इस मां के जज्बे ने जीता दिल, बच्चों को पढ़ाने के लिए चलाती है ऑटोरिक्शा
मधुमिता बंधानी… ओडिशा के बालेश्वर शहर की पहली महिला ऑटोरिक्शा ड्राइवर हैं। वह उन महिलाओं के लिए मिसाल हैं, जो पति के छोड़ दिए जाने के कारण जिंदगी से रूठ जाती हैं, निराश हो जाती हैं। लेकिन मधुमिता ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने अपनी हिम्मत को जुनून बनाया और अपने शहर की पहली ऑटोरिक्शा चालक बन गईं। मधुमिता 8वीं तक पढ़ी हैं। वह 15 साल की थीं, जब उनकी शादी हुई। हालांकि, शादी के कुछ वर्षों बाद पति ने उन्हें छोड़ दिया और बाद में एक दूसरी लड़की से शादी कर ली।
कभी नहीं माननी चाहिए हार
मधुमिता कहती हैं, ‘मैं एक गरीब परिवार से आती हूं लेकिन पति द्वारा छोड़े जाने के बाद मैंने हार नहीं मानी। मैंने अपने परिवार की जिम्मेदारी उठानी शुरू की। छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी संघर्ष किया। इस समाज में जहां महिलाओं को पुरुषों से कम आंका जाता है, वहां महिलाओं के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह हिम्मत के साथ खुद के लिए खड़ी हों।’
60 किमी के दायरे में चलाती हैं ऑटो
घर का काम खत्म करने और बच्चों को स्कूल भेजने के बाद मधुमिता ऑटोरिक्शा चलाने निकल पड़ती हैं। वह शहर के 60 किलोमीटर के दायरे में सवारियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाती हैं।
गरीबों और जरूरतमंदो से नहीं लेती पैसा
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मधुमिता पिछले नौ महीने से ऑटो चला रही हैं। उनकी ज्यादातर सवारियां महिलाएं हैं, जो उनके अच्छे व्यवहार और ऑटो चलाने की काबलियत के कारण उनके रिक्शा में सफर करना पसंद करती हैं। और हां, मधुमिता गरीब और जरूरतमंद लोगों को फ्री में उनकी मंजिल तक पहुंचाती हैं।
बच्चों को देना चाहती हैं अच्छी शिक्षा
इस मां का सपना है कि वह अपने दोनों बच्चों को अच्छी शिक्षा दे। वह कहती हैं, ‘मैं अपने बच्चों को खूब पढ़ाना चाहती हूं, इसके लिए मैं दिन में कुछ घंटे और रिक्शा चलाने को तैयार हूं, ताकि कुछ और पैसे कमा सकूं।’ रिपोर्ट के मुताबिक, वह महीने में ऑटोरिक्शा चलाकर 10 हजार रुपये तक कमा लेती हैं।