काशी-महाकाल एक्सप्रेस नियमित सफर पर रवाना, बी-5 से पैंट्रीकार में पहुंचा शिवजी का मंदिर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी से इंदौर के लिए शुरू हुई देश की तीसरी कारपोरेट ट्रेन काशी-महाकाल एक्सप्रेस गुरुवार को अपने नियमित सफर पर रवाना हुई। उद्घाटन रन के दौरान विवाद का विषय बना बी-5 के 64 नंबर बर्थ का शिवमंदिर आज पैंट्रीकार में भेज दिया गया। ट्रेन के रवाना होने से पहले यहां विधिवत पूजापाठ की गई। बताया गया कि अब हमेशा मंदिर यहीं रहेगा और नियमित तौर पर पूजा पाठ होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 फरवरी को इस ट्रेन की शुरुआत की थी। उद्घाटन रन पर रवाना होते ही ट्रेन ने विवादों को जन्म दे दिया था। बी-5 की 64 नंबर बर्थ पर भगवान शिव का मंदिर दिखाई दिया। उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने तब कहा, ''ऐसा पहली बार हुआ है जब एक सीट भगवान शिव के लिए आरक्षित और खाली रखी गई है।" उन्होंने कहा, ''सीट पर एक मंदिर भी बनाया गया है ताकि लोग इस बात से अवगत हों कि यह सीट मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल के लिए है।” इसी के बाद विवाद शुरू हो गया।
सोशल मीडिया पर इससे संबंधित खबरें वायरल हुईं तो सबसे पहले हैदराबाद के सांसद ओवैसी सामने आए। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े किए। ट्रेन में मंदिर की खबर को रिट्वीट करते हुए ओवैसी ने पीएमओ को टैग किया। ट्वीट के साथ ओवैसी ने संविधान की प्रस्तावना भी शेयर की। विवाद बढ़ते ही आईआरसीटीसी सामने आई। उसने इस सीट को हमेशा के लिए रिजर्व करने की बात से इनकार किया। बताया कि नियमित सफर शुरू होने पर यह सीट यात्रियों के लिए आरक्षित की जाएगी।
गुरुवार को जब ट्रेन नियमित सफर के लिए स्टेशन पहुंची तो कई लोग जिज्ञासावश बी-5 कोच के 64 नंबर बर्थ पर पहुंचे। पता चला कि यहां बना मंदिर अब ट्रेन की पैंंट्रीकार में स्थापित कर दिया गया है। ट्रेन रवाना होने से पहले पैंट्रीकार में विधिवत पूजा-अर्चना भी हुई। ट्रेन के रवाना होने तक 64 नंबर बर्थ खाली ही रही। बताया गया कि ट्रेन की सभी सीटें बुक हो गई हैं लेकिन यह बताने वाला कोई नहीं था कि पहले दिन यह बर्थ कहां से औऱ किसके नाम बुक हुई है।
रवानगी से पहले रेल और आईआरसीटीसी अफसरों ने पूजा-अर्चना भी की। प्लेटफार्म पर आज भी उत्सव जैसा माहौल दिखा। प्लेटफार्म पर ट्रेन के आने के पहले अयोध्या से आई मंडली के भजन से माहौल भक्तिमय हो गया था। पैंट्रीकार के कर्मचारी केसरिया लिबास में तैयार थे। करीब डेढ़ बजे ट्रेन प्लेटफार्म पर आई तो पैंट्रीकारकर्मी कोच के गेटों के पास खड़े हो गये। उन्होंने पहली बार यात्रा करने वाले लोगों पर फूल बरसाकर और तिलक लगाकर स्वागत किया।
ट्रेन के भीतर का माहौला भी भक्तिमय बना रहा। महादेव के भजन बजते रहे। पहली बार ट्रेन से यात्रा करने वाले लोगों को आईआरसीटीसी की ओर से उपहार दिये गये। इस मौके पर लखनऊ मंडल के एडीआरएम रविप्रकाश चतुर्वेदी, आईआरसीटीसी के सीआरएम अश्वनी श्रीवास्तव, कैंट स्टेशन निदेशक आनंद मोहन मौजूद रहे।