योगी सरकार का बड़ा एक्शन: चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी सहित कई अफसरों के खिलाफ अभियोग चलाने की दी मंजूरी
केजीएमयू वीसी (KGMU VC) पर आरोप है कि उन्होंने अपने चहेते को उप चिकित्सा अधीक्षक बनाया. यही नहीं केजीएमयू के जूनियर डॉक्टरों का पेपर लीक का गंभीर आरोप भी वीसी पर लगा है.
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के वीसी डॉ एमएलबी भट्ट की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए केजीएमयू वीसी के खिलाफ जांच को हरी झंडी दे दी है. लखनऊ के कमिश्नर मुकेश मेश्राम (Mukesh Meshram) केजीएमयू के वीसी की जांच करेंगे. बता दें डॉ भट्ट पर अनियमित भर्ती के गंभीर आरोप लगे हैं. यही नहीं बीपीएल फंड के दुरुपयोग का भी उन पर आरोप है.
केजीएमयू वीसी पर आरोप है कि उन्होंने अपने चहेते को उप चिकित्सा अधीक्षक बनाया. यही नहीं केजीएमयू के जूनियर डॉक्टरों का पेपर लीक का गंभीर आरोप भी वीसी पर लगा है. 15 दिनों के भीतर कमिश्नर लखनऊ मुकेश मेश्राम योगी सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट देंगे. इस दौरान जनप्रतिनिधियों की शिकायतों का भी संज्ञान लिया जाएगा.
KGMU VC |
बता दें केसी पांडेय, पूर्व कुलपति चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ व अन्य के खिलाफ कई अनियमितताओं के सम्बंध में सतर्कता अधिष्ठान, मेरठ द्वारा खुली जांच की गई. लेकिल बार-बार अनुरोध के बावजूद आरोपियों ने मांगे गए दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए. इस सम्बंध में विशेष सचिव उच्च शिक्षा की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा जांच के बाद 12 अक्टूबर 2018 को जांच आख्या उपलब्ध कराई गई.
इसमें कहा गया कि सतर्कता जांच से सम्बंधित अभिलेख/पत्रावलियां कुलसचिव कार्यालय में उपलब्ध होते हुए भी सतर्कता अधिष्ठान को उपलब्ध नहीं कराए गए. और न ही अधिष्ठान के प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर दिया गया. इससे सम्बंधित अधिकारियों एवं आरोपियों के बीच दुरभिसंधि परिलक्षित होती है. सम्बंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध आपराधिक मामले के तहत प्राथमिकी दर्ज कराने व प्रकरण की पुन: सतर्कता जांच कराए जाने का अनुमोदन किया गया है.