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12वीं में फेल बना IAS, UPSC Prelims के वक्त अपनाई थी ये खास ट्रिक

महाराष्ट्र के नासिक जिले के रहने वाले सैय्यद रियाज अहमद 12वीं में एक विषय से फेल हो गए थे. फिर उन्होंने अपनी पढ़ाई का तरीका इस तरह बदला कि हर क्लास हमेशा अव्वल आते रहे. उनके कदम आगे बढ़े तो फिर पहले MPSC में सेकेंड रैंक पाई और रेंज फारेस्ट अफसर (RFO) बने, फिर इस जॉब में रहते यूपीएससी 2018 निकाला. बातचीत में रियाज अहमद ने प्रीलिम्स की तैयारी के टिप्स साझा किए. आइए पढ़ें...

रेयाज अहमद कहते हैं कि अब यूपीएससी प्रीलिम्स के एग्जाम के महज कुछ दिन बचे हैं. ऐसे में मैं उन लोगों के बारे में समझ सकता हूं जो पहली बार प्री लिम्स में बैठ रहे हैं. मैं भी पहली बार प्री लिम्स के वक्त बहुत चिंता में था कि आख‍िर क्या पढ़ूं और क्या छोड़ दूं. मैं ऐसे एस्प‍िरेंट्स के साथ अपनी ट्रिक शेयर करना चाहता हूं, जिसे वो भी अपना सकते हैं.

रिवीजन, रिवीजन सिर्फ रिवीजन
UPSC प्रीलिम्स के ताले की एक ही चाभी है, वो है रिवीजन. अब बस उतना ही वक्त है जिसमें आप पहले का पढ़ा सारा कोर्स रिवाइज कर सकें. इसके अलावा आप दूसरी चीज जो कर सकते हैं वो है ग्रुप डिस्कशन. ये डिस्कशन यूपीएससी के सवालों पर ही होना चाहिए.

डेली दें एक मॉक टेस्ट
प्रीलिम्स की लास्ट मोमेंट तैयारी के लिए हर दिन एक मॉक टेस्ट देना बहुत जरूरी है. इस टेस्ट को देकर आप इसे आंसर शीट से मिलाएं. जहां चूक हो रही है, उसे सुधारें लेकिन खुद को डिमोटिवेट न करें. इसके अलावा मैप रीडिंग भी जरूरी है.
रियाज अहमद कहते हैं कि तैया‍री के इन आख‍िरी दिनों में नेशनल पार्क और वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी जैसे विषयों को एक बार फिर से दोहरा लें. ध्यान रहे कि इस दौरान आप सभी विषयों को स्लॉट में बांटकर पढ़ें. टाइम मैनेजमेंट भी प्रीलिम्स की तैयारी के लिए बहुत जरूरी है.

प्रीलिम्स की तैयारी के दौरान आप तमाम तरह की रिपोर्ट जैसे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स ऑफ नेशनल एंड इंटरनेशनल बॉडीज आदि पढ़ लें. इसके अलावा सरकारी रिपोर्ट जरूर दोहरा लें.

कुछ भी नया न पढ़ें
यही वो सही वक्त है जब आप न्यूजपेपर पढ़ना बंद कर सकते हैं. इसके अलावा कुछ भी नया पढ़ने से बचें. न्यूजपेपर पढ़ने की बजाय जो आपने नोट्स न्यूजपेपर से बनाए हैं उसे दोहरा लें.

साल 2013 में सैयद रियाज ने पूना में रहकर यूपीएससी की तैयारी की. रेयाज कहते हैं कि मुझे कुछ पता नहीं था, न टेस्ट सीरीज के बारे में पता था, न तैयारी के अलग अलग तरीकों के बारे में ज्ञान था. फिर साल 2014 में पहला अटेंप्ट किया और प्रीलिम्स से ही फेल हो गया.

तब सोचा कि कोई बात नहीं, और साल 2015 में जामिया की आईएएस एकेडमी में एडमिशन लिया. फिर 2015 में प्रीलिम्स दिया. उस साल की परीक्षा में  93 सवाल किए, नेगेटिव के कारण एक मार्क से प्रीलिम्स क्वालीफाई नहीं हुआ तो लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया. दोस्तों ने कहा कि तैयारी ठीक नहीं है. तब मैंने समझा कि गलत स्ट्रेटजी के कारण ऐसा हुआ.

बनाई खुद की 123 स्ट्रेटजी
रियाज ने तब प्रीलिम्स की खुद की स्ट्रेटजी बनाई और उसे 123 स्ट्रेटजी नाम दिया. वो बताते हैं कि 1 यानी जिन सवालों को लेकर मैं कान्फीडेंट हूं, उन्हे पहले करना था. फिर 2 में वे सवाल जिनमें मैं कन्फ्यूज्ड हूं उसे पहली बार में छोड़ देता था. फिर 3 जो बिल्कुल नहीं आते थे, उन्हें पूरी तरह छोड़ देता था. 1 करने के बाद 2 कैटेगरी पर आकर हल करता था.

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