जानिए 'सेक्स' के नाम पर गोरखधंधा करने वाले क्लीनिकों का सच, कैसे बन रहे है ठगी के शिकार
लोहिया अस्पताल में मनोवैज्ञानिक विभाग के सीनियर चिकित्सक डॉक्टर देवाशीष कहते हैं कि साइको-सेक्सुअल मेडिसिन या काउंसलिंग से समस्याओं का काफी हद तक हल निकाला जा सकता है. हम लोग मानसिक परेशानियों का भी इलाज करते हैं
घर से बाहर अक्सर किसी भी रास्ते से गुजरते हुए आपको सेक्स से जुड़ा हुआ विज्ञापन दिख जाता होगा. अलग-अलग दवाखानों के अलग-अलग दावे हैं. कहीं किसी विज्ञापन में लिखा होता है 'सेक्स लाइफ को कैसे मधुर बनाएं' तो दूसरी तरफ किसी का दावा होता है कि 'शर्म को छोड़िए और यौन जीवन में उत्साह लाइए' तो कुछ विज्ञापन इस तरह से होते हैं 'सेक्स की समस्या का इलाज 1 मिनट में'.. पान की दुकानों की तरह शहर-शहर, गली-गली फैले हुए नवाबी, खानदानी दवाखाने न जाने कितने नौजवानों और जानकारी न होने वाले लोगों को अपनी तरफ खींच लेते हैं.
नवाबी टाइप वाले खानदानी दवाखाने
यही नहीं आज भी भारतीय समाज में यौन शिक्षा ऐसा मुद्दा है जिस पर खुलकर कोई बात नहीं करता और शायद यही वजह है कि नवाबी टाइप वाले खानदानी दवाखाने बेरोकटोक और धड़ल्ले से खुले हुए हैं और उनकी कमाई क्वालिफाइड डॉक्टरों से कई गुना ज्यादा होती है. अक्सर लोग इस बात को जानने की कोशिश नहीं करते कि सेक्स के नाम पर धंधा करने वाली इन क्लीनिक का सच क्या है.
सेक्स से जुड़े विज्ञापन कानून का उल्लंघन
उत्तर प्रदेश में दवाओं और चमत्कारिक, आपत्तिजनक विज्ञापन से जुड़ा हुआ अधिनियम 1954 में बनाया गया था. इस अधिनियम के अनुसार 'सेक्स ताकत बढ़ाने का विज्ञापन देना औषधि और जादुई उपचार अधिनियम 1954 की धारा तीन का साफ तौर से उल्लंघन है.' सेक्स, जादुई दवाएं, चमत्कारिक बातों से जुड़ा कड़ा कानून होने के बावजूद भी आप हर छोटे-बड़े शहर में इन क्लीनिकों का मकड़जाल पाएंगे. तमाम कोशिशों के बाद भी आज लाखों नौजवान और मध्यम वर्ग के लोग इनके जाल में ठगे जाते रहे हैं.
क्या है सेक्स क्लीनिक का सच
सेक्स के विषय पर सर्च करने वाले और क्वालिफाइड चिकित्सकों का मानना है कि कई बार देखने को मिलता है कि सेक्स की समस्या लाने वाला मरीज मनोवैज्ञानिक रूप से बीमार होता है. हालांकि यह भी सच है कि कुछ मरीजों में इस तरह की समस्याएं होती हैं. लेकिन उसका वैज्ञानिक पद्धति से इलाज मौजूद है. लोहिया अस्पताल में मनोवैज्ञानिक विभाग के सीनियर चिकित्सक डॉक्टर देवाशीष कहते हैं, 'साइको-सेक्सुअल मेडिसिन या काउंसलिंग से समस्याओं का काफी हद तक हल निकाला जा सकता है. हम लोग मानसिक परेशानियों का भी इलाज करते हैं और कई बार देखने को मिलता है कि मनोवैज्ञानिक रूप से समझाने पर ही कई चीजों का हल निकल आता है.'उधर, जानकार मानते हैं कि भारत में यौन जीवन से जुड़ी कोई पुस्तक अगर पढ़ाई के सिलेबस में जुड़ जाए तो उसका काफी लाभ मिल सकता है. भारतीय समाज में एक बड़ी समस्या शर्म से जुड़ी हुई भी है. अक्सर यौन जीवन में प्रवेश करने वाले लोगों को अगर कोई दिक्कत या परेशानी होती है तो वो इसका किसी से जिक्र नहीं करते हैं. ऐसे में एक बात और भी जरूरी हो जाती है कि जिन लोगों को इस तरह की परेशानी हो उन्हें शर्म और लाज छोड़कर खुलकर बात करनी चाहिए. विशेष तौर से उन्हें सेक्स क्लीनिकों के नाम पर गोरखधंधा करने वालों के मकड़जाल से बचना चाहिए.
सेक्स पावर बढ़ाने के नाम पर एलोपैथी दवाओं का इस्तेमाल
नाम न बताने की शर्त पर इस तरह का गोरखधंधा करने वाले कुछ क्लीनिक के मालिकों से बातचीत की तो उन्होंने इस बात को माना कि 'वो अपने काम में बहुत ज्यादा ईमानदार नहीं है.' चौंकाने वाली बात यह भी है कि कुछ गोरखधंधा करने वाले क्लीनिक के लोग 'वियाग्रा' जैसी दवाओं का इस्तेमाल भी आयुर्वेद के नाम पर सेक्स की दवा लेने वाले लोगों को दे देते हैं. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जो आदमी आयुर्वेद, यूनानी और जड़ी-बूटी के नाम पर यौन इच्छा की ताकत को बढ़ाने की दवा ले रहा है उसके साथ धोखा होता है.