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CBI की बड़ी कार्रवाई, 116 करोड़ के टेंडर घोटाले में पूर्व इंजीनियर यादव सिंह गिरफ्तार

CBI ने जनवरी, 2018 में यादव सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, जिसमें आपराधिक साजिश, पद के दुरुपयोग और रिश्वत लेकर भ्रष्ठ ठेकेदारों और फर्मों को ठेका देने का आरोप लगाया गया था.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सोमवार को न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (NOIDA) के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह को गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने कहा कि उस पर निजी कंपनियों को गलत तरीके से 116 करोड़ रुपये के टेंडर देने का आरोप है.

सीबीआई ने जनवरी, 2018 में यादव सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, जिसमें आपराधिक साजिश, पद के दुरुपयोग और रिश्वत लेकर भ्रष्ठ ठेकेदारों और फर्मों को ठेका देने का आरोप लगाया गया था.

जांच एजेंसी ने इस केस में प्राइवेट सेक्टर के पांच लोगों सहित अज्ञात सरकारी कर्मचारियों का भी जिक्र किया है. CBI ने साल 2015 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह मुकदमा दर्ज किया था.

सीबीआई ने FIR में आरोप लगाया है कि यादव सिंह ने दूसरे अधिकारियों और ठेकेदारों के साथ साजिश कर, टेंडर की शर्तों और प्रक्रियाओं का घोर उल्लंघन कर पांच फर्म को ठेका आवंटित किया था. इसी मामले में यादव सिंह पर लगे आरोपों की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी कर रहा है.

2014 में पहली बार CBI ने की थी छापेमारी
वहीं इससे पहले नवंबर 2014 में CBI ने पहली बार यादव सिंह के घर छापेमारी की थी. इसके बाद फरवरी 2015 में यूपी सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था. साथ ही सरकार ने इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश भी दिए थे.

इसके बाद जुलाई 2015 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले की जांच की जिम्मेदारी CBI को सौंपी थी. सीबीआई ने 954.38 करोड़ रुपये के घोटाले के संबंध में अगस्त 2015 को यादव सिंह के खिलाफ एफआईआर दायर की थी.

सीबीआई ने यादव सिंह को पहली बार तीन फरवरी 2016 को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद यादव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से अक्टूबर 2019 में जमानत मिली थी और वो जेल से बाहर आ गया था.

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