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वाराणसी में 8वीं के छात्र ने महज 3 दिन में बनाया एग्री रोबोट, किसानों की तरह कर सकता है खेती

ये है किसानों के काम आने वाला एग्रि रोबोट. छात्रा का कहना है कि उसका ये रोबोट किसानों के सारे काम जुताई, रोपाई, बोआई, सिंचाई, छिड़काव और निगरानी करेगा.
गाजीपुर न्यूज़ टीम, उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) में आठवीं कक्षा के संकर्षण रंजन (Sankarshan Ranjan) ने एक ऐसा रोबोट (Robot) तैयार किया है, जो आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस के आधार पर काम करता है. ये है किसानों के काम आने वाला एग्रि रोबोट. छात्रा का कहना है कि उसका ये रोबोट किसानों के सारे काम जुताई, रोपाई, बोआई, सिंचाई, छिड़काव और निगरानी करेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कक्षा 8वीं के छात्र संकर्षण रंजन ने एक ऐसा उपकरण बनाया है, जो किसानों की समस्या दूर करने में कारगर साबित होगा. वैसे तो एग्रिबोट पर दुनिया भर के कई देश काम कर रहे हैं लेकिन संकर्षण द्वारा बनाया गया उपकरण कई मायने में खास है. ये आर्टीफिशियल इण्टेलीजेंस के आधार पर काम करता है. इस एग्रिबोट को किसान अगर खेती के लिए प्रयोग करता है तो किसान को जुताई, कटाई के लिए ट्रैक्टर व हार्वेस्टर की जरूरत नहीं पड़ेगी.


मिट्टी की नमी जांचने से लेकर जानवरों से खेतों को करेगा सुरक्षित
इतना ही नहीं इसमें लगा सेंसर मिट्टी की नमी का पता कर सिंचाई भी करेगा. पानी के लिए इसके ऊपर एक टंकी भी फिट की गई है. कोई जानवर खेतों को नुकसान न पहुंचाए उसकी देखभाल के लिए इस उपकरण में हूटर और सीसीटीवी लगाया गया है, जो घर बैठे आप अपने मोबाइल से देख सकते हैं. इसके बनाने का उद्देश्य ये है कि किसान खेती की चिंता से मुक्त होकर अन्य काम भी कर सकता है.

किसान के हर काम करने में सक्षम
संकर्षण रंजन कहते हैं कि जो काम किसान करता है, यह रोबोट सारा काम अकेले कर सकता है. वह कहते हैं कि किसानों को बहुत काम करना पड़ता था तो उन्होंने सोचा कि उन पर जो लोड पड़ता था, वह कम हो जाए. डबल इनकम वाला सिस्टम मैंने यूज किया है, यह रोबोट उनके लिए फील्ड में काम करेगा, उनके लिए यहां से कमाई होगी और दूसरी तरफ किसान जो मेहनत खेत में किया करते थे. वह मेहनत कहीं और करके दूसरे रास्ते से भी आमदनी कर सकते हैं.


सरकार ने भी की मदद, अब राज्य स्तर की प्रतियोगिता की तैयारीसंकर्षण कहते हैं कि मैंने इस रोबोट को शॉर्ट नोटिस पर बनाया है, इसको 3 के अंदर में तैयार किया था. इसको बनाने के लिए मेरे मम्मी, पापा और स्कूल के तरफ से बहुत मदद मिली और गवर्नमेंट ने इस रोबोट को बनाने के लिए मुझे 10 हजार रुपये की मदद भी की थी. उन्होंने स्टेट लेवल क्वालीफाई कर लिया तो 50 हजार रुपये सरकार के तरफ से और मिलेगा.

मजदूरों का काम देख आया आइडिया: मां
संकर्षण रंजन की मां सुषमा रंजन ने बताया कि हमारे यहां मजदूर रहते हैं. ये मजदूरों को देखता था कि यह मजदूर कितना मेहनत करते हैं और कितना समय लगता है तो इसलिए यह ख्याल आया कि क्यों ना इन मजदूरों का आय दोगुना किया जाए. यही सोचकर एग्रीबॉट को बनाया. इस रोबोट को बनाने के लिए संकर्षण रंजन ने दिन रात मेहनत करके 3 दिनों में यह तैयार किया और रात के समय में यह बहुत कम सोता था. रिपोर्ट: अनुज

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