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UP News: रात भर प्रबंधन में जुटे रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से की वार्ता

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। उत्तर प्रदेश से बाहर रह रहे प्रदेश के नागरिकों की चिन्ता के कारण सीएम योगी आदित्यनाथ शनिवार को रातभर सो नहीं सके। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र, के साथ उत्तराखंड और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से उत्तर प्रदेश के निवासियों का ख्याल रखने का अनुरोध किया।

तीन राज्यों के मुख्यमंत्री से टेलीफोन पर वार्ता के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनके राज्यों में उत्तर प्रदेश के जो लोग रह रहे हैं, उनके ठहरने-खाने की व्यवस्था कराएं। इसका सारा खर्च उत्तर प्रदेश सरकार वहन करेगी। इसे लेकर योगी आदित्यनाथ रात भर प्रबंधन में जुटे रहे। उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर भीड़ जमा थी, जिन्हें रात में ही एक हजार बसों से अलग-अलग स्थानों पर पहुंचाया गया। बड़ी संख्या बिहार के निवासियों की थी, जिन्हें बिहार सरकार के साथ समन्वय कर वहां पहुंचाया गया।

सीएम योगी आदित्यनाथ की पीएम केयर्स फंड में दान करने की अपील
कोरोना की महामारी से लड़ाई, बचाव और जनता की सुविधा-सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर्स फंड बनाया है। इस सेवाकार्य के लिए देश के तमाम नागरिकों ने सहयोग राशि दान करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सहयोग की अपील की है। इसके लिए शनिवार को उन्होंने ट्वीट किया- कोविड-19 को हराने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की पहल पीएम केयर्स के माध्यम से हम सब मिलकर इन विषम परिस्थितियों का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकते हैं। आइये, हम सब एकजुट होकर एवं अपनी सार्मथ्य के अनुसार इसमें सहयोग करें।

21 जिलों में बने 100 आश्रय स्थल
कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में लोगों की आवाजाही रोकने और उन्हें ठहराने के लिए आश्रय स्थलों की स्थापना का काम शुरू हो गया है। अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने बताया कि शनिवार दोपहर 12 बजे तक 21 जिलों में 100 आश्रय स्थल बनाए जा चुके हैं। इन जिलों में संत कबीर नगर, भदोही, मीरजापुर, कौशांबी, कासगंज, जौनपुर, गोरखपुर, अमरोहा, चंदौली, कानपुर देहात, इटावा, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, चित्रकूट, महाराजगंज, हापुड़, मुजफ्फरनगर, मैनपुरी, बदायूं, लखीमपुर और रामपुर शामिल हैं । उन्होंने बताया कि प्रदेश स्तर पर एक इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम की स्थापना राहत आयुक्त कार्यालय में की जा रही है। जिलों में भी स्थायी कंट्रोल रूम स्थापित करने के लिए हर जिले को 50 हजार रुपये आवंटित किए गए हैैं। यह कंट्रोल रूम भी लगातार संचालित रहेंगे। अब तक सात जिलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा शुरू कर दी गई है। 

सूचना मिलने के तीन घंटे में उपलब्ध कराएं भोजन
लॉकडाउन के दौरान किसी व्यक्ति या परिवार के भूखे रहने की सूचना मिलती है तो उसे तीन घंटे के भीतर भोजन उपलब्ध कराना होगा। राज्य सरकार ने सभी आवश्यक सेवाओं से संबंधित सूचनाओं व शिकायतों का निस्तारण करने के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी है। कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को जारी किए निर्देश में कहा कि आवश्यक सेवाओं को बाधित करने संबंधी शिकायतों को जिला प्रशासन के माध्यम से तीन घंटे के भीतर निस्तारित किया जाए। इसके अलावा दूध सब्जी आदि की सप्लाई नहीं हो पाने की सूचना मिलती है तो उसे अधिकतम आठ घंटे में निपटा देना चाहिए। इसी तरह यदि किसानों को आलू भंडारण से रोका जा रहा है तो इस पर छह घंटे के भीतर कार्रवाई करके समाधान कराया जाए। दैनिक उपयोग का सामान अधिक दामों पर बेचा जा रहा हो तो एक दिन के भीतर कार्रवाई अवश्य करा दी जाए। 

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों अथवा दुकानों को दवाएं उपलब्ध नहीं होने की शिकायत मिलने पर 24 घंटेे में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को कहा गया है। सिन्हा ने कहा कि सफाई और सैनिटाइजेशन न होने जैसी शिकायतों का समाधान एक दिन में करा दिया जाएगा। इसी तरह यदि जिलों की सीमा पर लोग फंसे है अथवा लाकडाउन के दौरान कोई विद्यालय या संस्थान खोल दिया गया है तो 24 घंटे भीतर समस्या निस्तारित करा दी जाए। पुलिस यदि किसानों को फसल काटने से रोकती है तो एक दिन में शिकायत का समाधान करा दिया जाएगा।
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