गाजीपुर: समाजसेवी पंकज सिंह व राजन सिंह ने राहत कार्य के लिए DM को सौंपा 2 लाख 51 हजार का चेक
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर लॉक डाउन के चौथा दिन है ऐसे में अगर सबसे ज्यादा दिक्कत है तो वो है रोज कमाने व खाने वाले दिहाड़ी मजदूरों को है। दिहाड़ी मजदूरों को एक तरफ सरकारी महकमा राहत पहुचाने के लिए लगातार राहत सामग्री पहुचाने प्रयास कर रही है। साथ ही ऐसे अन्य सम्पन्न लोगों से मदद की अपील भी कर रही है। ऐसे में आज पंकज सिंह चंचल और राजन सिंह के नेतृत्व में व्यक्तिगत तौर पर रोज कमाने व खाने वाले दिहाड़ी मजदूरों को राहत पहुचाने के लिए जिला अधिकारी ओमप्रकाश आर्य से मुलाकात की और ऐसे लोगों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 2 लाख 51 हजार का चेक जिलाधिकारी को सौंपा।
साथ ही रोज कमाने व रोज खाने वाले दिहाड़ी मजदूरों के 600 परिवारों के लिए एक टाइम का पका भोजन और तीन दिन का राशन भी जिलाधिकारी को सौंप। साथ ही पंकज सिंह चंचल और राजन सिंह ने जिलाधिकारी से 2 सौ परिवारों को प्रतिदिन भोजन मुहैया कराने की बात कही। इस दौरान मोहित श्रीवास्तव, शैलेन्द्र सिंह आदि लोग मौजूद रहे। वहीं डीएम ओमप्रकाश आर्य ने बताया कि ग़ाज़ीपुर में तकरीबन 10 हजार ऐसे परिवार है जो रोज कमाने व खाने वाले है। जिला प्रशासन की तरफ से तकरीबन जिले में 55 सौ ऐसे परिवारों को चिन्हित भी कर लिया गया है और जिला प्रशासन की ओर से तकरीबन 7 सौ 50 परिवारों तक 10 दिनों के लिए राहत सामग्री भी पहुंचा दिया गया है। बाकी अन्य परिवारों को जल्द ही राहत सामग्री पहुचा दी जाएगी।
आज कुछ लोग मेरे पास आये थे जो रोज खाने कमाने वाले परिवारों की मदद के लिए 2 लाख 51 हजार का चेक दिया है और कुछ खाद्य सामग्री भी लाये है। जो इनके साथ जिला प्रशासन की टीम जा रही और लोगों में राहत सामग्री बांटी जाएगी। इस दौरान जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य ने जिले के ऐसे सम्भ्रांत लोगों से आगे आने की अपील भी की है। वहीं उन्होंने ये भी बताया कि 1 अप्रैल से रोज कमाने व खाने वाले परिवारों को खाद्यान्न विभाग से 1 माह का राशन उपलब्ध करा दिया जाएगा। तो खाने की संकट ऐसे परिवारों को नहीं रहेगी। वही डीएम आवास पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक को पंकज सिंह चंचल और राजन सिंग की टीम ने लॉक डाउन में अपनी जान जोखिम में डालकर लायन आर्डर मेंट करने वाले पुलिस कर्मियों के लिए जरूरत की सामग्री हेतु एक लाख रूपये देने की कोशिश की तो एसपी डॉ ओमप्रकाश सिंह ने लेने से मना करते हुए सामग्री के तौर पर देने की बात कही।