अखिलेश यादव का योगी सरकार पर प्रहार, पूछा- केवल मेरी NSG को क्यों हटाया गया?
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि सरकार ये बताए हमारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलआईयू का कोई अफसर कैसे आ सकता है? केवल हमारी एनएसजी (NSG) को क्यों हटाया गया? साथ ही कहा कि मुझे सिक्योरिटी की जरूरत नहीं, मुझे साइकिल चलानी है और साइकिल बहुत तेज चलेगीगाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ योगी सरकार (Yogi Government) द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए पेश किए गए बजट (UP Budget) पर समाजवादी पार्टी (Samajadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने हमला बोला है. उन्होंने पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर राज्य सरकार पर तमाम सवाल उठाए. इस दौरान सिक्योरिटी के मुद्दे पर भी अखिलेश का दर्द छलका. उन्होंने सवाल किया कि केवल उनकी एनएसजी (NSG) को क्यों हटाया गया? अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ये बताए हमारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलआईयू का कोई अफसर कैसे आ सकता है? केवल हमारी एनएसजी को क्यों हटाया गया? साथ ही कहा कि मुझे सिक्योरिटी की जरूरत नहीं, मुझे साइकिल चलानी है और साइकिल बहुत तेज चलेगी.
कन्नौज में अखिलेश ने बोला था- जान से मारने की मिल रही धमकी
बता दें कि इससे पहले शनिवार को अखिलेश यादव ने कन्नौज (Kannauj) में ये कह कर सबको चौंका दिया था कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिली है. अखिलेश यादव ने यहां एक जनसभा के दौरान ये खुलासा किया था. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पास एक-दो दिन पहले फोन पर मैसेज आया था, जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी. उन्होंने कहा था कि एक-दो दिन में इसको लेकर मैं खुलासा करूंगा. वहीं कन्नौज में ही उनकी जनसभा में एक शख्स अचानक घुस आया, जिसको उनकी सुरक्षा में लगे लोगों ने पकड़ लिया और उसकी पिटाई करने के बाद बंधक बना लिया. इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि धमकी मिलने वाली बात आज पुख्ता हो गई है.
'व्हाट्सएप पर भेजी जा रहीं आपत्तिजनक टिप्पणियां'
इसके बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर चौंकाने वाला खुलासा किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि व्हाट्सऐप के जरिए उनको लगातार आपत्तिजनक टिप्पणियां भेजी जा रही हैं. आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाला खुद को बीजेपी का कार्यकर्ता बता रहा है. अखिलेश यादव ने व्हाट्सऐप मैसेज का स्क्रीन शॉट भी ट्वीट किया.
अखिलेश यादव ने लिखा, 'देश की राजनीति व्यक्तिगत धमकियों से होती हुई सार्वजनिक मंचों पर षड्यंत्रकारियों तक को भेजकर राजनेताओं को बदनाम करने की साजिश के निकृष्टतम दौर से गुजर रही है, लेकिन आज की समझदार जनता सब समझकर सत्ताधारियों के झांसे में नहीं आनेवाली है. बल्कि सत्ता का विरोध करने वालों के साथ खड़ी है.'