उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली दवाओं के सैंपल फेल, मंत्री बोले- अब बदलेगी व्यवस्था!
उत्तर प्रदेश में दवाओं का मामला अभी भी सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले 3 महीनों में सूबे के अधिकतर जिलों से दवाओं के सैंपल फेल होने की शिकायत आती रही है. एफएसडीए लगातार अपनी रिपोर्ट में कहता रहा है कि सूबे में कई दवाओं की गुणवत्ता अधोमानक से कम है.
उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals) में दवा की उपलब्धता के लिए सरकार ने प्रदेश में मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन का गठन किया था. पिछले कुछ महीनों के आंकड़ों को देखे तो जिलों में दवा भेजने का जिम्मा लेने वाले मेडिकल कारपोरेशन की करीब 17 दवाओं का सैंपल सरकारी लैब में फेल हो चुके हैं. दरअसल जब दवाएं फेल जो जाती हैं तो उनका वितरण रोक दिया जाता है. सवाल उठता है कि आखिर ऐसी दवाएं ही क्यों सरकार खऱीदती है या टेंडर करती है, जो मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं.
यूपी में दवाओं का मामला अभी भी सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले 3 महीनों में सूबे के अधिकतर जिलों से दवाओं के सैंपल फेल होने की शिकायत आती रही है. एफएसडीए लगातार अपनी रिपोर्ट में कहता रहा है कि सूबे में कई दवाओं की गुणवत्ता अधोमानक से कम है.
इन दवाओं का सैंपल हुआ फेल
1- सीएमसी आई ड्रॉप: आंखों के लिए
2 - इंजेक्शन डोबिटामिन : जीवन रक्षक दवा
3 - टेबलेट एरिथ्रोमाइसिन : गले में इंफेक्शन के लिए एंटीबायोटिक
4 - नियोस्पोरिन पाउडर : जख्म को सुखाने के लिए5 - लिग्नोकेन जेली : आग से झुलसे मरीजों के लिए
6 - इंजेक्शन आर्टिसोनेट : मलेरिया की दवा
7 - इंजेक्शन लिग्नोकेन विद एडीनोलिन : आपरेशन से पहले मरीज को बेहोश करने के लिए
8 - नियोमाइसिन बेसीट्रेसिन विद जिंक पाउडर : फोड़ा-फुंसी को सुखाने की दवा
वहीं मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन की तरफ से मेसर्स हिमालया मेडिटेक प्राइवेट लिमिटेड की रैनिटीडाइन हायड्रोक्लोराइड इंजेक्शन, डोबुटामाइन हायड्रोक्लोराइड इंजेक्शन, मेसर्स ओमेगा फार्मा की ओर से एरिथ्रोमाइसिन स्ट्रेटस टैबलेट की आपूर्ति की गई थी जो जांच में फेल हो गए. पूरे मामले में हाल ही में स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा संभालने वाले मंत्री जय प्रताप सिंह कहते हैं कि अब मेडिकल कारपोरेशन से किसी भी दवा का वितरण नमूनों की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही होगा. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि मार्च के बाद पूरी व्यवस्था बदली जा रही है. पहले दवा वितरण के बाद चेकिंग होती थी लेकिन अब बिना दवाओं को चेक किए जिलों में नहीं भेजा जाएगा ताकि भविष्य में कोई परेशानी ना हो.
आम तौर से पेट दर्द या गैस की समस्या होने पर लोग रैनिटीडाइन का उपयोग करते हैं, लेकिन लैब में रैनिटीडाइन कै सैंपल भी फेल हो गया, डोबूटामाइन हृदय संबंधी व एरिथ्रोमाइसिन का प्रयोग गले का संक्रमण कम करने के लिए किया जाता है. शासन के निर्देशानुसार रैनिटीडीन का नमूना जांच के लिए क्षेत्रीय औषधि प्रयोगशाला चंडीगढ़, डोबूटामाइन का नमूना एम्पैनल्ड प्रयोगशाला मेसर्स मनीषा एनालाइटिकल प्राइवेट लिमिटेड व एरिथ्रोमाइसिन का नमूना सीडीएन कोलकाता भेजा गया था लेकिन ये नमूने भी फेल थे.