आजम खां पर मेहरबानी, 63 केस में चार्जशीट नहीं लगा सकी पुलिस
गाजीपुर न्यूज़ टीम, सपा सांसद आजम खां पर साल भर के दौरान पुलिस ने आनन-फानन में 89 रिपोर्ट दर्ज कर लीं, लेकिन अब विवेचना पूरी करने और साक्ष्य जुटाने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं। साल भर बाद भी सिर्फ 26 मामलों में ही चार्जशीट दाखिल हो सकी है। यह स्थिति तब है जब आजम खां से जुड़े मामलों में लापरवाही पर पुलिस अधीक्षक हट चुके हैं और शहर कोतवाल को लाइन हाजिर कर चौकी इंचार्ज को सस्पैंड किया जा चुका है।
सांसद आजम खां पर मुकदमों का सिलसिला लोकसभा चुनाव के साथ ही शुरू हो गया था। आजम खां ने चुनावी सभाओं में प्रशासन को निशाने पर रखा और प्रशासन ने रिपोर्ट कराने में देर नहीं की थी। चुनाव के दौरान करीब चालीस रिपोर्ट दर्ज की गईं थीं। इसके बाद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी और स्कूलों की जांच पड़ताल की गई। शिकायतों की जांच कराई गई, जिसके बाद रिपोर्ट दर्ज की गईं। किसानों की जमीन पर कब्जा करने में 28 मुकदमें हुए। कोसी नदी की जमीन और चकरोड की जमीन के कब्जों पर भी मामले दर्ज किए गए। कस्टोडियन की जमीन कब्जाने में भी रिपोर्ट की गईं। पुत्र अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र, दो पासपोर्ट और दो पैनकार्ड समेत कई मामले दर्ज किए गए।
पुलिस रिकार्ड में आजम खां पर 89 रिपोर्ट दर्ज हैं, लेकिन पुलिस इनकी विवेचना और चार्जशीट दाखिल करनें में ढिलाई कर रही है। अब तक 26 मामलों में ही चार्जशीट दाखिल हो सकी है, जबकि आजम की 22 मामलों में जमानत हो चुकी है। आजम के मामलों में ढिलाई के चलते एसपी रहे संतोष कुमार मिश्रा को पौने दो माह में ही हटा दिया गया। शहर कोतवाल को लाइन हाजिर कर दिया गया है और चौकी प्रभारी को सस्पैंड किया गया है। किसानों की जमीनों पर कब्जा किए जाने की रिपोर्ट जुलाई माह में दर्ज हुई थीं, जिनमें नौ माह बाद भी पुलिस चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी, जबकि आजम खां और उनके परिवार से पुलिस छह माह पहले कई बार पूछताछ भी कर चुकी है।
कुछ मामले काफी पुराने हैं, लेकिन सभी की मॉनीटरिंग की जा रही है। तेजी से विवेचना पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि कोई विवेचक ढिलाई बरतेगा तो एक्शन लिया जाएगा। -शगुन गौतम, पुलिस अधीक्षक