Today Breaking News

Ranjit Bachchan हत्याकांड: पढ़िए गंधर्व विवाह, बेवफाई फिर दबंगई और बदले की पूरी कहानी

लखनऊ पुलिस (Lucknow Police) ने शक के आधार पर जब स्मृति से सख्ती से पूछताछ की तो उसके दीपेंद्र से संबंधों का खुलासा हुआ. स्मृति से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने दीपेंद्र को गिरफ्तार किया तो हत्या की पूरी साजिश और अंजाम देने के बारे में पता चला.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए सनसनीखेज रंजीत बच्चन हत्याकांड (Ranjeet Bachchan Murder Case) का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने हत्या में शामिल रंजीत की दूसरी पत्नी स्मृति (Second wife Smriti) उसके प्रेमी दीपेंद्र और हत्या में इस्तेमाल कार चलाने वाले संजीत को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि रंजीत को गोली मारने वाला जीतेंद्र अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. विश्व हिंदू महासभा (Vishwa Hindu Mahasabha) के नाम से संगठन चलाने वाले रंजीत बच्चन की 2 फरवरी की सुबह मॉर्निंग वॉक के दौरान हजरतगंज के ग्लोब पार्क के बाहर हत्या कर दी गई थी.


लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे ने बताया कि 18 जनवरी 2015 को रंजीत बच्चन और स्मृति की आर्य समाज मंदिर में शादी हुई थी. पूछताछ के दौरान स्मृति ने बताया कि रंजीत ने कालिंदी के साथ अपनी पहली शादी की बात स्मृति से छिपाई थी. हालांकि ये बात बहुत दिन तक नहीं छिप पाई. लिहाज़ा स्मृति रंजीत बच्चन से अलग होकर अपनी मां के घर विकासनगर में रहने लगी थी. लेकिन तब तक स्मृति गर्भवती हो गई थी.

स्मृति और उसकी मां ने रंजीत के खिलाफ दर्ज कराई थी कई एफआईआर
रंजीत घर वापस आने के लिए स्मृति पर लगातार दबाव बना रहा था. दोनों में विवाद भी शुरू हो गया था, जिसके बाद 11 मार्च 2016 को स्मृति ने लखनऊ के विकासनगर थाने में रंजीत बच्चन के खिलाफ मारपीट, छेड़छाड़, धमकाने और दहेज उत्पीड़न की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई. 3 मई 2016 को स्मृति की मां ज्योत्सना श्रीवास्तव ने रंजीत पर विकासनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई. इस एफआईआर के मुताबिक 3 मई की रात करीब 9 बजे रंजीत उनके घर आया और पेट्रोल से भरी बोतल में आग लगाकर घर के अंदर फेंकी, जिससे किराएदार हरिओम दयाल की बाईक में आग लगी और बड़ा धमाका हुआ.

रंजीत ने घर में घुसकर स्कूटी में लगाई आग  
रंजीत की इस हरकत से सभी दहशत में आ गए थे. लेकिन रंजीत यहां नहीं रुका और 29 मई 2016 की रात 11 बजे ज्योत्सना के घर में घुसा और किराएदार की स्कूटी में आग लगा दी. लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की लेकिन स्कूटी राख़ हो गई. इस वारदात की भी ज्योत्सना ने विकासनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. इन घटनाओं से स्मृति और उसकी मां ज्योत्सना दहशत में आ गए थे.

कालिंदी से किया गंधर्व विवाहरंजीत ने 2014 में कालिंदी से गंधर्व विवाह किया था और 2015 में स्मृति से आर्य समाज मंदिर में शादी की थी. स्मृति लखनऊ के बापू भवन के एक सरकारी दफ्तर की कर्मचारी है. हत्याकांड की जांच में लगी पुलिस को सीसीटीवी फुटेज और रंजीत, स्मृति के मोबाइल के जरिए अहम सुराग मिले. सबसे पहले पुलिस को स्मृति की भूमिका संदिग्ध लगी. स्मृति को शिकंजे में लेते ही उसके प्रेमी दीपेन्द्र का नाम सामने आया. पुलिस ने दीपेंद्र से पूछताछ की तो नई जानकारी सामने आई.


रंजीत ने स्मृति को मारा थप्पड़ तो शुरू की रास्ते से हटाने की प्लानिंग
दीपेंद्र और स्मृति के संबंधों की जानकारी रंजीत को हो गई थी, जिसको लेकर रंजीत ने 21 जनवरी को स्मृति को थप्पड़ मारा था. स्मृति और दीपेंद्र काफी समय से रंजीत को रास्ते से हटाने की प्लानिंग तो कर ही रहे थे. इस थप्पड़ की वजह से उनके इरादे और मजबूत हो गए.

इस तरह दिया घटना को अंजाम
दीपेंद्र अपने चचेरे भाई जितेंद्र को रंजीत की हत्या के लिए राजी किया. 28, 29 जनवरी को मॉर्निंग वॉक करते हुए रंजीत की रेकी की गई. रेकी के बाद दीपेंद्र और जीतेंद्र रायबरेली चले गए. 1 फरवरी की रात 2 बजे संजीत, जीतेंद्र और दीपेंद्र सफेद बलेनो कार से लखनऊ के लिए निकले. संजीत कार चला रहा था. हजरतगंज के पास जितेंद्र और दीपेंद्र कार से उतरे और ग्लोब पार्क के पास जितेंद्र ने रंजीत बच्चन को गोली मार दी, आदित्य ने विरोध किया तो उस पर गोली चला दी.

40 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज की हुई पड़ताल
वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों लखनऊ से फरार हो गए. 40 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल और रंजीत, स्मृति और दीपेंद्र के मोबाइल फोन से पुलिस को मिले थे अहम सुराग. सीसीटीवी फुटेज से दीपेंद्र की पहचान साफ हुई थी.


स्मृति से पुलिस ने बरती तो उगले राज
पुलिस ने शक के आधार पर जब स्मृति से सख्ती से पूछताछ की तो उसके दीपेंद्र से संबंधों का खुलासा हुआ. इसी पूछताछ में 21 जनवरी को थप्पड़ मारने की घटना के बारे में पता चला. स्मृति से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने दीपेंद्र को गिरफ्तार किया तो हत्या की पूरी साजिश और अंजाम देने के बारे में पता चला. फिलहाल पुलिस ने स्मृति, दीपेंद्र और संजीत को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन हत्या को अंजाम देने वाला शूटर जितेंद्र अब भी फरार है.
'