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Mahashivratri 2020: ऊँ नमः शिवाय के मंत्र से गूंजी भोले बाबा की नगरी काशी

महा​शिवरात्रि (MahaShivratri 2020) के दिन भगवान शिव के रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है.
महाशिवरात्रि (MahaShivratri 2020) के महापर्व पर शुक्रवार को वाराणसी (Varanasi) के काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्ति का सैलाब उमड़ पड़ा है. गुरुवार देर रात से ही शिव मंदिरों में श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं. मंदिरों के बाहर लंबी कतारें नजर आ रही हैं. बच्चे हों या बुजुर्ग सभी भगवान भोलेनाथ के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए कड़े सुरक्षा इंतजाम भी किए गए हैं. मंदिरों में भगवान भोले का खास श्रृंगार भी किया गया है. भोले बाबा की नगरी काशी में ऊँ नमः शिवाय के मंत्र की गूंज सुनाई दे रही है.


दरअसल महा​शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है. यह भी माना जाता है कि गंगा की का अवतरण भगवान शिव की जटा से हुआ था. तभी से भगवान शिव को गंगा जल से अभिषेक करने की परंपरा प्रचलित हुई. शुक्ल यजुर्वेद में भगवान शिव की पूजा करने का सर्वोत्तम तरीका रुद्राभिषेक करना बताया गया है.


यह भी माना जाता है कि रुद्राभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. क्या आप भी चाहते हैं कि आपकी कोई इच्छा पूरी हो . तो शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक कर सकते हैं. लेकिन रुद्राभिषेक करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए और सटीक विधि से रुद्राभिषेक करना चाहिए. इनपुट- उपेन्द्र द्विवेदी


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