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गाजीपुर: जिले में 2294 स्थानों पर होगा होलिका दहन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जिले में 2294 स्थानों पर होलिका दहन किया जाएगा। इसमें 24 स्थान अति संवदेनशील हैं और 52 संवेदनशील स्थान है। इसके लिए होलिका समितियों ने लकड़ियां इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। हालांकि वन विभाग की ओर से हरे पेड़ को काटने पर पाबंदी है इसके बावजूद युवा अति उत्साह में सूखे पेड़ों के साथ हरे पेड़ों को भी काट कर होलिका के लिए इकट्ठा कर रहे हैं।

होलिका दहन की लपटें बहुत शुभकारी होती हैं। होलिका दहन की अग्नि में हर चिता खाक हो जाती है, दुखों का नाश हो जाता है और इच्छाओं को पूर्ण होने का वरदान मिलता है. बुराई पर अच्छाई की जीत के इस पर्व में जितना महत्व रंगों का है उतना ही होलिका दहन का भी है। ये मान्यता है कि विधि विधान से होलिका पूजा और दहन करने से मुश्किलों को खत्म होते देर नहीं लगती। बसंत पंचमी के दिन से होलिका गाड़ने के बाद से ही दहन स्थल पर लकड़ियां इकट्ठा करने का क्रम शुरू हो जाता है जो होलिकादहन के दिन तक चलता रहता है। लोग सूखे पेड़ों के साथ ही इसमें हरी लकड़यिां भी डालते हैं। अगर आंकड़ा लिया जाए तो पूरे जिले में करीब दौ सौ क्विटल से अधिक लकड़यिां प्रति वर्ष होलिका दहन में जला दिया जाता है।

रहेगा सुरक्षा का पूरा बंदोबस्त
एलआईयू इंस्पेक्टर सुधीर दुबे ने बताया कि सभी होलिका दहन स्थलों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। खासकर संवदेनशील एवं अतिसंवदेनशील स्थलों पर सुरक्षा के खास इंतजाम रहेंगे।

शुभ मुहूर्त में होगा होलिका दहन
कटैला के ज्योतिषाचार्य अनुज बाबा शास्त्री ने कहा कि इस वर्ष होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम छह बजकर 26 मिनट से शुरू होकर रात आठ बजकर 52 मिनट तक रहेगा। इसके बीच में होलिका दहन किया जा सकता है।
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