गाजीपुर: इन्हें कौन समझाए, सबकी जान डाल रहे हैं सांसत में
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर खानपुर क्षेत्र के इशोपुर में बुधवार को किसानों द्वारा आलू निकाल लेने के बाद खाली खेत में आलू ढूंढ़ने के लिए महिलाएं और बच्चे जिस कदर टूट पड़े वह बेहद घातक है। इससे न सिर्फ उनकी बल्कि सबकी जान सांसत में पड़ सकती है। इन लोगों की व्यवस्था प्रशासन को करनी चाहिए।
क्षेत्र में चल रहे दो दर्जन ईंट भट्ठों पर काम करने वाले बिहार झारखंड राज्य से सैकड़ों श्रमिक परिवार आकर यहां बस गए हैं। कच्चे रैन बसेरों में रहने वालों का न स्थायी घर होता है न अनाजों का संग्रह होता है। हर बुधवार और रविवार को उन्हें उनकी मजदूरी मिलती है जिसे लेकर हाट बाजार में खरीददारी करते हैं। तीन दिन के संकलन में पूरे परिवार का गुजारा करते हैं। जनता कर्फ्यू के चलते रविवार को बंदी थी और बुधवार को पूरा देश लॉकडाउन हो गया। इनका निवाला बुधवार को खत्म होने के बाद इनका परिवार सड़कों की ओर कातर निगाह से देखने लगी। खाली सुनी सड़कों पर सायरन की गूंजती आवाजों में पुलिस की गाड़ी देख ईंटों की ओट में दुबक जा रहे थे। दोपहर को दर्जनों महिलाएं और बच्चियां बाहर निकले और आलू के खाली खेत में बचे हुए आलू को निकालने लगे। जागरण टीम ने जब इन्हें एक साथ भीड़ के लिए टोका तब बोले साहब खाने के लिए कुछ करो ना, यह नहीं समझता कोरोना।