गाजीपुर: योग की त्रिवेणी है ज्ञान, कर्म एवं उपासना- डा. एसडी सिंह
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर पीजी कालेज के बीएड के प्रथम सेमेस्टर के छात्रों का पांच दिवसीय योग प्रशिक्षण के समापन अवसर पर प्राचार्य डा. समर बहादुर सिंह ने कहा कि आज विश्व में सुख, शांति, स्वास्थ्य तथा समृद्धि का आधार योग को ही माना जा रहा है। योग के प्रशिक्षण से ही विद्यार्थियो द्वारा मानव से महामानव बनने का मार्ग प्रशस्त होगा। आज के दूषित एवं भाग दौड़ के वातावरण से जीवन में व्यक्ति अपने खान-पान, रहन-सहन आदि पर ध्यान न देकर केवल सुखरूपी कल्पनाओं में खोया रहता है। परिणाम स्वरूप स्वास्थ्य एवं प्रगति के साथ ही सम्पूर्ण जीवन प्रभावित हो जाता है।
छात्र एवं अध्यापक के लिए तो योग भौगोलिक, राजनैतिक- आर्थिक सीमाओ से परे शाश्वत सत्य का रूप हो जाता है, जिसके माध्यम से हम सभी के कल्याणरूपी विश्व का संदेश देने में सफलता प्राप्त कर सकते है। बीएड विभागाध्यक्ष डा. एसडी सिंह परिहार ने ज्ञान, कर्म एवं उपासना को योगी की त्रिवेणी बताया। उन्होने कहा कि योग एक वैज्ञानिक, सर्वभौमिक व पंथनिरपेक्ष प्राकृतिक जीवन पद्धति है। इस सहज, सरल जीवन पद्धति को अपनाकर हम निरोगी, निर्व्यसनी, स्वरूप, समृद्ध एवं शांतिमय जीवन जीत है।
व्यायाम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान व समाधि रूपी के नित्य प्रति अभ्यास से जीवन का पूर्ण विकास करके शील, समाधि एवं प्रज्ञा को प्राप्त करना ही योग का लक्ष्य है। प्रख्यात योग प्रशिक्षण एवं भारत विकास परिषद के अध्यक्ष ई. शिवशंकर ने कहा कि वसुधैव, कुटुम्बकम, सहआस्तित्व के साथ एकत्व तथा अस्तित्व के प्रति पूर्ण कृतज्ञता के साथ पूर्ण पुरूषार्थ करते हुए निष्काम, अकाम, अलोभ व आत्मा का होकर दिव्य जीवन जीना ही योग है। कार्यक्रम में डा. एसएन सिंह, डा. रविशंकर सिंह, डा. ओमदेव सिंह गौतम, सुभाष, मुरारी, नीरज आदि उपस्थित रहें।