वर्तमान यूपी के एक भी जिले के कप्तान नहीं रहे कार्यवाहक डीजीपी, 35 साल की नौकरी में ये 33वीं तैनाती
बता दें 1985 बैच के आईपीएस (IPS) अफसर हितेशचंद्र अवस्थी मूल रूप से लखनऊ (Lucknow) के ही रहने वाले हैं. अपनी 35 साल की नौकरी में उनकी ये 33वीं पोस्टिंग है.
ओपी सिंह (OP Singh) के रिटायरमेंट (Retirement) के साथ ही हितेश चंद्र अवस्थी (Hitesh Chandra Awasthi) ने यूपी के कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर शुक्रवार शाम कार्यभार संभाल लिया है. चार्ज लेने के साथ हितेशचंद्र अवस्थी ने कहा कि यूपी पुलिस पूरी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के साथ काम करेगी. कार्यवाहक डीजीपी ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध पर रोक लगाना प्राथमिकता होगी.
बता दें 1985 बैच के आईपीएस अफसर हितेशचंद्र अवस्थी मूल रूप से लखनऊ के ही रहने वाले हैं. अपनी 35 साल की नौकरी में उनकी ये 33वीं पोस्टिंग है. खास बात ये है कि हितेशचंद्र अवस्थी अपनी सर्विस के दौरान वर्तमान उत्तर प्रदेश के एक भी जिले के कप्तान नहीं रहे हैं. जिला कप्तान के रूप में हितेशचंद्र अवस्थी सिर्फ टिहरी गढ़वाल और हरिद्वार के एसपी रहे हैं. ये दोनों जिले अब उत्तराखंड में हैं. अपनी सर्विस के दौरान हितेशचंद्र अवस्थी कुछ महीनों के लिए आगरा और आजमगढ़ रेंज के डीआईजी भी तैनात हुए.
हितेशचंद्र अवस्थी 1994 से 2001 तक और फिर 2005 से 2013 तक सीबीआई में तैनात रहे हैं. 2 सितंबर 2013 से 2016 तक यूपी के एडीजी क्राईम रहे अवस्थी 2017 से डीजी विजिलेंस के पद पर तैनात थे. ओपी सिंह से चार्ज लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए हितेशचंद्र अवस्थी ने प्राथमिकताएं बताई.
कार्यवाहक डीजीपी ने कहा कि शासन के आदेश पर कार्यवाहक डीजीपी के तौर कार्यभार ग्रहण किया है.
कार्यवाहक डीजीपी की ये हैं प्राथमिकताएं
आम लोगों के साथ थाना पुलिस हो या बीट पुलिस सबका जनता से बेहतर व्यवहार हमारी प्राथमिकता होगी ,हम ऐसा व्यवहार देंगे कि कोई हम पर उंगली न उठाने पाए. सॉफ्ट स्किल्स के लिए बेहतर पुलिस ट्रेनिंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. राजधानी लखनऊ के लिए कार्यवाहक डीजीपी ने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रहे ये हमारी प्राथमिकता में होगा. बदलते समय के साथ फारेंसिक, साइंटिफिक तरीकों से साईबर अपराधों को रोकने पर काम किया जाएगा. बेसिक पुलिसिंग की रीढ़ बीट प्रणाली को इफेक्टिव किया जाएगा और इसपर पुराने डीजीपी के इनोवेशन्स को आगे बढ़ाया जाएगा. स्मार्ट पुलिसिंग पर जो गृह मंत्रालय के निर्देश हैं उसका पालन होगा. महिला और बाल अपराधों को नियंत्रित करते हुए नई जेनेरेशन के क्राईम साइबर क्राइम को रोकना है.