गाजीपुर: सांसद अफजाल अंसारी ने लोकसभा में रेलवे के निजीकरण का विरोध करते हुए पूर्व मंत्री मनोज सिन्हा पर सांधा निशाना
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी ने गुरुवार को लोकसभा में अपने जिले के विकास के साथ ही साथ पूरे पूर्वांचल समेत बिहार की विकास की रुपरेखा खींचते हुए रेलवे में निजीकरण का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा इस मामले में ठीक नहीं है। वे इसका विरोध करते हैं। उन्होंने रेलवे को लेकर मोदी सरकार की तारीफ भी की पर बड़े ही बेबाकी से सरकार की न केवल खिंचाई की बल्कि गाजीपुर में अनावश्यक अवरोध डालकर रोके जा रहे कामों की तरफ सरकार का ध्यान भी आकृष्ट कराया। अफजाल अंसारी गुरुवार को पूरे लय में दिखे।
एक विपक्ष के सांसद को जिस भूमिका में दिखना चाहिए वे उसी भूमिका में दिखे। इस दौरान उन्होंने न केवल बड़े ही सहजता से अपनी बात रखी बल्कि पूर्व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा पर प्रहार करते हुए सरकार की नीति और नीयत दोनों को सवालों के कटघरे में ख़ड़ा करते हुए इशारों ही इशारों में बहुत कुछ कह गए। उनका कहना था कि गाजीपुर में विकास की जो रेल चलनी चाहिए थी वह सरकारी कदमों से रौंदी जा रही है। टेंडर हो रहे हैं पर उस टेंडर को रद कर दिया जा रहा है। गुरुवार को लोकसभा में रेल मंत्रालय की नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा के दौरान बोलते हुए अफजाल अंसारी ने कहा कि माननीय अध्यक्ष महोदय अमेरिका, चीन और रूस के बाद चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क भारतीय रेल का है।
प्रतिदिन 13452 पैसैंजर और 9141 मालगाड़ियां 7318 स्टेशनों से होकर गुजरती हैं। भारत एक कृषि प्रधान देश है। 70 फीसद लोग यहां कृषि पर निर्भर हैं। रेल से रेल को जो राजस्व प्राप्त होता है उनमें एक तरफ जहां यात्री भाड़े के रूप में 56000 करोड़ वहीं दूसरी तरफ एक लाख 43 हजार करोड़ रुपये माल भाड़े के रूप में प्राप्त होता है। प्रतिदिन लगभग 2.3 करोड़ यात्री ट्रेन में यात्रा करते हैं तो 3.3 मीलियन टन माल की ढुलाई रेलवे द्वारा की जाती है। उन्होंने चर्चा के दौरान कहा कि सरकार ने 150 से अधिक यात्री ट्रेनों को निजी हाथों में देने का फैसला किया है। यह निर्णय उचित नहीं है। क्योंकि प्राइवेट हाथों में एक ट्रेन अभी तेजस जो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से दिल्ली के बीच संचालित हो रही है। हम बड़े ही अफसोस के साथ यह कहना चाहते हैं कि भारतीय रेल की पटरी पर और भारतीय रेल के संचालन व्यवस्था के अंतर्गत यह प्राइवेट ट्रेन इस तरह से संचालित हो रही है कि भारतीय रेल साइड में आधा घंटा, एक घंटा और डेढ़ घंटा इंतजार करती रहती हैं।
