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कोरोना वायरसः बलिया के जिला अस्पताल पहुंचा संदिग्ध, खुली सरकारी सतर्कता की पोल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कोरोना वायरस को लेकर शासन प्रशासन की ओर से लगातार लोगों को नसीहतें दी जा रही है। लोगों को सतर्कता बरतने के लिए कहा जा रहा है। हर जिले में अस्पतालों में अलग से वार्ड और डाक्टरों की टीम नियुक्त करने की बातें कही जा रही हैं। अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड से लेकर साजो-सामान के साथ कर्मचारियों की तैनाती की बातें भी खूब हो रही हैं। लेकिन इन बातों और दावों की पोल बलिया के जिला अस्पताल में रविवार को खुल गई। सर्दी जुकाम से पीड़ित एक मरीज जिला अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंचा और डाक्टर से कोरोना की आशंका जताते हुए जांच की बात कही तो अफरातफरी मच गई। कोरोना से बचाने वाला थ्री लेयर मास्क और दस्ताने न डाक्टर के पास थे और न ही कर्मचारियों के पास था। अस्पताल में ही मास्क नहीं था। डाक्टर को अपने घर से मास्क मंगाकर मरीज की जांच करनी पड़ी। 

रविवार की सुबह जिला अस्पताल की इमरजेंसी ड्यूटी में डॉ रितेश कुमार सोनी तैनात थे। उसी दौरान सहतवार थाना क्षेत्र के रामपुर छाता गांव का एक अधेड़ डॉक्टर के पास पहुंचा और कहने लगा कि डॉक्टर साहब मुझे चेक कीजिए। बिहार में शादी से लौटने के बाद से सर्दी, खांसी के साथ सांस लेने में परेशानी हो रही है। प्राइवेट डाक्टर को दिखाया लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा है। कहीं मुझे कोरोना तो नहीं हो रहा है। कोरोना का नाम सुनते ही अफरातफरी मच गई। डाक्टर समेत वहां मौजूद किसी के पास थ्री लेयर वाला मास्क नहीं था। 

डाक्टर ने सबसे पहले मरीज को वहां से दूर एक बेड पर जाकर बैठने के लिए बोला। फिर मास्क की तलाश शुरू हुई। पता चला कि अस्पताल में थ्री लेयर वाला मास्क ही नहीं है। तत्काल डाक्टर ने किसी को अपने घर भेजा और वहां से मास्क मंगाया। अस्पताल में मौजूद दस्ताना हाथ में डाला। इसके बाद मरीज के पास पहुंचे औऱ उसकी दिनचर्या के बारे में पूछा। पता चला कि वह एक व्यापारी है। कभी विदेश नहीं गया लेकिन पिछले दिनों एक शादी में छपरा (बिहार) गया था।

वहां से लौटने के बाद उसकी तबियत बिगड़ने लगी। स्थानीय स्तर पर उसने प्राइवेट डॉक्टरों से इलाज भी कराया लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद आसपास के लोगों ने कोरोना का अंदेशा जताया। इसके बाद मरीज सीधा जिला अस्पताल पहुंच गया। डॉक्टर ने इसकी जानकारी सीएमएस को दी। सीएमएस ने मरीज का प्राथमिक इलाज करने का निर्देश देते हुए उसे सोमवार को फिर से अस्पताल आने की सलाह देकर घर भेज दिया। 

इस बारे में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉ रितेश कुमार सोनी ने बताया कि मौसमी परिवर्तन के दौरान होने वाली बीमारी व कोरोना के लक्षणों में काफी समानता है। दोनों के लक्षण एक दूसरे से मिलते- जुलते है। इसलिए लोगों में भय है। मरीज में भी इसी तरह के लक्षण दिखाई दिए। इसलिए इसकी सूचना सीएमएस को दे दी गई है। सीएमएस के निर्देश पर मरीज का प्राथमिक इलाज कर दिया गया है। सोमवार को दोबारा आने पर सैंपल लिया जाएगा।

सीएमएस डॉ बीपी सिंह का कहना है कि मौसमी बीमारी के लक्षण भी कोरोना के प्रारम्भिक लक्षणों के समान हैं। इसलिए लोगों में भ्रम है। रविवार को अस्पताल में आए मरीज को भी कोरोना का संदेह है। इसलिए उसका प्राथमिक इलाज कर सोमवार को बुलाया गया है। सोमवार को उसे सीएमओ द्वारा गठित की गई टीम के सुपुर्द करा दिया जायेगा।

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