वैलेंटाइंन डे स्पेशल: एसिड अटैक, पापा का तिरस्कार और संघर्ष के बीच रुपाली की लव स्टोरी
रुपाली की प्रेम कहानी काफी उतार-चढ़ाव वाली रही. रुपाली की शादी में बहुत अड़चने थी. कुलदीप की शादी उस लड़की से हो रही थी जो एसिड अटैक पीड़िता थी. लेकिन समाज की बंदिशों को तोड़ते हुए दोनों ने शादी की.
तेजाब हमले (Acid Attack) की शिकार हुई रुपाली के लिए आनेवाला वैलेंटाइंन डे (Valentine Day) बहुत खास रहा. इस बार उन्हें लखनऊ (Lucknow) के पांच सितारा होटल नोवोटेल की तरफ से एक खूसूरत सा कैंडेल लाइट डिनर के लिए बुलाया गया था. रुपाली अपने पति कुलदीप के साथ जब होटल पहुंची तो उनकी आंखों में आंसु थे. रुपाली बताती हैं कि डॉक्टरों ने उन्हें रोने से मना किया है. क्योंकि रोने से उनकी आंखों की रौशनी जा रही थी.
2015 में हुआ था एसिड अटैक
रुपाली की प्रेम कहानी काफी उतार-चढ़ाव वाली रही. रुपाली की शादी में बहुत अड़चने थी. कुलदीप की शादी उस लड़की से हो रही थी जो एसिड अटैक पीड़िता थी. लेकिन समाज की बंदिशों को तोड़ते हुए दोनों ने शादी की. अब एक सुंदर सी बेटी है. बातचीत में रुपाली अपने पुराने अतीत को याद करके सिसकने लगती हैं. असल में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की रहने वालीं रुपाली विश्वकर्मा ऐसिड अटैक सर्वाइवर हैं. वो आज तक इस बात से अनजान हैं कि 28 जुलाई 2015 को उन पर किसने तेजाब से हमला किया था और क्यों किया था?
एसिड अटैक के बाद पापा ने डॉक्टर से कहा था जहर दे दो
दरअसल, जिस वक्त रुपाली पर ऐसिड अटैक हुआ उस वक्त वह बेहोशी की हालत में थीं. बावजूद इसके वह आज भी अपने पिता की उस बात को नहीं भूली हैं, जब अटैक के बाद पापा ने इलाज कर रहे डॉक्टर से कहा था कि रुपाली को जहर दे दो. रुपाली रोती हुई कहती हैं कि इलाज के बीच मुझे और मेरी मां को पापा ने घर ले जाने के बजाए अनाथ आश्रम में छोड़ दिया था.
शिरोज कैफे में हुई कुलदीप से मुलाक़ात
बहुत लंबे समय तक इलाज, कोर्ट-कचेहरी के चक्कर, तमाम संघर्षों, अपना चेहरा और परिवार खो देने के बाद उनको एक उम्मीद की राह दिखी वो थी, लखनऊ का शिरोज कैफ़े. जहां उनकी मुलाकात कुलदीप से हुई. सहकर्मी के साथ वक्त बिताते-बिताते कब दोनो एक दूसरे को पसंद करने लगे पता ही नहीं चला. कुलदीप थोड़ा कम बोलते हैं फिर भी वो कहतें हैं कि मुझे बचपन से ही किसी उदास को हंसाने का शौक था. जब हम शिरोज में काम करते थे तो मैंने रुपाली को हमेशा रोते हुए देखा था. जब मैंने रुपाली की कहानी सुनी तो मुझे उनकी तरफ एक लगाव सा होने लगा. मैं उनको पसंद करने लगा. फिर हमने गाजीपुर के कोर्ट में जाकर कोर्ट मैरिज कर ली. कुलदीप कहतें हैं कि रुपाली बेहद खूबसूरत मिजाज की लड़की हैं. आज हमारी लगभग दो साल की एक खूबसूरत सी बेटी है. जिसे हम खूब प्यार करतें हैं.
कुलदीप बोले सूरत नहीं सीरत से प्यार
कुलदीप आगे बताते हैं कि मुझे किसी लड़की की सूरत नहीं सीरत से प्यार करना था. रुपाली की सीरत अच्छी थी. इसीलिए मैंने उनसे शादी के लिए बोला और वो मान गयी. वहीं रुपाली का कहना है कि, ऑफिस में कई लोग थे. लेकिन कुलदीप से बातचीत करना हमेशा अच्छा लगता था. कुलदीप मेरी तकलीफों से दुखी हो जाता था. मुझे बहुत मानता था. उससे शादी करके मैं बेहद खुश हूं. अब हम साथ में रहते हैं. रुपाली कहती हैं कि बेटी के पैदा होने के बाद मेरे परिवार के लोग भी मुझसे मिलने आए. पिता ने हाथ जोड़कर मुझसे माफ़ी मांगी. अब तो ससुराल के लोग भी साथ हैं.