ताकि एक प्राइवेट ट्रेन अपने समय से अपने गंतव्य पर पहुंचे। ताकि लोगों में प्राइवेट ट्रेन के प्रति आकर्षण बढ़े। और भारतीय रेल के प्रति उनके बीच यह धारणा बने की भारतीय रेल अनावश्यक मध्य के स्टेशनों पर वह खड़ी रहती हैं। मान्यवर मैं आपके माध्यम से माननीय मंत्री जी से यह अनुरोध करना चाहता हूं कि ये 150 गाड़ियों को प्राइवेट हाथों में देने की जो दरियादिली दिखाई है इससे आगे चलकर बहुत ही कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा। भारत और यहां के किसान और आम लोग जो यहां रेल से यात्रा करते हैं इनका भाड़ा इतना अधिक बढ़ा दिया गया है कि कई जगह दिखता है कि रेलवे का किराया हवाई जहाज से भी अधिक हो गया है। लोगों को मजबूरन यात्रा करना पड़ता है। पर यहां ध्यान दिला दे कि यदि ट्रेनों को प्राइवेट हाथों में दिया गया तो आने वाले दिनों में यात्री और मालभाड़े में और अधिक बढ़ोतरी होगी। आम जनता को इससे दुख होगा, तकलीफ होगी।
अफजाल अंसारी ने सुरक्षा और साफ सफाई के मुद्दे पर मोदी सरकार की तारीफ की और रेलवे के संचालन व परिचालन में सुधार की आवश्यकता बतायी। उन्होंने कहा कि जहां साफ सफाई में पहले की तुलना में बेहतर स्थिति हुई है वहीं गाड़ियां अभी भी समय से नहीं चल पा रही है। उन्हें समय से चलाने की दिशा में और प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि माननीय मंत्री जी यहां बैठे हुए हैं मैं उनसे निवेदन करना चाहता हूं कि नई गाड़ियां बढ़ाई जाए। इससे जरूरी है कि पहले से जो गाड़ियां चलाई जा रही है उन गाड़ियों को समय से चलाने की व्यवस्था की जाए। एक प्राइवेट गाड़ी तेजस के चलने से सुपरफास्ट ट्रेनें कई कई घंटे लेट हो जाती हैं। मैं इसका स्वयं भुक्तभोगी रहा हूं। सप्तक्रांति से मैं यात्रा के लिए ट्रेन में बैठा। उस ट्रेन को एक स्टेशन पर एक घंटा रोककर तेजस को पास कराया गया। उसके साथ ही पांच राजधानी ट्रेनों को पास कराया गया।
तब आम लोगों में यह धारणा बनी कि तेजस जिसे गुजारा गया है वह प्राइवेट गाड़ी है और हमारी सरकार जो प्राइवेट जो कारपोरेट जो इस देश के पूंजीपति हैं वह भारतीय रेल को लेकर के उससे कमाई करना चाहते हैं उसका भाड़ा बढ़ाना चाहते हैं। मैं आपके माध्यम से इस सरकार के उस महत्वपूर्ण कार्यों का भी वर्णन करना चाहता हूं। आपने जो डिमांड दी है इसमें आपका यह भी रुझान आया है कि भारत एक कृषि प्रधान देश होने के नाते गांवों में जो किसानों का उत्पादन है वह समय से बड़े नगरों में उसे समय से पहुंचा दिया जाए तो किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल सकेगा और माननीय प्रधानमंत्री जी की जो परिकल्पना है कि किसानों की आय दोगुनी हो उस दिशा में भी एक सार्थक प्रयास होगा। मैं इस पहल का स्वागत करता हूं।
माननीय मंत्री जी की तरफ से जो डिमांड है इस तरफ भी विचार किया गया है कि सभी एक्सप्रेस ट्रेनों में रेफ्रिजेरेटर युक्त बोगियां लगाई जाएंगी और उन बोगियों के माध्यम से जो किसानों के उत्पादन हैं सब्जियां हैं, मिसाल के तौर पर 50 रुपये किलो परवल गाजीपुर में बिक रहा वहीं इसकी कीमत दिल्ली में 300 से 400 रुपये के बीच है। मैं इस कदम की भी सराहना करता हूं कि आपने जितनी भी मानव रहित क्रासिंग थी उसको आपने समाप्त