पूर्व CM अखिलेश यादव के रिश्तेदार हुए ठगी का शिकार, तीन के खिलाफ मामला दर्ज
कादरपुर निवासी सौरव यादव पुत्र प्रेमपाल यादव उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Ex CM Akhilesh Yadav) के नजदीकी रिश्तेदार हैं और वह गांव कादरपुर के प्रधान भी रह चुके हैं.
उत्तर प्रदेश के जनपद कासगंज में पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के रिश्तेदार ठगी के शिकार हो गए हैं. उन्होंने तीन नामजद लोगों के खिलाफ कोतवाली सदर में मुकदमा दर्ज कराया है. बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के रिश्तेदार कासगंज में सात लाख रुपये की ठगी का शिकार हुए हैं. एक साल पहले हुई इस ठगी के मामले में जब जालसाज ने धनराशि लौटाने और भूखंड का बैनामा करने से मना कर दिया तो पीड़ित सपा नेता ने कासगंज कोतवाली में तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.
जमीन का बैनामा कराने के नाम पर ठगी
कोतवाली सदर क्षेत्र के गांव कादरपुर निवासी सौरव यादव पुत्र प्रेमपाल यादव उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नजदीकी रिश्तेदार हैं और वह गांव कादरपुर के प्रधान भी रह चुके हैं. उन्होंने कोतवाली सदर में मुकदमा दर्ज कराकर जमीन का बैनामा कराने के नाम पर ठगी का आरोप लगाया है. सपा नेता सौरव यादव का आरोप है कि एक वर्ष पहले सहावर थाना क्षेत्र के गांव कुंवरपुर निवासी चिंटू उर्फ शैलेंद्र ने एक जमीन का सौदा कराया था. इसमें भूखंड मानपुर नगरिया के बाबर की मां फातिमा के नाम से था, जिसका आरोपियों ने सात लाख रुपये में बैनामा कराने की बात कही थी. लेकिन आरोपी बैनामा नहीं करा सके.
पुलिस ने जांच शुरू की
सौरभ यादव ने पुलिस को बताया कि उनके बहनोई सेना में कर्नल हैं जो असम में तैनात हैं. वे कासगंज में जमीन तलाश रहे थे. इसलिए उन्होंने अपने बहनोई के लिए जमीन का सौदा तय किया था. उन्होंने छह लाख रुपये चिंटू के खाते में डाले थे और एक लाख का भुगतान बाबर की मां के खाते में कर दिया था. आरोपी एक साल तक बैनामा के लिए टालते रहे. जब हमने बैनामा कराने की या धनराशि वापस करने की बात कही तो आरोपियों ने दोनों ही बातों से इनकार कर दिया. फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.
मुक़दमे में गृह मंत्रालय के आदेश का हवाला दिया है, जिसमें प्रदेश सरकार की ओर से अधिकारियों को निर्देश किया गया है कि सेना में तैनात जवानों और अफसरों के मामले प्राथमिकताएं से निपटाएं.