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महाकाल एक्सप्रेस में भगवान शिव को AC कोच की बजाए पैंट्री कार में किया शिफ्ट

महाकाल एक्सप्रेस (Mahakal Express) में भगवान शिव (Lord Shiv) के लिए भी एक सीट आरक्षित करते हुए बाकायदा मंदिर बनाया गया था, लेकिन विवाद होने पर अब सीट बदल दी गई है.
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. महाकाल एक्सप्रेस (Mahakal Express) में अब भगवान महाकाल (Lord mahakaal) का सीट अब चेंज हो गया है, AC कोच की बजाए अब महाकाल यानि भगवान शिव को पैंट्री कार में स्थापित किया गया है. 16 फरवरी को महाकाल एक्सप्रेस की औपचारिक शुरुआत की गयी थी. जिसमें भगवान शिव के लिए भी एक सीट आरक्षित करते हुए बाकायदा मंदिर बनाया गया था, लेकिन विवाद होने पर अब सीट बदल दी गई है. गुरुवार को महाकाल एक्सप्रेस की नियमित शुरुआत हो चुकी है, जो कि काशी से उज्जैन के लिए यात्रियों को लेकर रवाना हो गई.

हर-हर महादेव के जयघोष के बीच ट्रेन हुआ रवाना
वाराणसी से महाकाल यानि उज्जैन को जोड़ने वाली ट्रेन काशी महाकाल एक्सप्रेस की गुरुवार को कमर्शियल रन शुरू हो गया. 16 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ट्रेन को रवाना किया था और आज से इस ट्रेन में हर किसी के यात्रा करने की सुविधा उपलब्ध हो गई है. पहली बार ये ट्रेन आज यात्रियों को लेकर इंदौर के लिए रवाना हुई है 2:45 पर इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर कैंट रेलवे स्टेशन से रवाना किया गया. सबसे बढ़िया बात यह रही कि वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर हिंदू संस्कृति के अनुसार पूजा पाठ और हर-हर महादेव के जयघोष के बीच लोगों ने ट्रेन में एंट्री की और लोगों पर पुष्प वर्षा कर टीका लगाकर उन्हें रवाना किया गया.

भगवान शिव के लिए रिजर्व थी एक बर्थ
काशी महाकाल एक्सप्रेस शुरू होने के साथ ही विवादों में रही क्योंकि ट्रेन की एक बर्थ भगवान शिव के नाम रिजर्व कर देने की खबर वायरल होने लगी. हालांकि बाद में आईआरसीटीसी ने ट्रेन की सीट रिजर्व ना करने की बात कही और से पहले दिन पूजा पाठ की बात कही थी. इसके बाद भगवान के छोटे से मंदिर को परमानेंट ट्रेन के पैंट्री कार में शिफ्ट कर दिया गया है. फिलहाल यात्रियों का स्वागत और हर-हर महादेव के जयघोष के साथ ट्रेन के अंदर ओम नमः शिवाय का जाप स्पीकर्स में बज रहा है. ये ट्रेन शुक्रवार सुबह ट्रेन उज्जैन महाकाल पहुंचेगी

बहरहाल शिवरात्रि के अवसर पर शुरू हुई इस ट्रेन काशीवासियों में भी हर्ष का महल बना हुआ है क्योंकि ये पहली ट्रेन हैं जो काशिवासियों को महाकाल के दर्शन कराएगी, तो वहीं आईआरसीटीसी ने भी विवाद को खत्म करते हुए आस्था को को भी ध्यान रखा और ट्रेन के पैंट्री कार में भगवान् को जगह दी.
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