बजट 2020 पर बोले अखिलेश यादव, कहा- इस दशक का पहला दिवालिया बजट
सपा नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि जब व्यापारी जीएसटी (GST) से मर गया और नौकरियां है ही नहीं तो इनकम टैक्स की सहूलियत दी क्यों जा रही है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने रविवार को आम बजट 2020 (Budget 2020) पेश किया, जिसे सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इस दशक का पहला दिवालिया बजट बताया. वित्त मंत्री के लंबे भाषण को लेकर अखिलेश ने कहा कि ये सिर्फ इसलिये था ताकि जनता बजट को समझ ना पाए. बता दें, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आम बजट 2020 पेश करते हुए एक नया रिकॉर्ड (Record) बना दिया. उन्होंने बजट इतिहास की अब तक की सबसे लंबी स्पीच पढ़ी.
किसानों को नहीं मिला कुछ भी
इस बजट पर सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा, 'ये बजट इस दशक का पहला दिवालिया बजट है. वित्त मंत्री का लंबा भाषण केवल इसलिये था ताकि जनता बजट को समझ ना पाए. किसान को कुछ मिलने नहीं जा रहा, ना ही उनकी आय दोगुनी होने जा रही है. नौजवनों के लिये नौकरी और बेरोजगारी को लेकर कोई ठोस फैसले नहीं लिये गये हैं.'
सरकार दिखाए आंकड़े
उन्होंने कहा कि जब व्यापारी जीएसटी से मर गया और नौकरियां है ही नहीं तो इनकम टैक्स की सहूलियत दी क्यों जा रही है. जो सरकार सब आंकड़े अपनी सहूलियत के हिसाब से बना देती हो, हम चाहते हैं कि सरकार पूरे देश के सामने इन आंकड़ों को दिखाए.
इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव
बता दें, वित्त मंत्री ने पिछले कुछ समय से सुस्ती की शिकार इंडियन इकोनॉमी को पटरी पर लाने और आम लोगों की जेब में ज्यादा पैसा डालकर उपभोग को बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर नौकरीपेशा वर्ग को राहत दी है. लेकिन ज्यादातर लोग नए टैक्स स्लैब को लेकर उलझन में हैं.
ये हैं दो विकल्प
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस बार करदाताओं को दो विकल्प दिए जा रहे हैं. मान लीजिए आपकी इनकम 10 लाख रुपये सालाना है. इसमें पहले विकल्प का चुनाव कर आप चाहें तो 5 लाख तक की आय को टैक्स फ्री कर बाकी टैक्सेबल इनकम पर स्लैब के मुताबिक कर भुगतान कर सकते हैं. इसके तहत आपको 5 लाख से 7.5 लाख तक की इनकम पर 10 फीसदी, 7.5 लाख से 10 तक पर 15 फीसदी, 10 से 12.5 लाख पर 20 फीसदी , 12.5 लाख पर 25 फीसदी, 15 लाख से ज्यादा 30 फीसदी टैक्स देना होगा. वहीं, दूसरे विकल्प में आप टैक्स की पुरानी व्यवस्था का चुनाव कर सकते हैं. इसके तहत अगर आपकी आय 5 लाख रुपये ज्यादा है तो 2.5 लाख तक की आमदनी टैक्स फ्री रहेगी, लेकिन इसके ऊपर की इनकम पर टैक्स बचाने के लिए निवेश करना पड़ेगा. हालांकि, विकल्प चुनने के लिए आपको अपनी कंपनी को बताना होगा.