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मिशन 2022 के लिए ओमप्रकाश राजभर के मोर्चे की तैयारी, छोटी पार्टियों को जोड़कर साध रहे निशाना

ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने कहा कि भारतीय वंचित समाज पार्टी के रामकरण कश्यप और केवट बिंद ने भी भागीदारी मोर्चे से खुद को जोड़ लिया है और इस तरह से भागीदारी मोर्चा अभी तक 7 छोटी पार्टियों का मोर्चा हो गया है.
मिशन 2022 की तैयारियों का नजारा उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) में दिखने लगा है. योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के नेता ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने मोर्चे के विस्तार का ऐलान किया है. 10 दिसंबर 2019 में ही मोर्चा का गठन हो गया था, लेकिन अब ये मोर्चा मिशन 2022 के लिए जमकर काम करेगा. छोटी-छोटी पार्टियां जुड़ रही हैं.

मोर्चे के नेता ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि भारतीय वंचित समाज पार्टी के रामकरण कश्यप और केवट बिंद ने भी भागीदारी मोर्चे से खुद को जोड़ लिया है और इस तरह से भागीदारी मोर्चा अभी तक 7 छोटी पार्टियों का मोर्चा हो गया है. ओमप्रकाश राजभर का कहना है कि बीजेपी पिछड़ों की दुश्मन है, वो न्याय देने के बजाए पिछड़ों के साथ अन्याय कर रही है. मंदिर आंदोलन के लिए पिछड़ों का इस्तेमाल किया और ट्रस्ट में पिछड़ों को कोई जगह नहीं मिला.

ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी सरकार पर लगाए कई आरोप
उन्होंने कहा कि 30 मई 2018 को सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट आकर पड़ी हुई है. उसमें विभाजन सात 11 और 9 पिछड़ा, अति पिछड़ा और सर्वाधिक पिछड़ा उसको रद्दी की टोकरी में डाल दिया है. उत्तरप्रदेश में लगभग 1400 थाने हैं, लेकिन पिछड़ों की हिस्सेदारी नहीं है. प्रमोशन में आरक्षण खत्म कर उच्च पदों पर पिछड़ों के पहुंचने से रोका जा रहा है. सार्वजनिक संपत्तियों को बेचने के पीछे भी उद्देश्य खराब है.

38 फीसदी पिछड़ा वर्ग ही बनाता है सरकार 
राजभर की मानें तो 38 फीसदी प्रदेश का पिछड़ा ही किसी भी दल का सरकार बनवा रहा है, और उनकी कोशिश 38 फीसदी को भागीदारी संकल्प मोर्चा से जोड़ने की है. बीजेपी के साथ मिलकर 2017 का चुनाव लड़े ओमप्रकाश राजभर 2022 का चुनाव भागीदारी मोर्चे के बैनर तले लड़ने की बात कर रहा हैं. उनका कहना है कि मोर्चा सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगा. सुभासपा नेता अरुण राजभर कहते हैं कि भागीदारी संकल्प मोर्चे में उनसबकी भागीदारी महत्वपूर्ण होगी, जो दलित शोषित और वंचित हैं, चाहे वो किसी भी जाति या धर्म से हों.

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