गाजीपुर: महामारी से बंदियों के बचाव के लिए दिया जा रहा सुबह ग्रीन टी, भोजन में दाल संग आंवला और लहसुन
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर कोरोना वायरस के महामारी से बंदियों के बचाव के लिए जेल प्रशासन ने कमर कस ली है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जहां उन्हें सुबह-शाम ग्रीन टी पीने के लिए दी जा रही है, वहीं दाल और सब्जी में आंवला, लहसुन व मेथी का प्रयोग किया जा रहा है। जो जायका बढ़ाने के साथ कैदियों को तंदुरुस्त भी रखेगा। प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट भी डीआइजी जेल मुख्यालय भेजी जा रही है।
वर्तमान समय 760 कैदी की संख्या है, जो 397 की क्षमता से काफी अधिक हैं। पुरुष बैरक में कैदियों की संख्या करीब 100 है तो महिला बैरक में 30 व बच्चों की संख्या 39 के आस-पास है। उनमें महामारी के संक्रमण न फैले, जेल प्रशासन द्वारा लगातार एहतियात बरता जा रहा है। कैदियों को हाथ धोने के लिए हैंडवास व सैनिटाइजर की व्यवस्था करने के साथ उन्हें हाथ धोने के लिए जागरूक किया जा रहा है। साथ ही ब्लीचिग पाउडर छिड़काव व फिनायल का इस्तेमाल दिन में तीन से चार बार किया जा रहा है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि जेल प्रशासन की ओर से कैदियों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सुबह-शाम चाय के रूप में जहां ग्रीन टी दिया जा रहा है, वहीं भोजन के जायका बढ़ाने के साथ उन्हें तंदुरुस्त रखने के लिए दाल व सब्जी में लहसुन, आंवला व मेथी हो रहा है। इन सबके बीच जेल के कर्मचारी भी संक्रमण से बचे रहे। इसके लिए भी तमाम संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे सभी कोरोना जैसे महामारी से बचे रहे।
सेंट्रेल जेल से मंगाया जा रहा मास्क
जेल प्रशासन कोरोना को लेकर कोई लापरवाही बरतना नहीं चाहता है। कैदियों से लेकर कारागार के कर्मचारियों तक की सुरक्षा को प्राथमिकता के तौर पर रखा जा रहा है। सबसे बड़ी चुनौती मास्क व सैनिटाइजर की पर्याप्त उपलब्धता के लिए आवश्यक कदम भी उठाए जा रहे हैं। कारागार के अधिकारियों की ओर से सेंट्रेल जेल से एक हजार मास्क मंगाया गया है, जिससे सभी लोग इसके संक्रमण से बच सके। यही नहीं स्वंय की साफ-सफाई को लेकर भी अधिकारियों द्वारा सभी को जागरूक किया जा रहा है।
सुबह-शाम ओपीडी का हो रहा संचालन
जिला कारागार के अस्पताल में सुबह-शाम डाक्टरों द्वारा ओपीडी का संचालन किया जा रहा है, जो सभी कैदियों की जांच करने में लगे हुए हैं। इसके अलावा किसी को सर्दी, खांसी व बुखार जैसी शिकायत होने पर उन्हें की जांच के साथ दवा भी उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे बंदियों को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। साथ ही ऐसी शिकायत होने पर उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कर उपचार करने की पूरी व्यवस्था की गई है।
कैदियों के प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने के लिए ग्रीन टी व दाल- सब्जी में लहसुन, मेथी और आंवला का प्रयोग किया जा रहा है। इसके अलावा हैंडवास व सैनिटाइजर की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। साथ ही कोरोना वायरस जैसे महामारी से बचाव के लिए उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है।- राजेंद्र कुमार, जेल अधीक्षक।