर्राटा भरकर निकले वाहन लेकिन 8 बजे के बाद पुलिस सख्त हुई और कई वाहनों के चालान काटे।
लॉकडाउन के दूसरे बरेली शहर में पुलिस ने कड़ा रुक अपनाते हुए बेवजह घर से बाहर निकले लोगों पर लाठियां बरसाईं। इसके बाद बरेली की सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। बरेली में पुलिस ने सुबह 10 बजे तक 250 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया। कानपुर में मंगलवार सुबह लोगों ने जरूरत की सामग्री खरीदी, दूध, ब्रेड के लिए जनरल स्टोरों पर लोगों की भीड़ देखी गई। सबसे बड़ी सब्जी मंडी रामादेवी में ज्यादा भीड़ रही। बेवजह निकलने वालों पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
सूनी रही राम की तपोस्थली
कोरोना वायरस के खौफ को देखते हुए धर्मनगरी चित्रकूट में अमावस्या मेला के दौरान उमड़ने वाली भीड़ इस बार नजर नहीं आई। रामघाट से लेकर कामतानाथ मंदिर व परिक्रमा मार्ग में इक्का-दुक्का स्थानीय लोग ही दिखे। एमपी प्रशासन की ओर से लॉक डाउन का पूरी तरह असर रहा। वहीं यूपी की तरफ वाहन बंद होने के कारण लोग नहीं पहुंच पाए। ऐसे में लाखों की संख्या में हर बार उमड़ने वाली भीड़ सैकडों में ही सिमटकर रह गई।