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गाजीपुरः गिरफ्तार पदयात्रियों से जमानत के लिए मांगी दो गजेटेड अफसरों की गारंटी, जेल में भूख हड़ताल शुरू

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर चौरीचौरा से दिल्ली की पदयात्रा पर जाते समय गाजीपुर में गिरफ्तार युवाओं ने जेल में सत्याग्रह शुरू कर दिया है। मंगलवार को मऊ से गाजीपुर की सीमा में आते ही दस युवाओं को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार किये गए इन युवाओं से जमानतकर्ताओं के साथ ही दो राजपत्रित अधिकारियों (गजेटेड अफसर) की भी गारंटी मांगी गई। मामले ने तूल पकड़ा तो सांसद अफजाल अंसारी ने एसडीएम से मुलाकात कर जमानत देने की मांग की। कांग्रेस नेताओं ने जेल में जाकर सत्याग्रहियों से मुलाकात की और उनके लिए पैरवी भी की।

चौरीचौरा से नई दिल्ली में बापू की समाधि तक पदयात्रा निकाल रहे 10 युवाओं की टोली रविवार को निकली थी। उनके साथ दिल्ली की एक महिला पत्रकार भी थीं। मंगलवार को गाजीपुर में पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के पीछे धारा 144 को कारण बताया गया। शांतिभंग की धाराओं में केस करते हुए एसडीएम सदर ने सभी को जेल भेज दिया। बुधवार को कई संगठनों ने जमानत का प्रयास किया। एसडीएम ने पांच लाख के बांड के साथ ही दो राजपत्रित अधिकारियों की सहमति देने की शर्त रख दी। इससे आक्रोशित महिला पत्रकार प्रदीपिका सारस्वत समेत अन्य लोगों ने जिला जेल में अपनी बैरक में भूख हड़ताल शुरू कर दी। सत्याग्रहियों का आरोप है कि पुलिस उनके शांति पूर्ण सत्याग्रह के मकसद को कुचलना चाहती है। जब तक रिहाई नहीं होती हम अनशन पर बैठे रहेंगे। 

गुरुवार को इस बाबत डीएम को संबोधित एक पत्र जेल अधीक्षक को सौंपा गया। इसमें बताया गया कि हम जेल में भूख हड़ताल शुरू कर रहे हैं। भारत मेरा देश है और पुलिस हमें शांतिपूर्ण यात्रा से रोकने का फैसला नही कर सकती। उन्होने कहा कि सरकार पुलिस का इस्तेमाल कर शांतिपूर्ण पदयात्रा करने वालों को गिरफ्तार कर रही है। उन्होने आगे कहा कि हम गांधी के भारत की संतान हैं और गलत मानसिकता के विरुद्ध सत्याग्रह ही हमारा हथियार है। हमने जेल के बाहर भी यही कहा और जेल में भी यह कहेंगे।

सत्याग्रहियो ने लिखा कि हम लोग शांतिपूर्ण मार्च कर रहे थे। यूपी पुलिस हमारे ह्यूमन राइट को कुचला है। हमारी गिरफ्तारी बिना किसी वजह के की गई है। पुलिस ने दर्ज एफआईआर में बताया कि यह यात्रा सीएए व एनआरसी के खिलाफ थी। उन्होने कहा है कि प्राथमिकी के शब्दों पर गौर करें तो पुलिस नागरिक सत्याग्रह यात्रा के मकसद को ही बदलने में लगी है। सत्याग्रह यात्रा किसी तरह के हिंसा के खिलाफ है, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों का प्रचार-प्रसार करना हमारा मकसद है। हम तो लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दे पर युवाओं को डटे रहने की सलाह दे रहे थे। हम युवाओ को बता रहे थे कि कुछ लोग जाति-धर्म के नाम पर विद्वेष की भावना फैला रहे हैं, युवाओं को उनसे दूर रहने की जरूरत है।

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