Uttar Pradesh सरकार का चौथा बजट 18 फ़रवरी को, स्वास्थ्य विभाग को है ये उम्मीदें
स्वास्थ्य विभाग की नब्ज पर नजर रखने वाले लोग मान रहे हैं कि सरकार 2020 के आम बजट में स्वास्थ्य के लिए बजट औऱ बढायेगी.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार का आम बजट 2020 (Budget 2020) मंगलवार 18 फरवरी को दोपहर 12.20 पर पेश होगा. वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना (Suresh Kumar Khanna) सदन में आम बजट पेश करेंगे. पिछला आम बजट योगी सरकार ने कुल 4.79 लाख करोड़ का पेश किया था. साल 2019 में लोकसभा चुनाव थे औऱ शायद सरकार ने आम बजट के जरिए सभी वर्गों को साधने की कोशिश की थी. पिछला बजट तत्कालीन वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने पेश किया था जो अब सरकार का हिस्सा नहीं हैं. 2109 में पेश किए गए योगी सरकार ने अपने तीसरे बजट में सभी वर्गों का खास ख्याल रखा था. साल 2018 के मुकाबले 2019 का बजट 12 प्रतिशत अधिक था. 2020 में पेश होने वाला बजट योगी सरकार का चौथा बजट होगा.
2019 के आम बजट की बात करें तो सरकार ने 23 करोड़ की सूबे की आबादी के लिए स्वास्थ्य में 5482 करोड़ रुपये दिए थे. स्वास्थ्य विभाग की नब्ज पर नजर रखने वाले लोग मान रहे हैं कि सरकार 2020 के आम बजट में स्वास्थ्य के लिए बजट औऱ बढायेगी.
स्वास्थ्य विभाग का बजट 6 हजार करोड़ रुपये का आकड़ा कर सकता है पार
प्रदेश सरकार के बजट में राज्य की 23 करोड़ की आबादी को सेहतमंद रखना बड़ा लक्ष्य होता है. पिछले बजट में स्वास्थ्य के लिए सरकार ने 5482.50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की थी. नए मेडिकल कालेजों और उनकी सुविधाएं बढ़ाने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को 3735 करोड़ रुपये दिए गए थे. स्वास्थ्य के लिए दी गई कुल रकम 2018 की तुलना में 2624.69 करोड़ रुपये ज्यादा थी.
बजट से उम्मीदें
इस बार के बजट में लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार दवाओं के लिए ठीक ठाक पैसा देगी. साथ ही सूदूर ग्रामीण इलाकों में भी स्वास्थ्य सेवा को दुरुस्त करने के लिए कुछ नया करेगी. खास तौर से ग्रामीण इलाकों में अभी भी चिकित्सकों औऱ दवाओं की शिकायतें आती ही रहती हैं. बजट में स्वास्थ्य के लिहाज से जानकार इस बात की उम्मीद भी कर रहे हैं कि राज्य सरकार गरीबों को लिए कोई नई योजना लेकर आएगी. मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना पर भी खास ध्यान हो सकता है. मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के नाम से सरकार ने नई योजना शुरू की थी. देखना होगा कि सरकार इस बजट में इस पर कितना ध्यान देगी. सरकार ने पिछले बजट में जिला अस्पतालों को अपग्रेड कर के मेडिकल कालेज बनाए जाने की बात कही थी. देखने वाली बात होगी कि फैजाबाद, फिरोजाबाद, बस्ती, बहराइच व शाहजहांपुर में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने के लिए कितना पैसा दिया जाएगा.
लखनऊ स्थित लोकबंधु अस्पताल के निदेशक डॉ डीएस नेगी ने न्यूज18 से कहा कि "सरकार लगातार स्वास्थ्य के क्षेत्र में ध्यान दे रही. हम सभी लोगों को उम्मीद है कि इस बार सरकार स्वास्थ्य विभाग को औऱ भी ज्यादा तरजीह देगी." वहीं दूसरी तरफ लखनऊ स्थित सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.आशुतोष दुबे ने माना कि "पिछले कुछ सालों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम हुए है. सरकार लगातार निचले स्तर तक दवाओं को पहुंचा रही है. हम सब उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार हम स्वास्थ्य के क्षेत्र में दो कदम औऱ आगे बढ़ेगे."
सरकार ने पिछले साल किस मद में कितना पैसा दिया था उस पर एक नजर
-जिला अस्पताल एटा को मेडिकल कालेज बनाने के लिए 106 करोड़
-जिला अस्पताल हरदोई को मेडिकल कालेज बनाने के लिए 106 करोड़
-प्रतापगढ़ जिला अस्पताल को मेडिकल कालेज बनाने के लिए 106 करोड़
-फतेहपुर जिला अस्पताल को मेडिकल कालेज बनाने के लिए 106 करोड़
-सिद्धार्थनगर जिला अस्पताल को मेडिकल कालेज बनाने के लिए 106 करोड़
-देवरिया जिला अस्पताल को मेडिकल कालेज बनाने के लिए 106 करोड़
-गाजीपुर जिला अस्पताल को मेडिकल कालेज बनाने के लिए 106 करोड़
-मिर्जापुर जिला अस्पताल को मेडिकल कालेज बनाने के लिए 106 करोड़
-रायबरेली में एम्स के लिए 10 करोड़ रुपये
-लखनऊ के केजीएमयू के विभिन्न कामों के लिए 907 करोड़
-बलरामपुर में केजीएमयू के सेटलाइट सेंटर पर 25 करोड़
-डा.राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट लखनऊ के लिए 396 करोड़
-सैफई इटावा के ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान के लिए 357 करोड़
- लखनऊ के चकगंजरिया क्षेत्र में बन रहे कैंसर संस्थान के लिए 248 करोड़
-अटल बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ के लिए 50 करोड़
- प्रदेश में पहले आयुष विश्वविद्यालय के लिए 10 करोड़ रुपये
- केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत राज्य सरकार ने 1298 करोड़
-प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में 291 करोड़
-जिला स्तर पर बनने वाले 100 बेड के अस्पतालों के लिए 47.50 करोड़
-लखनऊ में गठिया उपचार एवं शोध के लिए केंद्र 38.54 लाख
-राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की स्थापना के लिए 31.21 लाख
-नर्सिंग एवं फार्मेसिस्ट के पैरा मेडिकल पाठयक्रम के लिए पांच लाख रुपये
-यूनानी महाविद्यालयों से संबद्ध चिकित्सालयों में इनोवेशन कार्यक्रम के लिए 20 लाख
किसी भी राज्य के विकास का पैमाना इस बात से लगाया जाता है कि आखिर वहां स्वास्थ्य सेवाएं कैसी है. उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई उटापठक देखे हैं. किसी जमाने में एनआऱएचएम ने प्रदेश को बदनाम किया लेकिन पिछले कुछ सालों से स्वास्थ्य के मामले में काम भी हुए हैं. उम्मीद की जा रही है कि यूपी की जनता के लिए स्वास्थ्य के नजरिए से साल 2020 का आम बजट अच्छा होगा.