किया और विकल्प के रूप में आपने अंडरब्रिज और ओवर ब्रिज निर्माण करते बहुत ही जो दुर्घटना होने का तमाम जोखिम था उसे बहुत हद तक कम करने का काम किया है। इसी कड़ी में कुछ सुझाव आपको प्रेषित कर रहा हूं जहां जरूरत हैं वहां ओवर ब्रिज बना दिए जाएं। उन्होंने अध्यक्ष महोदय को संबोधित करते हुए कहा कि रेलवे स्टेशन गाजीपुर में एक स्वचालित सीढ़ी बनाई गई है, लेकिन एक साल से उपर हो गया वह आज तक चली नहीं। मैं मंत्री महोदय से निवेदन करना चाहता हूं कि उसे दिखा दीजिए कि यह सीढ़ी नुमाइश के लिए बनाई गई या फिर चलाने के लिए। इसे चलाया जाए। गाजीपुर में एक बारा रेलवे स्टेशन था वह हाल्ट था।
पिछले दिनों उसका शिलान्यास हुआ। रेल राज्य मंत्री जी की तरफ से एलान किया गया कि इस स्टेशन के विकास पर 50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बजट में वह आ भी गया। महोदय 6 मई, 2019 को उसका टेंडर भी हो गया। लेकिन मुझे बहुत ही अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि दो महीने के बाद इस टेंडर को निरस्त कर दिया गया। मैं माननीय मंत्री जी से अनुरोध करता हूं कि इस रुपये को जल्द से जल्द जारी करा दिया जाए। जो पैसा बजट में आ गया है, विकास के रूप में खर्च होना है उसे उस रूप से खर्च होने दिया जाए, नहीं तो यह गाजीपुर के लोगों के साथ बड़ा अन्याय होगा।उन्होंने दिलदारनगर और जमानिया के लिए ओवरब्रिज की मांग की। उन्होंने कहा कि दिलदारनगर में ओवरब्रिज बनाया जाना अत्यंत जरूरी है। रघुवरगंज-सरौली मार्ग के लिए एक अंडरपास की मांग की। एनएच-31 जो गाजीपुर-शहबाजकुली के मध्य कठवामोड के पास एक रेलवे क्रासिंग है वहां के लिए एक ओवरब्रिज और सैदपुर में नेशनल हाइवे पर एक ओवरब्रिज की उन्होंने मांग की।
इस दौरान गंगा नदी पर बन रहे पुल को लेकर भी सदन का ध्यान आकृष्ट कराया। आपको बता दें कि इस पुल के बन जाने से लाखों लोगों को फायदा होगा। यहां एक हमीद सेतु है जो हमेशा बंद ही रहता है जिससे लोगों को परेशानी होती है। यही कारण है कि गंगा नदी पर बन रहे पुल को लेकर अफजाल अंसारी ने सदन में इस बात को जोरशोर से उठाया। उन्होंने कहा कि गाजीपुर में गंगानदी पर जो पुल का निर्माण कार्य चल रहा है उसकी गति काफी धीमी है उसमें तेजी लाने की जरूरत है।
साथ ही यह निर्धारित किया जाए कि जो समय सीमा उसे पूरा करने के लिए निर्धारित है उसी में उसे पूरा कराया जाए और अंत में उन्होंने बलिया के साथ ही साथ बिहार के विकास को लेकर भी अपनी अर्जी लगा दी। उन्होंने कहा कि अंत में मंत्री महोदय से एक और निवेदन मैं करना चाहता हूं कि बक्सर-फेफना या बलिया स्टेशन के बीच एक रेलवे पुल का निर्माण कराया जाए जिससे पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन और बक्सर तथा छपरा-वाराणसी रेललाइन को आपस में जोड़ा जा सके। यानी बलिया को रेल पुल के माध्यम से बिहार को जोड़ा जाए। इससे न केवल पूर्वांचल को फायदा होगा बल्कि बिहार के एक बड़े हिस्से को भी इसका लाभ मिलेगा।