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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार से पूछा- Corona से बचाव के लिए क्या कदम उठाया?

Coronavirus: हाईकोर्ट के अधिवक्ता शशांक श्री त्रिपाठी ने जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि यहां पूरे प्रदेश से लोग मुकदमों की सुनवाई के लिए आते हैं. इसलिए यहां पर कोरोना वायरस के संक्रमण की सबसे ज्यादा आशंका है.

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संदिग्‍ध मरीज लगातार सामने आ रहे हैं. इससे कोरोना वायरस को लेकर लोगों में खौफ भी बढ़ता जा रहा है. दरअसल, इंटरनेशनल एयरपोर्ट और बड़े शहरों के बाद अब इलाहाबाद हाईकोर्ट अदालत परिसर को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने की मांग को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है. कोर्ट ने राज्य सरकार को 17 मार्च तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.


जनहित याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधानपीठ और लखनऊ खंडपीठ के परिसर में कोरोना फैलने से रोकने के लिए उपाय करने की मांग की गई है. याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ खंडपीठ में थर्मल इमेजिंग स्कैनिंग मशीन लगाने की मांग की गई है. याचिका में पूरे हाईकोर्ट परिसर की साफ-सफाई की भी मांग की गई है.


हाईकोर्ट के अधिवक्ता शशांक श्री त्रिपाठी ने जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि हाईकोर्ट में पूरे प्रदेश से लोग मुकदमों की सुनवाई के लिए आते हैं. इसलिए यहां पर कोरोना वायरस के संक्रमण की सबसे ज्यादा संभावना बनी रहती है. याचिका में कहा गया है कि अगर हाईकोर्ट में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल गया तो हाईकोर्ट को भी बंद करना पड़ सकता है. इससे मुकदमों की सुनवाई प्रभावित होगी. चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस रमेश सिन्हा की खंडपीठ में मामले की सुनवाई कर रही है. अब इस मामले की सुनवाई 17 मार्च को होगी.

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