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पुलिस कमिश्नर और DM से चीफ जस्टिस ने पूछा- किस नियम के तहत लगाए लखनऊ में पोस्टर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ हिंसा में नष्ट हुई संपत्ति की भरपाई के लिए आरोपियों से वसूली संबंधी पोस्टर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. इस मामले पर चीफ जस्टिस गोविंद माथुर (Justice Govind Mathur) ने स्वत: संज्ञान लेकर योगी सरकार को नोटिस जारी किया है.

चीफ जस्टिस माथुर ने पूछा है कि किस नियम के तहत ये पोस्टर लगाए गए हैं. हाईकोर्ट ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर और डीएम को 8 मार्च की सुबह 10 बजे हाजिर होने का आदेश दिया था लेकिन अब यह समय बदलकर दोपहर 3 बजे कर दिया गया है. चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस रमेश सिन्हा इस मामले की सुनवाई करेंगे.

बता दें कि बीती 19 दिसंबर को लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध के समय हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ था. सीएम योगी (Yogi Adityanath) ने इस नुकसान की भरपाई के लिए दंगे में शामिल लोगों से वसूली करने का ऐलान किया था. अब वसूली के लिए पोस्टर लगाया गया है और लोग इसके खिलाफ कोर्ट जा रहे हैं.

57 नामों में शामिल हैं ये लोग
जिन 57 लोगों को लखनऊ हिंसा का जिम्मेदार बताकर पोस्टर लगाया गया है उनमें 76 वर्षीय पूर्व आईपीएस श्रवण राम दारापुरी, कलाकार दीपक कबीर, सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर और वकील मोहम्मद शोएब जैसे नाम शामिल हैं. इन लोगों को लखनऊ में हिंसा भड़काने और तोड़ फोड़ करने का दोषी बताते हुए 1 करोड़ 55 लाख रुपए की वसूली करने का ऐलान किया गया थी. भरपाई न करने पर इनकी संपत्ति कुर्क करने की चेतावनी दी गई थी.

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